कैमूर: अंग्रेजों द्वारा दिए गए INDIA नाम को हटाने के लिए कोलकाता के पिता-पुत्री साइकिल से दिल्ली की यात्रा पर निकले हुए हैं. बेटी का मानना है कि इस नाम से अंग्रेजों की 'ईस्ट इंडिया कंपनी' के नाम की याद आती है. इसलिए इस नाम को बदलकर 'हिन्दुस्तान' रखा जाए. दोनों पीएम मोदी से मिलकर इसी की गुहार लगाने जा रहे हैं. उनकी साइकिल की तख्ती में भी स्लोगन लिखे हुए हैं. पिता की साइकिल पर लिखा है मेरी जान हिन्दुस्तान और बेटी की साइकिल की तख्ती पर लिखा है 'हमारी मांग, इंडिया का नाम हो हिन्दुस्तान'.
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साइकिल से निकले पिता और बेटी: इस यात्रा में कोलकाता से निकली बेटी का नाम वेद पंडिता बासू है. जो नौवीं क्लास का छात्रा है. यह बच्ची अपने पिता के साथ 9 अप्रैल को 11 बजे साइकिल से निकली थी. ये दोनों पिता और पुत्री आज मोहनियां पहुंचे हैं. बच्ची ने बताया कि अभी उसको दिल्ली जाने में लगभग 15 दिन और लगेंगे. उन दोनों की यहीं चाह है कि वे दोनों नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अपनी मांग रख सके.
ईस्ट इंडिया नाम के कारण इंडिया नाम हटाने की मांग: बच्ची के पिता विश्वरुप बसु ने बताया कि बेटी ने अपनी इतिहास की किताबों में ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में पढ़ाई करती है, तब वह इंडिया का नाम सुनती या पढ़ती है. इस तरह से उसे ईस्ट इंडिया कम्पनी का नाम याद आता है. इसी कारण वह नाम को इंडिया से बदलकर भारत या हिंदुस्तान करवाना चाहती है. पिता ने आगे बताया कि मैं घर में चाय पी रहा था. तभी मेरी बेटी ने कहा कि मैं साइकिल लेकर कोलकाता से चलकर दिल्ली में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलना चाहती हूं.
कोलकाता से 9 अप्रैल को निकले हैं दोनों: मैंने उस पहले तो मना किया, इसके बावजूद जब वह नहीं मानी तब मैंने उसे गाड़ी लेकर चलने के लिए बोला. उस बात को उसने मना कर दिया. उसने कहा कि चलना है तो साइकिल लेकर चलो तो फिर मैं उसके साथ अपने बेटे का साइकिल लेकर कोलकाता से 9 अप्रैल को चले हैं. पिता ने बताया कि बेटी को अकेले छोड़ नहीं सकता. इस दौरान पूरे रास्ते जगह-जगह पर लोगों ने बेटी का हौसला अफजाई भी किया है. आज मैं कैमूर पहुंचा हूं. लगभग अगले 15 दिनों में दिल्ली पहुंच जाऊंगा.
भारत का नाम बदलने के लिए यात्रा: नौवीं क्लास की छात्रा वेद पंडिता बासु बताती है कि इंडिया का नाम बदलकर हिंदुस्तान रखवाना चाहती हूं. जिसको लेकर मैं कोलकाता से 9 अप्रैल को ही दिन के 11 बजे चली हूं. दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात करना है. जब देश के प्रधानमंत्री 4 घंटे सोकर 20 घंटे काम कर सकते हैं. तब मैं अपने भारत के लिए इतना भी नहीं कर सकती.
"इंडिया का नाम बदलकर हिंदुस्तान रखवाना चाहती हूं. जिसको लेकर मैं कोलकाता से 9 अप्रैल को ही दिन के 11 बजे चली हूं. दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात करना है".- वेद पंडिता बासु, नौवीं क्लास की छात्रा