कैमूर(भभुआ): किसान नेता राकेश टिकैत और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने रविवार को ट्रैक्टर जुलूस निकाला. जुलूस मोहनिया से जिला मुख्यालय भभुआ धरना स्थल (Rakesh Tikait reached bhabhua) पहुंचा. यह जुलूस 14 किलोमीटर दूर से चलकर भभुआ समाहरणालय पर पहुंचा. उसके बाद धरना दिया गया. सैकड़ों की संख्या में जिला के कोने कोने से किसान पहुंचे थे. किसानों ने राकेश टिकैत और सुधाकर सिंह का स्वागत किया.
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"बिहार की धरती पर सूरज का प्रकाश पहले आता है, इसलिए हम चाहेंगे किसानों का आंदोलन बिहार से ही शुरू हो तब देखा जाएगा कि सरकार किसानों के पक्ष में है या विपक्ष में. तब तक आंदोलन चलता रहेगा"- राकेश टिकैत, किसान नेता
आंदोलन की चेतावनीः किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार अगर किसानों की बात नहीं मानती है और किसानों का उचित मुआवजा जमीन का नहीं देती है तो पूरे बिहार के किसान एक हो जाएंगे. बिना परमिशन के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. फिर भी सरकार नहीं मानी तो पटना के गांधी मैदान में पूरे बिहार के किसान पहुंचकर धरना प्रदर्शन करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार पर ही सूरज का प्रकाश पहले आता है, इसलिए हम चाहेंगे किसानों का आंदोलन बिहार से ही शुरू हो तब देखा जाएगा कि सरकार किसानों के पक्ष में है या विपक्ष में. तब तक आंदोलन चलता रहेगा.
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क्या है किसानों की मांगः किसानों का मांग है कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनाये जा रहे एक्सप्रेसवे एवं एनएच 219 बायपास के लिए भूमि अधिग्रहण में किसानों को बाजार मूल्य पर मुआवजा दिया जाए. भूमि अधिग्रहण के लिए भूमि की प्रकृति के निर्धारण करते समय आबादी से सटे एवं सड़क से सटे भूमि की प्रकृति को ध्यान रखा जाए. कैमूर की भूमि बहुफसलीय है, इसका भी ध्यान मुआवजा देते समय रखा जाए.
ये मांग भी रखीः मुआवजा के अलावा किसानों ने बिहार में मंडी कानून लागू करने की मांग की है. उर्वरक एवं बीज की समय उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. किसानों को फसल सुरक्षा एवं समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी एवं बकाया बिजली बिल माफी किया जाना शामिल है. किसानों का सरकारी अधिकारियों के द्वारा शोषण बंद करने, मजदूरों का निबंधन बीमा एवं बेकारी भत्ता की गारंटी देने की भी मांग की गयी है.
मजदूरी भुगतान की मांगः मनरेगा मजदूरी में वृद्धि एवं बकाया मजदूरी का जल्द भुगतान करने, भूमि अधिग्रहण में पूर्ण रूप से भूमि गंवाने वाले किसानों को भूमि एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाए तथा भूमिहीन गरीब मजदूरों के आवास को अतिक्रमण से मुक्त रखा जाए.