कैमूर-(भभुआ): बिहार के कैमूर में विद्याभूषण डिग्री कॉलेज की सचिव डॉ प्रभावती (Prabhavati Secretary of Degree College) के अथक प्रयास से यह सफलता मिली है. डिग्री कॉलेज के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त होने के बाद प्रखण्ड के छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई है. गौरतलब है कि अस्सी के दशक में कल्याणपुर गांव निवासी पंडित गौरीशंकर शर्मा और ग्रामीणों ने तत्कालीन विधायक श्रीमती सिंह और उनके पति आईएएस विद्याभूषण सिंह से डिग्री कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा था.
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11 एकड़ जमीन डिग्री कॉलेज के नाम: किसानों ने अपनी कृषि योग्य 11 एकड़ भूमि डिग्री कॉलेज खोलने के लिए रजिस्ट्री कर दी थी. इसके बाद सचिव द्वारा कॉलेज की स्थापना की गई. डिग्री कॉलेज के संबंधन के लिए पूर्व विधायिका डॉ प्रभावती सिंह ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और वर्तमान शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर से मिल कर छात्र -छात्राओं की इस समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद विभागीय मंत्री ने आश्वासन दिया था जो आज पूरा हुआ. संबंधन की सभी अड़चने दूर हो गई.
साइंस और कामर्स का भी बनेगा भवन: कॉलेज की सचिव ने बताया कि अभी सरकार से कला संकाय से संबंधन प्राप्त है. अगले सत्र में विज्ञान और वाणिज्य विषयों के संबंधन के लिए आवेदन दिया जाएगा. आगे कहा कि डिग्री कॉलेज के लिए किसानों ने अपनी जमीन दी और हमने अपने पैसे से दो मंजिला भवन तैयार करवाया. जल्द ही साइंस और कामर्स के लिए भी भवन बनवाएं जाएंगे. हमारा एकमात्र सपना है कि सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा इस इलाके के किसान और मजदूर के बच्चों को प्राप्त हो.
इन विषयों में मिला संबंधन: श्रीमती प्रभावती-विद्याभूषण महाविद्यालय कल्याणपुर को सरकार से मिले संबंधन के बाद दस विषयों में नामांकन हो सकेगा. फिलहाल सत्र 22-25 और 23-26 के लिए स्नातक कला में अस्थायी नव संबंधन मिला है. बाद में इसकी प्रक्रिया के तहत दीर्घिकरण किया जाएगा. सरकार के संयुक्त सचिव संजय कुमार के हस्ताक्षर से पत्र निर्गत किया गया है कला के दस विषयों में हिंदी,अंग्रेजी,संस्कृत, गणित, समाज शास्त्र, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, उर्दू, दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र शामिल है.
"कॉलेज के संबंधन के लिए आवेदने दिया गया था. आवेदन के आलोक में यूनिवर्सिटी की तीन सदस्या टीम ने जांच किया था. जिसके बाद कॉलेज को 10 विषयों में मान्यता मिली है." - विनय कुमार सिंह, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य