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एक दिवसीय समावेशी प्रशिक्षण, शिक्षकों को निशक्तता की दी गई जानकारी

जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में नवनिर्मित बीआरसी भवन में चयनित शिक्षकों को एक दिवसीय समावेशी प्रशिक्षण दिया गया. 7 जनवरी 2021 से 12 जनवरी 2021 तक रविवार छोड़कर पांच दिवसीय गैर आवासीय समावेशी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक स्कूल से 1 शिक्षक का चयन किया गया है. प्रशिक्षण के लिए पांच बैच बनाए गए हैं. प्रत्येक बैच में 25 शिक्षकों को शामिल किया गया है.

Kaimur
समावेशी प्रशिक्षण
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Published : Jan 9, 2021, 7:39 PM IST

कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में नवनिर्मित बीआरसी भवन में चयनित शिक्षकों को एक दिवसीय समावेशी प्रशिक्षण दिया गया. मास्टर ट्रेनरों ने शिक्षकों को निशक्तता के प्रकारों के विषय में विधिवत जानकारी दी.

7 जनवरी 2021 से 12 जनवरी 2021 तक रविवार छोड़कर पांच दिवसीय गैर आवासीय समावेशी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक स्कूल से 1 शिक्षक का चयन किया गया है. प्रशिक्षण के लिए पांच बैच बनाए गए हैं. प्रत्येक बैच में 25 शिक्षकों को शामिल किया गया है. मास्टर ट्रेनर सुधीर कुमार गुप्ता और अनिल कुमार शिक्षक को प्रशिक्षण दे रहे हैं.

सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा "निशक्तता के 21 प्रकार हैं. उनकी पहचान के लक्षण प्रशिक्षण के दौरान विस्तृत रूप से शिक्षकों को बताए गए. लक्षणों में मानसिक मंदता, ऑटिज्म, सेरेब्रेल पाल्सी, पोलियो, मानसिक रोगी, श्रवण बाधित, मुक निशक्तता, दृष्टिबाधित, अल्प दृष्टि, चलन निशक्तता, कुष्ठ रोग, बौनापन, तेजाब हमला पीड़ित, मांसपेशी दुर्विकार, बौद्धिक निशक्तता सहित अन्य के विषय में विस्तार रूप से जानकारी दी गई. ताकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में अगर ऐसे लक्षण दिखे तो उनकी पहचान की जा सके और उनका इलाज करवाया जा सके.

कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में नवनिर्मित बीआरसी भवन में चयनित शिक्षकों को एक दिवसीय समावेशी प्रशिक्षण दिया गया. मास्टर ट्रेनरों ने शिक्षकों को निशक्तता के प्रकारों के विषय में विधिवत जानकारी दी.

7 जनवरी 2021 से 12 जनवरी 2021 तक रविवार छोड़कर पांच दिवसीय गैर आवासीय समावेशी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक स्कूल से 1 शिक्षक का चयन किया गया है. प्रशिक्षण के लिए पांच बैच बनाए गए हैं. प्रत्येक बैच में 25 शिक्षकों को शामिल किया गया है. मास्टर ट्रेनर सुधीर कुमार गुप्ता और अनिल कुमार शिक्षक को प्रशिक्षण दे रहे हैं.

सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा "निशक्तता के 21 प्रकार हैं. उनकी पहचान के लक्षण प्रशिक्षण के दौरान विस्तृत रूप से शिक्षकों को बताए गए. लक्षणों में मानसिक मंदता, ऑटिज्म, सेरेब्रेल पाल्सी, पोलियो, मानसिक रोगी, श्रवण बाधित, मुक निशक्तता, दृष्टिबाधित, अल्प दृष्टि, चलन निशक्तता, कुष्ठ रोग, बौनापन, तेजाब हमला पीड़ित, मांसपेशी दुर्विकार, बौद्धिक निशक्तता सहित अन्य के विषय में विस्तार रूप से जानकारी दी गई. ताकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में अगर ऐसे लक्षण दिखे तो उनकी पहचान की जा सके और उनका इलाज करवाया जा सके.

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