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OMG! लाखों के कर्ज में डूबा तो खुद के अपहरण की साजिश रच डाली.. ऐसे हुआ भांडाफोड़

कैमूर में फेक अपहरण का मामला (Fake kidnapping case in Kaimur) सामने आया है. एक व्यापारी ने कर्ज की रकम बढ़ी तो खुद के अपहरण की साजिश रची. हालाकि पुलिस ने इस मामले को चंद दिनों में ही सुलझा लिया. पढ़ें पूरी खबर

Fake kidnapping case in Kaimur
Fake kidnapping case in Kaimur
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Published : Jan 28, 2022, 6:07 PM IST

कैमूर(भभुआ): जब कर्ज बढ़ा तो बिहार के कैमूर में भारत गैस एजेंसी के संचालक (Bharat Gas Agency Kaimur) ने खुद के अपहरण की साजिश (Conspiracy To Kidnap Himself) रच डाली. देनदारों का बकाया और उसका ब्याज दिन पर दिन बढ़ता जा रहा था. 15 जनवरी को कर्ज देने वालों ने जब रकम वापसी की डिमांड की तो उसके पहले ही 14 जनवरी को कथरई गांव निवासी महेन्द्र प्रताप लापता हो गया.

ये भी पढ़ें- बाइक सवार के बैग से बरामद हुए 5 लाख रुपए कैश.. कैमूर पुलिस ने खदेड़कर दबोचा

एसपी के मुताबिक ये पूरा मामला अपहरण लगे इसके लिए उसने फोन से अपनी पत्नी और दोस्त को किसी के पीछा करने की सूचना दी. फिर कुछ देर बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ आने लगा. घर वालों का शक यकीन में बदल चुका था. लोग समझ बैठे कि महेंद्र प्रताप को अगवा किया जा चुका है. पत्नी ने 15 जनवरी को थाने में केस दर्ज कराया.

इस मामले का खुलासा करते हुए कैमूर एसपी राकेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को मोहनिया थाना अंतर्गत एक मामला अपहरण करने का प्रकाश में आया था, जिसका अपहरण किया गया था वह रोहतास जिले के कथराई गांव निवासी धर्मेंद्र प्रताप हैं जो भारत गैस एजेंसी के संचालक भी हैं. इन्होंने अपने अपहरण की खुद साजिश रची. पुलिस की टीम ने 12 दिन में साजिश से पर्दाफाश कर दिया.

जांच कर रही पुलिस टीम को गुप्त सूचना से पता चला कि अपहृत व्यक्ति यूपी के वाराणसी में किसी रिश्तेदार के घर में है. पुलिस की टीम ने वहां से उसे बरामद कर लिया. पुलिस ने बताया कि इस दौरान ये लोकेशन भी बदलते रहे. उत्तराखंड भी गए. जहां इन्होंने आत्महत्या की कोशिश भी की लेकिन साधु संतों की संगत के चलते इन्होंने ऐसा नहीं किया. वापस बनारस आ गए.

'मैं कर्ज नहीं चुका पा रहा था. मेरे ऊपर 35 लाख रुपए का कर्ज चढ़ गया था. 15 तारीख को वो कर्ज की रकम लेने के लिए आने वाले थे तभी मैने ये सोचा और किया. बीच में आत्महत्या की कोशिश की लेकिन नहीं कर पाया. मैं अपने कर्ज देने वालों से कहना चाहूंगा कि मैं उनकी पाई पाई लौटा दूंगा बस कुछ दिन की मोहलत दें'- महेन्द्र प्रताप, खुद के अपहरण की साजिश रचने वाला

अपनी गलती स्वीकार करते हुए व्यापारी महेन्द्र प्रताप ने कहा कि वो जिनके भी रुपए बकाया हैं सबको पाई पाई लौटा देंगे. बस उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए. व्यापारी ने बतााया कि 15 जनवरी को कर्ज वसूलने के लिए कुछ लोगों ने टाइम दिया हुआ था. उनके पास इतने रुपए नहीं थे कि वो उन्हें दे सकें. इसलिए उन्होंने पूरी साजिश की. फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.

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कैमूर(भभुआ): जब कर्ज बढ़ा तो बिहार के कैमूर में भारत गैस एजेंसी के संचालक (Bharat Gas Agency Kaimur) ने खुद के अपहरण की साजिश (Conspiracy To Kidnap Himself) रच डाली. देनदारों का बकाया और उसका ब्याज दिन पर दिन बढ़ता जा रहा था. 15 जनवरी को कर्ज देने वालों ने जब रकम वापसी की डिमांड की तो उसके पहले ही 14 जनवरी को कथरई गांव निवासी महेन्द्र प्रताप लापता हो गया.

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एसपी के मुताबिक ये पूरा मामला अपहरण लगे इसके लिए उसने फोन से अपनी पत्नी और दोस्त को किसी के पीछा करने की सूचना दी. फिर कुछ देर बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ आने लगा. घर वालों का शक यकीन में बदल चुका था. लोग समझ बैठे कि महेंद्र प्रताप को अगवा किया जा चुका है. पत्नी ने 15 जनवरी को थाने में केस दर्ज कराया.

इस मामले का खुलासा करते हुए कैमूर एसपी राकेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को मोहनिया थाना अंतर्गत एक मामला अपहरण करने का प्रकाश में आया था, जिसका अपहरण किया गया था वह रोहतास जिले के कथराई गांव निवासी धर्मेंद्र प्रताप हैं जो भारत गैस एजेंसी के संचालक भी हैं. इन्होंने अपने अपहरण की खुद साजिश रची. पुलिस की टीम ने 12 दिन में साजिश से पर्दाफाश कर दिया.

जांच कर रही पुलिस टीम को गुप्त सूचना से पता चला कि अपहृत व्यक्ति यूपी के वाराणसी में किसी रिश्तेदार के घर में है. पुलिस की टीम ने वहां से उसे बरामद कर लिया. पुलिस ने बताया कि इस दौरान ये लोकेशन भी बदलते रहे. उत्तराखंड भी गए. जहां इन्होंने आत्महत्या की कोशिश भी की लेकिन साधु संतों की संगत के चलते इन्होंने ऐसा नहीं किया. वापस बनारस आ गए.

'मैं कर्ज नहीं चुका पा रहा था. मेरे ऊपर 35 लाख रुपए का कर्ज चढ़ गया था. 15 तारीख को वो कर्ज की रकम लेने के लिए आने वाले थे तभी मैने ये सोचा और किया. बीच में आत्महत्या की कोशिश की लेकिन नहीं कर पाया. मैं अपने कर्ज देने वालों से कहना चाहूंगा कि मैं उनकी पाई पाई लौटा दूंगा बस कुछ दिन की मोहलत दें'- महेन्द्र प्रताप, खुद के अपहरण की साजिश रचने वाला

अपनी गलती स्वीकार करते हुए व्यापारी महेन्द्र प्रताप ने कहा कि वो जिनके भी रुपए बकाया हैं सबको पाई पाई लौटा देंगे. बस उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए. व्यापारी ने बतााया कि 15 जनवरी को कर्ज वसूलने के लिए कुछ लोगों ने टाइम दिया हुआ था. उनके पास इतने रुपए नहीं थे कि वो उन्हें दे सकें. इसलिए उन्होंने पूरी साजिश की. फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.

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