कैमूर: जिले में ईटीवी भारत के खबर ने सो रहे शिक्षा विभाग को जगा दिया है. ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है. अपने एक्सक्लूसिव खबर के माध्यम से यह दिखाया गया था कि जिले के चांद प्रखंड के +2 गांधी स्कूल में भवन के अभाव में पिछले 6 सालों से क्लास का संचालन नहीं हो रहा है.
जल्द मिलेगा नया भवन
ईटीवी भारत की इस खबर के बाद सर्व शिक्षा विभाग के अधिकारी यदुवंश राम ने माना कि भवन की कमी है. इस विषय को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने विद्यालय में नए भवन निर्माण के लिए सरकार को पत्र लिखने की भी बात कही.
6 सालों से नहीं हुई है स्कूल में सांइस की पढ़ाई
बता दें कि इस विद्यालय में पिछले 6 सालों से इंटरमीडिएट साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के छात्रों को स्कूल सिर्फ साल में 3 बार आने की जरूरत पड़ती है. पहली बार एडमिशन के समय, दूसरी बार रजिस्ट्रेशन के समय और तीसरी बार एडमिट कार्ड लेने के लिए. वहीं, बालिकाओं के लिए कॉमर्स और आर्ट्स की पढ़ाई होती है. यानी कि मान्यता के 6 वर्षों बाद भी इस विद्यालय में साइंस की पढ़ाई नहीं होती है.
विद्यालय में है शिक्षकों की कमी
वर्ष 2013 में इस विद्यालय को अपग्रेड कर +2 विद्यालय का दर्जा दिया गया. वहीं, इस विद्यालय में इंटरमीडिएट के लिए एक भी विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं. कॉमर्स और आर्ट्स डिपार्टमेंट एक-एक शिक्षक के भरोसे है. शिक्षकों की कमी पर सर्व शिक्षा अभियान के पदाधिकारी ने बताया कि नियोजन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जल्द ही इस विद्यालय को भी शिक्षक मिल जायेंगे. इसके बाद क्लास का विधिवत संचालन किया जायेगा.
यह भी पढ़ें- कैमूर: 6 साल से बिना शिक्षक के पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे, कुंभकर्णी नींद में शिक्षा विभाग
क्लास रुम की हालत जर्जर
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य देवकान्त गुप्ता ने भी बताया था कि विद्यालय में क्लासरूम की कमी हैं. जितने क्लासरूम हैं वो भी जर्जर हालत में हैं. उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट में विज्ञान और अंग्रेजी के एक भी शिक्षक नहीं हैं. क्लासरूम के अभाव में इंटरमीडिएट के छात्रों का क्लास संचालन पिछले 6 सालों से नहीं किया जा रहा है. दूसरी तरफ छात्राओं की पढ़ाई करवाई जाती है. यहां एडमिशन लेने वाले इंटरमीडिएट के छात्र स्कूल नहीं आते हैं. उन्होंने बताया कि इस बारे में शिक्षा मंत्री से लेकर जिला और ब्लॉक स्तर के सभी अधिकारियों को कई बार चिट्ठी लिख चुके हैं. लेकिन आश्वासन के अलावे कुछ नहीं मिला है.
ईटीवी भारत की खबर का असर
ईटीवी भारत अपने सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने के लिए जाना जाता है. अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए ईटीवी भारत ने सरकार और शिक्षा विभाग के सामने उनकी कमियों को दिखाया था. जिसके बाद ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है.