कैमूर: जिले के चांद प्रखंड क्षेत्र के स्थानीय किसान खलिहान में अपनी गेहूं रखकर बेचने के लिए पैक्स की ओर निगाहें जमाये बैठे हुए हैं. सरकार की घोषणा के अनुसार, 20 अप्रैल से 15 जुलाई के तक गेहूं की खरीद की जायेगी. 20 अप्रैल आने में महज कुछ ही घंटे बचे हुए हैं. पैक्स कार्यालय में गेहूं खरीद की कोई हलचल नहीं होने से किसान परेशान हैं.
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बात दें कि सहकारिता पदाधिकारी रामश्रय राम के बयान ने किसानों को निराश कर दिया है. उन्होंने ने कोरोना से गेहूं खरीद प्रभावित होने की बात कही थी. जिसको लेकर जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला के आश्वासन पर गेहूं खलिहान में रखकर पैक्स के द्वारा खरीद का इंतजार कर रहे हैं. मौसम खराब होने या बूंदाबांदी होने की आशंका से फसल नुकसान होने को लेकर किसान आशंकित भी हैं.
औने-पौने दाम पर गेहूं बेचने को मजबूर
वहीं, शादी विवाह का लगन शुरू होने और कोरोना काल को लेकर किसानों को पैसे की अधिक आवश्यकता है. ऐसे में अधिकतर किसान मजबूरी में औने-पौने दाम पर गेहूं बेच दे रहे हैं. जिस कारण से किसानों को प्रति किवंटल 350 रुपये नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों की समस्या को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति कैमूर ने जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला को लिखित पत्र देकर अवगत कराया है. डीएम ने आश्वासन दिया की सरकार के घोषणा के अनुसार, 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू कर दी जायेगी.
'गोदाम में गेहूं की खरीद की नहीं है जगह'
जिलाधिकारी ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए पैक्स क्रैश क्रेडिट के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है. अधिकारियों के आश्वासन से किसानों को उम्मीद है कि गेहूं समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा. वहीं, पाढी पैक्स अध्यक्ष कुमार गौरव और चांद पैक्स अध्यक्ष धनन्जय सिंह ने कहा कि गोदाम में धान भरा हुआ है. जगह नहीं है की गेहूं की खरीद की जाए. यही कहकर खरीदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
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गेंहू खरीद पर किसान मजदूर संघर्ष समिति चांद के समन्वयक अर्जुन सिंह ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि पैक्स के द्वारा गेहूं की खरीद नहीं की जायेगी, तो समिति अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेगी. वहीं, जिला सहकारिता पदाधिकारी रामश्रय राम से पुछे जाने पर उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीदी की जायेगी, ऐसी बात कही गई है.