कैमूर(भभुआ): कैमूर का सुआरा पुल (Kaimur Suara Bridge) का एप्रोच सड़क क्षतिग्रस्त हो गया है. भभुआ शहर से चैनपुर चांद से बनारस जाने वाली एक मात्र सड़क 3 महीने पहले क्षतिग्रस्त हो गयी थी. पथ निर्माण विभाग ने इसकी मरम्मती कराई. लेकिन मरम्मत के कुछ ही महीनों में सुआरा नदी पर बने पुल का एप्रोच सड़क फिर से टूट गया है. ऐसे में स्थानीय लोग पुल निर्माण में अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं.
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3 महीने में ही टूटी एप्रोच सड़क
पुल के एप्रोच सड़क का पश्चिमी हिस्सा और दक्षिणी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. तीन महीने पहले भी पश्चिम पुल का एप्रोच टूटा था जिसकी मरम्मती कराई गई थी. लेकिन अब बारिश के मौसम में एक बार फिर से एप्रोच सड़क का पश्चिमी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. पुल की जर्जर हालत देख स्थानीय लोगों पुल के ध्वस्त हो जाने का डर सता रहा है.
चैनपुर, चांद से बनारस जाने वाली एक मात्र सड़क
बता दें कि भभुआ शहर से चैनपुर चांद से बनारस जाने वाली एक मात्र यही सड़क है. इसके क्षतिग्रस्त होने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है. मार्च में जब एप्रोच सड़क टूटी थी तो घंटों यातायात बाधित हुई थी. और गाड़ियों की लंबी कतार लग गई थी. इस बार पश्चिमी हिस्से में एक बड़ा गड्ढा बन गया है. जिसकी वजह से हादसे का डर बना हुआ है.
सुआरा नदी पर बने पुल का हाल बेहाल
भभुआ से बनारस के लिए यह मुख्य पथ है जो चैनपुर, चांद, दुर्गावती होते हुए बनारस जाती है. आज पुल का एप्रोच सड़क पश्चिम और दक्षिण दोनों तरफ से टूट गया है.
क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय निवासी लाल बिहारी बिन्द बताते हैं कि पुल बनाने के समय ही लापरवाही बरती गई. इसकी हालत देख लगता नहीं कि इसमें अब सुधार हो पाएगा. जब तक इसकी ठीक से मरम्मत नहीं की जाएगी तब तक कुछ नहीं हो सकता है. अभी तक सिर्फ ऊपर ऊपर काम किया गया है.
वहीं एक और स्थानीय गौतम सिंह बताते हैं कि तीन दिन से सुआरा पुल टूटा हुआ है. पहले छोटा सा सुराख था लेकिन बारिश में यह एक बड़ा गड्ढा बन चुका है. गाड़ियों का आवागमन बहुत ज्यादा है जिससे दुर्घटना होने का भय बना रहता है. इस पर किसी भी पदाधिकारी का कोई ध्यान नहीं है. हमलोगों की मांग है कि सही तरीके से मरम्मत का काम किया जाए.
निर्माण कार्य पर उठे सवाल
पुल की गुणवत्ता पर लोग सवाल उठा रहे हैं. साथ ही दोनों तरफ एप्रोच सड़क टूटने से भय का माहौल भी है. हादसे का डर हमेशा बना रहता है.
यह कोई पहला मामला नहीं
पुल क्षतिग्रस्त होने का यह कोई पहला मामला नहीं है. 2020 में सत्तरघाट पुल का एप्रोच पथ टूटकर नदी में बह गया था. गोपलगंज के गंडक नदी पर 263 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया था.
2020 में शेखपुरा में नवनिर्मित पुल का एप्रोच पथ टूट गया. 1 साल में ही पुल के बीच का भाग अचानक पूरी तरह से भरभरा कर गिर गया था. वहीं 2019 में कैमूर के एनएच-2 पर स्थित पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था. दुर्गावति प्रखंड अंतर्गत कर्मनाशा नदी पर बना ये पुल 4 साल में ही क्षतिग्रस्त हो गया.