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कैमूर: IMA का प्रदर्शन तेज, चिकित्सा शिक्षा में बदलाव का विरोध - भभुआ सदर अस्पताल के उपाधीक्षक

कैमूर में आईएमए ने आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान से डिग्री लेने वाले चिकित्सकों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए और अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत है.

IMA protest in kaimur
IMA protest in kaimur
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Published : Dec 9, 2020, 1:16 PM IST

कैमूर (भभुआ): आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले चिकित्सकों ने धरना प्रर्दशन किया. जेनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी या नाक,कान, गला की सर्जरी के आईएमए कैमूर शाखा ने यह प्रर्दशन किया.


नीति का कड़ा विरोध
भभुआ सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि आईएमए कैमूर मेडिकल काउंसिल की इस नीति पर कड़ा विरोध करता है. जिसके तहत आयुष संस्थान से डिग्री हासिल करने वाले लोग तमाम तरह की सर्जरी के लिए योग्य करार दिए गए. आधुनिक चिकित्सा और सर्जिकल विषयों पर सीसीआईएम की अधिसूचना और नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा.

चिकित्सकों की कमी
डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि आईएमए एक सोशल प्लेटफॉर्म है. वह देश के नागरिकों के उचित और स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था का हिमायती है. अयोग्य लोगों द्वारा सर्जरी आम लोगों की जान से खिलवाड़ साबित हो सकता है. सरकार को चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए और अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत है.

जानकारी देते डॉक्टर

सभी कार्यों का बहिष्कार
मेडिकल की पढ़ाई को कम खर्चीला बनाने की जरूरत है. जिससे योग्य छात्र अपना योगदान दे सकें. डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि अगर हमारी बातें नहीं मानी गई तो, 11 दिसम्बर को आईएमए के सभी चिकित्सक (सरकारी और निजी चिकित्सक सहित) सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कोविड और आकस्मिक सेवा को छोड़कर अन्य सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

प्रदशर्न में डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. एल एन तिवारी डॉ संतोष, डॉ. अरविंद द्विवेदी, डॉ. एम खान, डॉ. राणा प्रताप और डॉ.सिद्धार्थ विनोद मौजूद रहे.

कैमूर (भभुआ): आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले चिकित्सकों ने धरना प्रर्दशन किया. जेनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी या नाक,कान, गला की सर्जरी के आईएमए कैमूर शाखा ने यह प्रर्दशन किया.


नीति का कड़ा विरोध
भभुआ सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि आईएमए कैमूर मेडिकल काउंसिल की इस नीति पर कड़ा विरोध करता है. जिसके तहत आयुष संस्थान से डिग्री हासिल करने वाले लोग तमाम तरह की सर्जरी के लिए योग्य करार दिए गए. आधुनिक चिकित्सा और सर्जिकल विषयों पर सीसीआईएम की अधिसूचना और नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा.

चिकित्सकों की कमी
डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि आईएमए एक सोशल प्लेटफॉर्म है. वह देश के नागरिकों के उचित और स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था का हिमायती है. अयोग्य लोगों द्वारा सर्जरी आम लोगों की जान से खिलवाड़ साबित हो सकता है. सरकार को चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए और अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत है.

जानकारी देते डॉक्टर

सभी कार्यों का बहिष्कार
मेडिकल की पढ़ाई को कम खर्चीला बनाने की जरूरत है. जिससे योग्य छात्र अपना योगदान दे सकें. डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि अगर हमारी बातें नहीं मानी गई तो, 11 दिसम्बर को आईएमए के सभी चिकित्सक (सरकारी और निजी चिकित्सक सहित) सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कोविड और आकस्मिक सेवा को छोड़कर अन्य सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

प्रदशर्न में डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. एल एन तिवारी डॉ संतोष, डॉ. अरविंद द्विवेदी, डॉ. एम खान, डॉ. राणा प्रताप और डॉ.सिद्धार्थ विनोद मौजूद रहे.

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