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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता, बिना ब्याज के लौटानी होगी राशि - महिलाओं को योजना का लाभ

जीविका समूह की भूमिहीन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल भूमि संरक्षण विभाग के जलछाजन इकाई के माध्यम से किया जा रहा है. जिले में लगभग 396 समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की गई है.

Assistance to landless women
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Published : Apr 24, 2021, 10:28 AM IST

कैमूर: जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों में ऐसी महिलाएं जिनके पास अपनी भूमि नहीं है उन्हें आर्थिक सहायता देकर आत्मनिर्भर बनाने की पहल भूमि संरक्षण विभाग के जलछाजन इकाई के माध्यम से किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें - PM स्वनिधि योजना से स्ट्रीट वेंडर्स के चेहरों पर लौटी मुस्कान, चल पड़ी जिंदगी की गाड़ी

बता दें कि जिले में लगभग 396 समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की गई है. आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले समूहों को राशि बिना ब्याज के 18 माह में वापस करना है.

"प्रधानमंत्री सिंचाई कृषि योजना जलछाजन के तहत जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली ऐसी महिलाएं जिनके पास अपनी भूमि नहीं है. उन्हें स्वावलंबी बनाए जाने के लिए 25 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है. इस राशि से महिलाएं मुर्गी पालन, बकरी पालन, दुकान का संचालन सहित अन्य स्वावलंबी बनने वाले व्यवसाय करेंगी। प्राप्त राशि को उन्हें बिना किसी ब्याज 18 माह में वापस करना है."- संतोष कुमार सिंह, परियोजना पदाधिकारी

महिला समूह इस योजना का लाभ
परियोजना पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना का लाभ परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जीविका के महिला समूह से जुड़ी महिलाओं को इस बार दिया गया है. अभी तक जिले में कुल 396 महिला समूह इस योजना का लाभ उठाई है.

यह भी पढ़ें - रियलिटी चेक: मरीजों का प्राइवेट अस्पताल में कराना है इलाज तो कैश रखें साथ, आयुष्मान भारत कार्ड यहां है बेकार

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के 21 के अंतर्गत 295 महिला समूह को सहायता राशि प्रदान की गई है. योजना का मुख्य उद्देश्य है की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को समाज की सभी भागीदारी में बराबर की हिस्सेदारी दिलाते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाकर आर्थिक रूप से मजबूत करना है.

कैमूर: जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों में ऐसी महिलाएं जिनके पास अपनी भूमि नहीं है उन्हें आर्थिक सहायता देकर आत्मनिर्भर बनाने की पहल भूमि संरक्षण विभाग के जलछाजन इकाई के माध्यम से किया जा रहा है.

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बता दें कि जिले में लगभग 396 समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की गई है. आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले समूहों को राशि बिना ब्याज के 18 माह में वापस करना है.

"प्रधानमंत्री सिंचाई कृषि योजना जलछाजन के तहत जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली ऐसी महिलाएं जिनके पास अपनी भूमि नहीं है. उन्हें स्वावलंबी बनाए जाने के लिए 25 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है. इस राशि से महिलाएं मुर्गी पालन, बकरी पालन, दुकान का संचालन सहित अन्य स्वावलंबी बनने वाले व्यवसाय करेंगी। प्राप्त राशि को उन्हें बिना किसी ब्याज 18 माह में वापस करना है."- संतोष कुमार सिंह, परियोजना पदाधिकारी

महिला समूह इस योजना का लाभ
परियोजना पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना का लाभ परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जीविका के महिला समूह से जुड़ी महिलाओं को इस बार दिया गया है. अभी तक जिले में कुल 396 महिला समूह इस योजना का लाभ उठाई है.

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के 21 के अंतर्गत 295 महिला समूह को सहायता राशि प्रदान की गई है. योजना का मुख्य उद्देश्य है की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को समाज की सभी भागीदारी में बराबर की हिस्सेदारी दिलाते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाकर आर्थिक रूप से मजबूत करना है.

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