कैमूर : अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है जिसमें लगने वाले भोग के चावल कैमूर के मोकरी गांव से जाएंगे. खास तरह के चावल का नाम गोविंद भोग है. इसकी खासियत ये है कि जब ये तैयार होता है तो इसकी गमक दूर तक बिखरती है. इसीलिए इस चावल को अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भोग लगाने के लिए भेजा जा रहा है.
अयोध्या में लगेगा गोबिंद भोग चावल का भोग : इस सूचना पर गांव वालों में खुशी का ठिकाना नहीं है. जिले के भभुआ प्रखंड के मोकारी गांव के गोबिंद भोग चावल देश-विदेशों में मशहूर है. इस चावल की खासियत की वजह से इसको अयोध्या भेजा जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि गांव से सटे कैमूर पहाड़ी से जड़ी बूटी का मिश्रित पानी गांव के खेतों में पहुंचता है. जिससे चावल सुगन्धित और खुशबूदार होता है.
हर साल भेजा जाता है अयोध्या : जब से बिहार मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष किशोर कुणाल बने, तब से अयोध्या में राम चन्द्र का भोग मोकारी गांव के गोबिंद भोग से लगने लगा. सात वर्षों से गोबिंद भोग चावल अयोध्या जाता है. वर्षों बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है. जिसका प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होना है. जिसको लेकर पूरे विश्व में चर्चा बना हुआ है, जिस मंदिर का देश के हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए खास दिन है.
खबर से ग्रामीणों में खुशी : अयोध्या में राम चन्द्र को भोग कैमूर के गोबिंद भोग चावल से लगेगा, गांव के किसानों में खुशी की लहर है. मोकारी गांव के किसान अर्जुन सिंह, लाल बच्चन सिंह, मोहम्मद रफ्तार बताते हैं कि मेरे गांव का गोबिंद भोग चावल देश विदेशों में प्रसिद्ध है,अयोध्या में श्रीराम चन्द्र को पहला भोग मेरे गाँव से उपजा गोबिंद भोग से लगता है. इससे बड़ी बात क्या होगी.
''हमलोग में खुशी का ठिकाना नहीं है, मोकारी गांव के पश्चिम सिवान में यह चावल को उपजाया जाता है. कैमूर पहाड़ी के जंगलों से होते हुए पानी खेतों में पहुंचता है, जिससे गोबिन्द भोग चावल सुगन्धित और खुशबूदार होता है. 22 जनवरी को राम मंदिर में प्रभु श्रीराम का प्राणप्रतिष्ठा होनी है. देश भर में इसकी चर्चा है. उसी बीच मेरे गाँव के चावल से राम लला को भोग लगेगा. ये हम सबके लिए सौभाग्य की बात है.''- लाल बचन सिंह, ग्रामीण, मोकरी गांव
जिस राइस मिल से गोबिंद भोग चावल तैयार होता है उसके मालिक नारद सिंह का कहना है कि ''मैं तीन वर्ष अयोध्या में गोबिंद भोग चावल भेजा था. अभी तक ऑर्डर नहीं मिला है. अगर ऑर्डर मिलेगा तो हम फ्री चावल भेजेंगे. मेरा सौभाग्य होगा कि मेरे राइस मिल से तैयार और मेरे गांव में उपजा चावल गोबिंद भोग चावल राम लला को भोग लगता है. मेरे गांव में गोबिंद भोग चावल की खेती 600 से 1000 एकड़ में होता है, एक एकड़ में 12 क्विंटल चावल उपजता है जो देश के कोने कोने के साथ विदेशों तक जाता है.''
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