ETV Bharat / state

कैमूर: इस गांव के लोगों को मोबाइल से बात करने के लिए जाना पड़ता है 15 किमी दूर - There is no mobile tower in the village

कदहर कला गांव के ग्रामीण बताते हैं कि अगर गांव में कोई अनहोनी होती है तो पुलिस को थाने पर जाकर सूचना देनी पड़ती है. सड़क के अभाव में प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में 5-6 घंटे लगते हैं.

kaimur
kaimur
author img

By

Published : Apr 21, 2020, 7:44 PM IST

कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ से 72 किमी दूर स्थित और चारों तरफ से पहाड़ से घिरे अधौरा प्रखंड के कदहर कला गांव में लोग आज भी 20वीं सदी में जी रहे हैं. 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया में गांव के कुछ लोगों के पास मोबाइल तो हैं, लेकिन नेटवर्क के लिए उन्होंने जटिल पहाड़ियों का सफर कर 15 किमी प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है. अगर किसी को मोबाइल पर बात करनी होती है तो उसे 6 घंटे तक लगातार पैदल चलना पड़ता है.

kaimur
गांव में नहीं है मोबाइल टावर

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि 21वीं सदी के इस डिजिटल इंडिया में भी लोग इतने पिछड़े हैं कि उन्हें देश दुनिया तो दूर अपने जिला मुख्यालय तक की खबर नहीं मिल पा रही. अधौरा प्रखंड में करीब 108 गांव हैं, जिसमें 80 से ज्यादा ऐसे गांव हैं जहां आज भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है. डिजिटल इंडिया यहां के ग्रामीणों के लिए एक ऐसा सपना है जो हर रोज टूटता है.

kaimur
kaimur

प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में लगते हैं 6 घंटे
कदहर कला गांव के ग्रामीण बताते हैं कि अगर गांव में कोई अनहोनी होती है तो पुलिस को थाने पर जाकर सूचना देनी पड़ती है. सड़क के अभाव में प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में 5-6 घंटे लगते हैं. पुलिस को जब तक जानकारी मिलती है तबतक घटना घट चुकी होती है. यही नहीं पहाड़ियों की चढ़ाई के दौरान तो न जाने कितने मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन सदियों पुराने इस गांव में आजतक संचार की कोई सुविधा नहीं है.

kaimur
कैमूर में परेशान लोग

मोबाइल में नहीं आता नेटवर्क
ग्रामीणों ने बताया कि मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ गाना सुनने में किया जाता है. अगर किसी को कोई आपातकालीन जरूरत होती है तो पहाड़ की चढ़ाई कर 15 किमी की दूरी तय कर अधौरा जाना होता है और फिर मोबाइल में नेटवर्क आता है.

वीडियो

कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ से 72 किमी दूर स्थित और चारों तरफ से पहाड़ से घिरे अधौरा प्रखंड के कदहर कला गांव में लोग आज भी 20वीं सदी में जी रहे हैं. 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया में गांव के कुछ लोगों के पास मोबाइल तो हैं, लेकिन नेटवर्क के लिए उन्होंने जटिल पहाड़ियों का सफर कर 15 किमी प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है. अगर किसी को मोबाइल पर बात करनी होती है तो उसे 6 घंटे तक लगातार पैदल चलना पड़ता है.

kaimur
गांव में नहीं है मोबाइल टावर

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि 21वीं सदी के इस डिजिटल इंडिया में भी लोग इतने पिछड़े हैं कि उन्हें देश दुनिया तो दूर अपने जिला मुख्यालय तक की खबर नहीं मिल पा रही. अधौरा प्रखंड में करीब 108 गांव हैं, जिसमें 80 से ज्यादा ऐसे गांव हैं जहां आज भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है. डिजिटल इंडिया यहां के ग्रामीणों के लिए एक ऐसा सपना है जो हर रोज टूटता है.

kaimur
kaimur

प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में लगते हैं 6 घंटे
कदहर कला गांव के ग्रामीण बताते हैं कि अगर गांव में कोई अनहोनी होती है तो पुलिस को थाने पर जाकर सूचना देनी पड़ती है. सड़क के अभाव में प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में 5-6 घंटे लगते हैं. पुलिस को जब तक जानकारी मिलती है तबतक घटना घट चुकी होती है. यही नहीं पहाड़ियों की चढ़ाई के दौरान तो न जाने कितने मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन सदियों पुराने इस गांव में आजतक संचार की कोई सुविधा नहीं है.

kaimur
कैमूर में परेशान लोग

मोबाइल में नहीं आता नेटवर्क
ग्रामीणों ने बताया कि मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ गाना सुनने में किया जाता है. अगर किसी को कोई आपातकालीन जरूरत होती है तो पहाड़ की चढ़ाई कर 15 किमी की दूरी तय कर अधौरा जाना होता है और फिर मोबाइल में नेटवर्क आता है.

वीडियो
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.