ETV Bharat / state

शराबबंदी कानून का दुरुपयोग, कोर्ट में गवाही से ऐन पहले घर में शराब रखकर भिजवा दिया जेल

वैज्ञानिक अनुसंधान से हुए खुलासे के बाद पीड़ित को पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है. पीड़ित खुद पर चली गोली मामले में 3 अगस्त को कोर्ट में गवाही देंगे.

पुलिस हिरासत में साजिशकर्ता
author img

By

Published : Aug 2, 2019, 6:31 AM IST

Updated : Aug 2, 2019, 7:44 AM IST

कैमूरः जिले में शराबबंदी कानून के गलत इस्तेमाल का मामला प्रकाश में आया है. बताया जाता है कि एक केस में कोर्ट में अभियुक्त की गवाही रोकने के लिए शराबबंदी कानून का सहारा लिया गया. कोर्ट में गवाही की तारीख से ऐन पहले अभियुक्त के घर शराब छुपाकर उसे गिरफ्तार करा दिया गया.

क्या है मामला
दरअसल, मदन सिंह का अपने ही गांव के रहने वाले सर्वजीत सिंह से जमीन का विवाद चल रहा है. इस विवाद में मदन सिंह पर एक साल पहले गोली चली थी. लेकिन 5 गोलियां लगने के बाद भी मदन सिंह की जान बच गई थी. इस मामले में मदन सिंह ने सर्वजीत सिंह सहित 5 अन्य पर केस दर्ज कराया था. सर्वजीत सिंह इसी मामले में अभी जेल में हैं. 3 अगस्त को इस मामले की सुनवाई है. जिसमें मदन सिंह की गवाही होनी है. आरोप है कि 3 अगस्त को गवाही देने मदन सिंह कोर्ट न पहुंच सके, इस नीयत से सर्वजीत सिंह के भतीजे अभिषेक कुमार ने मदन सिंह के घर शराब छुपाकर पुलिस को मदन सिंह के घर शराब होने की सूचना दे दी. पुलिस मदन सिंह के घर पर छापेमारी कर शराब जब्त कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

बिहार के कैमूर में शराबबंदी कानून का दुरुपयोग

वैज्ञानिक अनुसंधान में खुलासा
मदन सिंह की गिरफ्तारी के बाद इनके भाई योगेंद्र सिंह ने एसपी की जनता दरबार में अपने भाई मदन सिंह के निर्दोष होने की बात रखी. जिसके बाद एसपी दिलनवाज अहमद ने पूरे मामले की वैज्ञानिक अनुसंधान के निर्देश दिए. वैज्ञानिक अनुसंधान में मदन सिंह सिंह निर्दोष पाए गए. अब उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है. पुलिस मामले के साजिशकर्ता अभिषेक कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. अभिषेक ने अपना अपराध कबूल कर लिया है.

साजिशकर्ता गिरफ्तार
एसपी दिलनवाज अहमद ने कहा कि जांच में मदन सिंह निर्दोष पाए गए हैं, इसीलिए उन्हें छोड़ दिया गया है. अभिषेक कुमार को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है. वो शराब कहां से लाया था, पुलिस इसकी जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि अभिषेक कुमार पर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं.

कैमूरः जिले में शराबबंदी कानून के गलत इस्तेमाल का मामला प्रकाश में आया है. बताया जाता है कि एक केस में कोर्ट में अभियुक्त की गवाही रोकने के लिए शराबबंदी कानून का सहारा लिया गया. कोर्ट में गवाही की तारीख से ऐन पहले अभियुक्त के घर शराब छुपाकर उसे गिरफ्तार करा दिया गया.

क्या है मामला
दरअसल, मदन सिंह का अपने ही गांव के रहने वाले सर्वजीत सिंह से जमीन का विवाद चल रहा है. इस विवाद में मदन सिंह पर एक साल पहले गोली चली थी. लेकिन 5 गोलियां लगने के बाद भी मदन सिंह की जान बच गई थी. इस मामले में मदन सिंह ने सर्वजीत सिंह सहित 5 अन्य पर केस दर्ज कराया था. सर्वजीत सिंह इसी मामले में अभी जेल में हैं. 3 अगस्त को इस मामले की सुनवाई है. जिसमें मदन सिंह की गवाही होनी है. आरोप है कि 3 अगस्त को गवाही देने मदन सिंह कोर्ट न पहुंच सके, इस नीयत से सर्वजीत सिंह के भतीजे अभिषेक कुमार ने मदन सिंह के घर शराब छुपाकर पुलिस को मदन सिंह के घर शराब होने की सूचना दे दी. पुलिस मदन सिंह के घर पर छापेमारी कर शराब जब्त कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

