कैमूर: सीएम नीतीश कुमार ने 8 जनवरी 2019 को जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत कैमूर पहाड़ी पर स्तिथ करकटगढ़ जलप्रपात को इको टूरिज्म बनाने की घोषणा की थी. उन्होनें यह भी ऐलान किया था कि इस जलप्रपात में मगरमच्छ संरक्षण केन्द्र भी बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री के घोषणा के 8 माह से अधिक हो गए, लेकिन आज भी जमीनी स्तर पर कुछ काम नही हो सका है. दूसरी तरफ वन विभाग कैमूर का दावा है कि डीपीआर तैयार कर सरकार को भेज दिया गया है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई सूचना उपलब्ध नही हुई है.
सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी खतरनाक
ईटीवी भारत ने जब इस पर्यटक स्थल का जायजा लिया तो पाया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहाँ कुछ काम नहीं हुआ है. पर्यटक आसानी से बिना किसी रोक-टोक के झील से महज 5 फीट की दूरी पर खड़े होकर प्राकृतिक दृश्य का आनंद ले सकते हैं. वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह काफी खतरनाक है. पीछे पानी की तेज धार और सैकड़ो फीट की गहराई में कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है.
सीएम ने दिए थे घेराबन्दी के आदेश
आपकों बता दें की सीएम ने पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से घेराबन्दी कराने को कहा था, लेकिन आज भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से करकटगढ़ में कुछ मौजूद नही है. सीएम के आने से कुछ काम तो हुआ है, लेकिन अभी भी काम आधा-अधूरा है. वहीं डीएफओ विकास अहलावत ने बताया कि विभाग के द्वारा सरकार को डीआरपी तैयार कर भेज दिया गया है. सरकार से आदेश प्राप्त होते हीं इको टूरिज्म और मगरमच्छ संरक्षण पर काम शुरू किया जाएगा.
करकटगढ़ जलप्रपात में 25-30 मगरमच्छ
आपकों बतादें कि कर्मनाशा नदी पर कैमूर वन प्राणी क्षेत्र अंतर्गत इस जलप्रपात में मगरमच्छ की अच्छी खासी संख्या है. वन विभाग की माने तो इस जलप्रपात में 25 से 30 मगरमच्छ हैं, जो सालोभर यहीं रहते हैं. इस जलप्रपात की ऊँचाई करीब 35 फीट है और यह जलप्रपात जिला मुख्यालय भभुआ से 50 किमी की दूरी पर कैमूर पहाड़ी में स्तिथ है.
शिमला और देहरादून की वादियों से कम नहीं है
आपको बता दें कि यहां की खूबसूरती शिमला और देहरादून की वादियों से कम नहीं है. कैमूर पहाड़ी की गोद में कई कुंड बसे हैं. यहां मंझार कुंड, सीता कुंड और धुंआ कुंड मौजूद है. बिहार के कई हिस्सों से यहां पर लोग पहुंचते हैं और इन खूबसूरत वादियों का मजा लेते हैं. इन खूबसूरत वादियों के बीच बसे झरने को देखकर लोगों का दिल बाग-बाग हो जाता है. लोग झरने में नहाकर भी यहां का लुप्त उठाते हैं.