कैमूर: जिले में मौसम की मार झेल रहे किसान आलू की खेती को लेकर चिंतित हैं. बेमौसम बरसात और ठंड की वजह से आलू की खेती काफी प्रभावित हुई है. जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है.
40 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गई आलू की फसल
जिले में आलू की खेती की जाती है. लेकिन बेमौसम बरसात और ठंड की वजह से पहले तो धान की फसल बर्बाद हुई, फिर आलू की फसल 40 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गई. ऐसे में किसान मायूस और परेशान हैं. वे कह रहे हैं कि उनका कोई सहारा नहीं हैं. इसलिए वे सरकार और विभाग से उम्मीद लागए बैठे हैं कि शायद उन्हें कोई सरकारी मदद मिले.
सरकार और विभाग से है मदद की उम्मीद
आलू की खेती कर रहे किसान अनिल कुमार सिंह नें बताया कि बेमौसम बरसात से आलू की फसल 50 प्रतिशत तक नष्ट हो गई है. वहीं, पिछले साल उन्होंने आलू की खेती कर 50 हजार रुपए का आलू बेचा था. लेकिन इस साल बरसात और अधिक ठंड की वजह से 25 से 30 हजार रुपये का नुकसान हो गया. ऐसे में उन्हें सरकार और विभाग से मदद की उम्मीद है.
रीढ़ की हड्डी बनी आलू की खेती
बता दें कि बेमौसम बरसात से कैमूर के किसानों की 80 प्रतिशत तक धान की फसल खराब हो गई थी. जिसके बाद बिहार सरकार ने उन्हें सरकारी मदद देनें की घोषणा की थी. धान के बाद अब आलू की खेती किसानों के लिए रीढ़ की हड्डी बन गई है.