बिहार के कैमूर में शराबबंदी कानून का दुरुपयोग

वैज्ञानिक अनुसंधान में खुलासा
मदन सिंह की गिरफ्तारी के बाद इनके भाई योगेंद्र सिंह ने एसपी की जनता दरबार में अपने भाई मदन सिंह के निर्दोष होने की बात रखी. जिसके बाद एसपी दिलनवाज अहमद ने पूरे मामले की वैज्ञानिक अनुसंधान के निर्देश दिए. वैज्ञानिक अनुसंधान में मदन सिंह सिंह निर्दोष पाए गए. अब उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है. पुलिस मामले के साजिशकर्ता अभिषेक कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. अभिषेक ने अपना अपराध कबूल कर लिया है.

साजिशकर्ता गिरफ्तार
एसपी दिलनवाज अहमद ने कहा कि जांच में मदन सिंह निर्दोष पाए गए हैं, इसीलिए उन्हें छोड़ दिया गया है. अभिषेक कुमार को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है. वो शराब कहां से लाया था, पुलिस इसकी जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि अभिषेक कुमार पर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं.

Intro:कैमूर।

कैमूर में केस के अभियुक्त द्वारा को गवाह को कोर्ट तक नही पंहुचने के लिए अब शराबबंदी कानून का सहारा लिया जाने लगा हैं। 3 अगस्त को एक केस में एक सख्स को न्यायालय में गवाही देने जाना था। लेकिन उससे पहले केस के अभियुक्तों ने गवाह के घर चोरी से बड़ी मात्रा में शराब छुपा दी जाती हैं और फिर पुलिस को सूचना दी जाती है कि गवाह शराब का कारोबारी हैं।


Body:आपकों बतादें कि जैसे ही पुलिस को शराब की सूचना मिलती है पुलिस ने शराब बरामद कर लिया और जिसके घर मे शराब की खेप छुपाई गई थी उसके ऊपर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी करने लगा। जिसके बाद गवाह मदन सिंह के भाई योगेंद्र सिंह के द्वारा एसपी के जनता दरबार मे यह सूचना दी जाती हैं कि उसका भाई निर्दोष हैं उसे किसी किसी ने फसाया हैं। जिसके बाद पुलिस ने शुरू से मामले की जांच शुरू की तक मदन सिंह ने बताया कि 1 साल पहले जमीनी विवाद में उन्हें 5 गोलियां मारी गई थी। लेकिन वो किसी तरह से बच गए। एसपी के निर्देश के बाद मामले की जांच वैज्ञानिक अनुसंधान से शुरू की गई तब यह खुलासा हुआ कि पुलिस को सूचना देने वाला व्यक्ति और मफन सिंह का जमीनी विवाद था। एक साल पहले मदन सिंह को जमीनी विवाद में 5 गोलियां मारी गई थी जिसमे अभिषेक कुमार (अभियुक्त) के घर के 5 अन्य लोगो को अभियुक्त बनाया गया था। अभिषेक के चाचा सर्वजीत सिंह वर्तमान में जेल में सज़ा काट रहे हैं। पुलिस ने जब अभिषेक से पूछताछ शुरू की तो अभिषेक ने अपना जुर्म कबुल कर लिया।

एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि मदन सिंह का कोर्ट में 3 अगस्त को गवाही हैं। ऐसे में अभियुक्त अभिषेक ने सोचा कि यदि गवाह कोर्ट में नही पहुचेगा तो उसके चाचा कि रिहाई हो जाएगी। जिसके लिये उसने मदन सिंह के घर शराब की खेप को छुपा दिया और खुद पुलिस को सूचना दिया कि मदन सिंह शराब का कारोबार करते हैं।

एसपी ने बताया कि मदन सिंह को गवाही से रोकने के लिए और झूठा में फसाया गया था इसलिए उसे छोड़ दिया जाता हैं। जबकि अभिषेक कुमार को शराब को मदन सिंह के घर मे छुपाने के लिए और झूठा केस में मदन सिंह को फसाने के लिए गिरफ्तार कर लिया जाता हैं। एसपी ने बताया कि अगर इस मामले की वैज्ञानिक अनुसंधान नही कराई जाती तो एक निर्दोष जेल चला जाता हैं और 3 अगस्त को गवाही भी नही दे पाता। पुलिस मामले की जांच कर रही हैं। अभिषेक द्वारा शराब कहा से लाया गया था इसके लिए अभिषेक के बताए गए निशानदेही पर छापेमारी की जा रही हैं।


Conclusion:
Last Updated : Aug 2, 2019, 7:44 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.