कैमूर: गली-नाली योजना के आंकड़ों पर भले ही नीतीश सरकार अपनी पीठ थपथपाती हो, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत जिले के चैनपुर प्रखंड में देखने को मिल जाएगी. यहां साल भर से पानी निकासी की समस्या है. जिसे लेकर प्रशासन की ओर से पहल नहीं की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.
नीतीश सरकार की गली-नाली योजना ठप
दरअसल, जिले के चैनपुर प्रखंड के सिरबिट पंचायत के मसोई गांव में करीब सालभर से पानी निकासी की समस्या जैसी की तैसी बनी हुई है. यहां के वार्ड नंबर 11 में 50 घरों के लोगों को और बच्चों तक को प्रतिदिन इस पानी में से गुजर कर कहीं आना-जाना पड़ता है. इसको लेकर ग्रामीण ने लिखित शिकायत अधिकारियों को दी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
प्रशासन से कई बार की गई शिकायत
वार्ड सदस्य मनोहरा देवी ने बताया कि अधिकारियों और मुखिया से कई दफा गुहार लगाया गया है. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि समस्या पिछले एक सालों से उत्पन्न हो रही है. लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. छोटे छोटे स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानियां होती हैं.
बच्चों और बुजुर्ग को ज्यादा परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि नली के गंदे पानी का कोई निकासी नहीं होने से आए दिन दिक्कत होता है. मुख्य गली पर करीब 50 मीटर तक पानी लग जाता है. इतना ही नहीं जलजमाव से 2 मकान भी गिर गए हैं. उन्होंने कहा कि थाना से लेकर डीएम और विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया. हर जगह से केवल आश्वासन मिलता है.
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'जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा'
ग्रामीणों ने बताया कि एक दफा अंचलाधिकारी आये हुए थे, उन्होंने पानी खुलवाया था और बरसात बाद स्थाई समाधान की बात कही थी. लेकिन बरसात बीत गई अधिकारी दोबारा नहीं आये. ऐसे में बहुत परेशानी होती है. इन हालतों में ग्रामीणों की मांग है कि उनका कोई स्थाई समाधान किया जाए ताकि जलजमाव की समस्या का समाधान हो सके.