कैमूर: एक साल पहले 26 अप्रैल को जिले के कुढ़नी थाना क्षेत्र में पुलिस को एक लावारिस शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने शव की गलत पहचान कर ली थी. शव को बक्सर से गायब युवक मोहन कुमार राय समझकर पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया था. शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था. डीएनए टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद पता चला कि शव मोहन कुमार की नहीं थी. इसके बाद पुलिस ने मामले की शुरु से जांच की.
शव दिल्ली के रवि प्रसाद का था
डीएनए टेस्ट से जांच में यह खुलासा हुआ है कि मृतक दिल्ली के रवींद्र प्रसाद का इकलौता बेटा रवि प्रभात था. 21 अप्रैल 2018 को 10 लाख फिरौती के लिए रवि का अपहरण किया गया था. जिसके बाद दिल्ली के द्वारिका थाना में मिसिंग का मामला दर्ज किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
कुढ़नी थाना को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला, जिसमें रवि प्रभात के लापता होने की बात कही गई थी. कुढ़नी थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार ने जब दिल्ली पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि रवि शव मिलने के 5 दिन पहले से गायब है. कॉल डिटेल्स के आधार पर दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर के रौशन पांडेय और चंदन तिवारी को गिरफ्तार किया. कैमूर पुलिस की पहल पर दोनों युवकों को कैमूर लाया गया. पूछताछ में पता चला कि किडनैप करने के बाद रवि को मारकर उन्होंने कुढ़नी थाना क्षेत्र में फेंक दिया था. जगह की पहचान होने के बाद रवि के परिजनों से डीएनए मैच किया गया, जिसके बाद शव की पुष्टि हुई.
अपराधी को सजा मिलनी तय
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि पुलिस के सही जांच से और डीएनए रिपोर्ट से मामले का खुलासा किया गया है. न सिर्फ मृतक के असली माता-पिता की पहचान की गई, बल्कि हत्या का कारण भी पता किया गया. जांच में मिले सबूतों के दम पर अपराधी पर आरोप भी सिद्ध हो गया है. अपराधी को सजा मिलनी तय है. चूंकि मामला दिल्ली का है, इसलिए केस को दिल्ली भेजा जा रहा है.