कैमूरः इमारत शरिया बिहार के साथ-साथ झारखंड और उड़ीसा के मुस्लिम नौजवानों को उच्च शिक्षा देने की तैयारी में है. नौजवानों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा जिला मुख्यालय स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए तीनों राज्यों में बड़े स्तर पर तहरीक चलाई जा रही है. ये बातें कैमूर में बबुरा स्थित मदरसा कसिमुल उलूम में इमारत शरिया के नाजिम मौलाना अहमद हुसैन कासमी ने कही. वे कैमूर के मुस्लिम बुद्धिजीवी लोगों को संबोधित कर रहे थे.
भोजन की ही तरह शिक्षा की भी जरूरत
पटना से कैमूर पहुंचे इमारत शरिया के नाजिम मौलाना अहमद हुसैन कासमी ने कहा, हर अभिभावक को अपने बच्चों को शिक्षा देना चाहिए. यह उतना ही अहम है, जितना बच्चे को भोजन देना अहम है. बड़ी संख्या में मुस्लिम नौजवान तथा बच्चे शिक्षा से काफी दूर हैं. प्राइमरी शिक्षा और उच्च शिक्षा से वंचितों में एक बड़ी संख्या है, जो बच्चे किसी तरह उच्च शिक्षा हासिल कर भी चुके हैं. लेकिन तकनीकी या मेडिकल शिक्षा के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त नहीं करने से बेरोजगार बैठे हैं. ऐसे में खाली समय में युवा अपराध की तरफ जाने लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा को इस्लाम में प्राथमिकता के आधार पर बयान किया गया है.
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शैक्षिक सलाहकार समिति का गठन
इस मौके पर जिला स्तर पर शैक्षिक सलाहकार समिति का भी गठन किया गया. गठित समिति के तीन भाग होंगे.
- जो लोग बुनियादी धार्मिक शिक्षा के विद्यालयों को स्थापित करने का प्रयास करेंगे.
- वे जो आधुनिक शिक्षण संस्थानों को स्थापित करने का प्रयास करेंगे.
- वे जो उर्दू भाषा को संरक्षित करने का प्रयास करेंगे.
जिला शिक्षा सलाहकार समिति को भी ब्लॉक स्तर पर एक समिति बनाने का काम सौंपा गया था. परामर्शदात्री बैठक में जिला स्तर पर गठित समिति में चुने गए सदस्यों में से इश्तियाक खान को संरक्षक, मौलाना आफताब को उपाध्यक्ष, मौलाना रईस-उल-अहरार को संयोजक चुना गया.
सदस्यों में अरशद रजा मौलाना मुदस्सिर, मौलाना समीउल्लाह, मौलाना मुजाहिद हुसैन मुफ्ताही, असलम खान, हाफिज कासिम ख्वाजा मोइनुद्दीन, डॉ. जैनुल आबदीन, मास्टर नूरुल आरिफिन, मास्टर फिरोज, मास्टर तस्वर, मुख्तार अंसारी, जमा खान, हाजी निसार अहमद, मौलाना अब्दुल मनन, हाफिज एजाज, इलियास हुसैन अंसारी, मुहम्मद इमरान हैं.