कैमूर: नगर परिषद भभुआ ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम कदम उठाये हैं. ग्रीन भभुआ, क्लीन भभुआ के सपनों को साकार करने के लिए नगर परिषद नें कचड़े से खाद बनाने का नया तरीका अपनाया है. इसके लिए नगर परिषद ने शहर में एक प्लांट लगाया है.
6 रुपये प्रति किलो की दर से मिलेगी खाद
नगर परिषद के मुताबिक आने वाले दिनों में ऐसे 3 प्लांट और लगाए जाएंगे, जहां कचरे से खाद बनाई जाएगी. ईटीवी भारत से बातचीत में नगर परिषद के सैनेटरी इंस्पेक्टर संजीत कुमार ने बताया कि नगर परिषद के कर्मी रोजाना सुबह डोर टू डोर कचरा लेते हैं और फिर सूखे और गीले कचरे को अलग किया जाता है. गीले कचरे को इस प्लांट पर लाया जाता है जहां खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है. इसके बाद खाद पैक कर नगर परिषद द्वारा 6 रुपये प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराया जाता है.
पूरी प्रक्रिया में लगता है 6-7 सप्ताह का समय
सैनेटरी इंस्पेक्टर संजीत कुमार बताया कि डाभ के छिलके, पेड़ के टूटे पत्ते और गाय के गोबर को गीले कचरे में मिक्स किया जाता है. 1 लीटर माइनर केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे 4-5 क्विंटल खाद तैयार होती है. पूरी प्रक्रिया में 6-7 सप्ताह का समय लगता है. जैसे ही खाद तैयार हो जाती है, उसकी पैकिंग की जाती है. परिषद सस्ते दरों में किसानों को खाद उपलब्ध कराता है. उन्होंने बताया कि ये खाद एकदम प्राकृतिक है और किसी भी तरह के केमिकल से मुक्त होती है.
अब 30 घंटों में होगा खाद का निर्माण
सैनेटरी इंस्पेक्टर संजीत कुमार कहते हैं कि दूसरे खादों की तुलना में प्राकृतिक होने के कारण इसका लाभ अधिक हैं. इसको देखते हुए नगर परिषद द्वारा मशीन लगाने की योजना है. मशीन 30 घंटों में खाद का निर्माण कर देगी. उन्होंने बताया कि जनसंख्या और एरिया को देखते हुए नगर परिषद ने ऐसे 3 प्लांट और लगाने का निर्णय लिया है. प्रस्ताव पारित होते ही प्लांट लगाए जाएंगे.