कैमूरः जिले में शराबबंदी कानून के गलत इस्तेमाल का मामला प्रकाश में आया है. बताया जाता है कि एक केस में कोर्ट में अभियुक्त की गवाही रोकने के लिए शराबबंदी कानून का सहारा लिया गया. कोर्ट में गवाही की तारीख से ऐन पहले अभियुक्त के घर शराब छुपाकर उसे गिरफ्तार करा दिया गया.
क्या है मामला
दरअसल, मदन सिंह का अपने ही गांव के रहने वाले सर्वजीत सिंह से जमीन का विवाद चल रहा है. इस विवाद में मदन सिंह पर एक साल पहले गोली चली थी. लेकिन 5 गोलियां लगने के बाद भी मदन सिंह की जान बच गई थी. इस मामले में मदन सिंह ने सर्वजीत सिंह सहित 5 अन्य पर केस दर्ज कराया था. सर्वजीत सिंह इसी मामले में अभी जेल में हैं. 3 अगस्त को इस मामले की सुनवाई है. जिसमें मदन सिंह की गवाही होनी है. आरोप है कि 3 अगस्त को गवाही देने मदन सिंह कोर्ट न पहुंच सके, इस नीयत से सर्वजीत सिंह के भतीजे अभिषेक कुमार ने मदन सिंह के घर शराब छुपाकर पुलिस को मदन सिंह के घर शराब होने की सूचना दे दी. पुलिस मदन सिंह के घर पर छापेमारी कर शराब जब्त कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
वैज्ञानिक अनुसंधान में खुलासा
मदन सिंह की गिरफ्तारी के बाद इनके भाई योगेंद्र सिंह ने एसपी की जनता दरबार में अपने भाई मदन सिंह के निर्दोष होने की बात रखी. जिसके बाद एसपी दिलनवाज अहमद ने पूरे मामले की वैज्ञानिक अनुसंधान के निर्देश दिए. वैज्ञानिक अनुसंधान में मदन सिंह सिंह निर्दोष पाए गए. अब उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है. पुलिस मामले के साजिशकर्ता अभिषेक कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. अभिषेक ने अपना अपराध कबूल कर लिया है.
साजिशकर्ता गिरफ्तार
एसपी दिलनवाज अहमद ने कहा कि जांच में मदन सिंह निर्दोष पाए गए हैं, इसीलिए उन्हें छोड़ दिया गया है. अभिषेक कुमार को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है. वो शराब कहां से लाया था, पुलिस इसकी जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि अभिषेक कुमार पर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं.