कैमूर (भभुआ): एक तरफ प्रदेश सरकार बच्चों को स्कूल में अधिक से अधिक आए और स्वच्छ स्कूल रहे इसके लिए कायाकल्प के तहत लाखों रुपए खर्च कर रही है. वहीं, गांव के कुछ लोग विद्यालय परिसर को अपना खलिहान (Barn Made Of Pre Secondary School) बना रखा है. बच्चों को खेलने में परेशानी उठानी पड़ती है. विद्यालय परिसर में धान का बोझा रखने से बच्चे विद्यालय परिसर में खेल नहीं पाता जिससे बच्चों का पढ़ाई में भी मन नहीं लग पा रहा है.
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मामला भगवानपुर प्रखण्ड के केसर पंचायत के बहुरी न्यू प्राथमिक विद्यालय का है. जहां ग्रामीण स्कूल में बाउंड्री नहीं होने का हवाला देते हुए धान का बोझा स्कूल परिसर में ही रख रहे हैं. स्कूल के शिक्षकों के माध्यम से कई बार ग्रामीणों को मना किया जाता रहा है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. स्कूल में धान रखा होने से बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रहा है. जिससे बच्चे न ढंग से पढ़ पा रहे और न ही खेल पा रहे हैं.
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'स्कूल 1-5 कक्षा तक चलता है. जिसमें 75 बच्चे पढ़ते हैं. धान की खेती के बाद किसान स्कूल के चारों तरफ धान का बोझा रख देते हैं. जिससे बच्चों को पढ़ाई के दौरान काफी परेशानी होती है. धान का बोझा स्कूल परिसर में रखकर अतिक्रमण कर लिया गया है.' -अलका राय, एचएम
गांव के किसान अनूप कुमार सिंह का कहना है कि बगल में खेती होती है और स्कूल की बाउंड्री नहीं है. स्कूल में धान का बोझा रखा गया है जल्द ही हटा दिया जाएगा. अब सवाल यह उठता है कि स्कूल परिसर को अब तक बाउंड्री क्यों नही किया गया. बाउंड्री नहीं होने से किसान स्कूल को खलिहान बना रहे हैं और असमाजिक तत्व स्कूल परिसर में तोड़फोड़ कर रहे हैं.
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