कैमूरः जन अधिकार पार्टी ने बिहार में चुनावी बिगुल फूंक दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शाहाबाद की धरती कैमूर से चुनावी तैयारी का सिलसिला शुरू किया. जहां उन्होंने ऐलान किया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 4 माह के अंदर बिहार में टैक्स फ्री कर देंगे.
जनता से टैक्स फ्री करने का किया वादा
दरअसल जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक पप्पू यादव नगर पालिका में पार्टी के मिलन समारोह में शामिल होने भभुआ पहुंचे थे. जहां उन्होंने आम लोगों को संबोधित करते हुए बिहार में टैक्स फ्री करने समेत कई वादे किए. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो छोटे व्यापारियों, किसानों और 40 हजार प्रति माह इनकम वाले परिवारों से टैक्स नहीं लिया जाएगा.
'नेताओं, पदाधिकारियों से मांगा जाएगा संपत्ति का ब्योरा'
पप्पू यादव ने अपने भाषण में तीन घोषणाएं की, उन्होंने कहा कि अगर सत्ता में आते हैं तो सबसे पहले नेताओं, पदाधिकारियों, माफियाओं, दलालों और अपराधियों से 15 दिनों के अंदर संपत्ति का ब्योरा लेंगे, अगर वो 15 दिनों के अंदर संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध नहीं करवाते हैं तो अगले दिन संपत्ति को सीज कर गरीबों में बाट दिया जाएगा.
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3 साल के अंदर सारे वादे निभाने की कही बात
वहीं, जाप संरक्षक ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देंगे कि 3 सालों के अंदर अपने सारे वादे निभाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि पूरे प्रदेश में सीसीटीवी कैमरा 3 महीनों के अंदर सभी सरकारी दफ्तरों समेत अन्य जगहों पर लगाएंगे. जिसकी मॉनिटरिंग पटना से खुद करेंगे और यदि किसी सरकारी ऑफिस में दलाल दिख जाएंगे तो उन्हें जेल भेजा जाएगा. उनके साथ अधिकारियों को 12 घंटों के भीतर बर्खास्त करेंगे.
'2 शिफ्टों में काम करेगा पूरा एडमिनिस्ट्रेशन'
पप्पू यादव ने कहा कि पूरा एडमिनिस्ट्रेशन 2 शिफ्टों में काम करेगा. अलग-अलग शिफ्टों के लिए 2 डीएम और 2 एसपी की नियुक्ति की जाएगी. प्रदेश में जितनी भी ठेकेदारी का काम होगा, वैसे बेरोजगार युवाओं को मिलेगा जिनकी सालाना आय 3 लाख से कम हो और बेरोजगार हों, माफियाओं को कोई भी टेंडर नहीं दिया जाएगा.
नीतीश सरकार पर एस्टीमेट घोटाले का आरोप
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए पप्पू यादव ने कहा कि सरकार एस्टीमेट घोटाला करती है. हाइकोर्ट के पास स्तिथ संग्रहालय का टेंडर 813 करोड़ में हुआ और फाइनल 4332 करोड़ में, बापू सभागार का टेंडर 368 करोड़ का हुआ फाइनल 1300, एमएलसी भवन का टेंडर 21 करोड़ में हुआ फाइनल 68 करोड़. आखिर 10 करोड़ के काम को सरकार 100 करोड़ में क्यों पूरा कर रही है. जनता के पैसों का गबन कर रही है. यह एक बहुत बड़ा एस्टीमेट घोटाला है.