कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड के वार्ड संख्या-9 में स्थित गली, जिसका लगभग 25 वर्ष पूर्व ईंटाकरण हो चुका है. फिर भी कुछ स्थानीय लोगों ने इसे निजी भूमि बताकर अतिक्रमण कर लिया है. अतिक्रमण के कारण गली में घुटने भर पानी जमा है. इस वजह से स्थानीय लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दूषित पानी के चलते उन्हें बीमारी फैलने का डर सता रहा है.
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जमा पानी में चलकर लोगों का आना-जाना मजबूरी
इस गर्मी के मौसम में गंदा पानी जमा होने से अगल-बगल रहने वालों के लिए मुश्किल हो गया है. घर से निकलने वाला गंदा पानी गली में ही घुटने भर जमा है. पूरी गली में बदबू फैली है. इस रास्ते से आना-जाना ग्रामीणों की मजबूरी है. ग्रामीणों की मानें तो इस समस्या को लेकर स्थानीय ग्रामीण अंचल कार्यालय से लेकर जिला पदाधिकारी तक आवेदन देकर गुहार लगा चुके हैं.
पदाधिकारियों की उदासीनता ग्रामीणों की मुसीबत
पदाधिकारियों की उदासीनता ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी हुई है. जब इस मामले से संबंधित स्थानीय लोगों से बात की गई तो वार्ड संख्या-9 के निवासी संतोष कुमार ने बताया कि 25 वर्ष पूर्व ही इस गली का ईंटाकरण हो चुका है. वर्तमान में जब सात निश्चय योजना के तहत इस गली की पीसीसी ढ़लाई होने लगी तो कुछ लोगों ने यह कहते हुए रोक दिया कि यह उनकी निजी भूमि है. जबकि इस रास्ते से पिछले 25 वर्षों से लोगों का आना-जाना रहा है.
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कई लोग हो चुके दुर्घटनाओं के शिकार
लोगों का कहना है कि इस गली को छोड़कर बाकी अन्य गलियों में पीसीसी ढलाई हो चुकी है. इस गली में ना तो ढलाई नहीं हो पाई और ना ही नाली बन पाई है. जिस वजह से स्थानीय घरों से निकलने वाला गंदा पानी इस गली में ही जमा रहता है. इसी रास्ते से बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं का आना-जाना रहता है. गली में गंदा पानी जमा होने के कारण कई बार लोग दुर्घटना के भी शिकार हो जाते हैं.
ग्रामीणों को सिर्फ मिलता है आश्वासन
लगातार एक जगह गंदा पानी जमा होने से काफी दुर्गंध फैल रहा है. इससे स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने चैनपुर थाने में लगने वाले भूमि विवाद निराकरण शिविर की थी. राजस्व कर्मचारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया. बाद में भूमि मापी करवा कर मामले का निराकरण करने की बात कही थी. लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका है.
आवेदन देकर थक चुके हैं ग्रामीण
साथ ही जिला पदाधिकारी को भी इसके बारे में जानकारी दी गयी थी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. जब भूमि मापी से संबंधित चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह से इस मामले पर पूछा गया तो उन्होने बताया कि चकबंदी के एक अमीन से अंचल और चकबंदी दोनों की मापी की जानी है. समय के अभाव के कारण अभी तक मापी नहीं हो सकी है. जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा.