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दिल्ली के युवक की हत्या कर शव कैमूर में फेंका, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पहले हुई थी गलत पहचान - कुढ़नी

कैमूर के कुढ़नी थाना क्षेत्र में एक साल पहले मिले शव का खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर शव की गलत पहचान हो गई थी. बक्सर में शव का अंतिम संस्कार भी हो गया था. डीएनए की मदद से यह खुलासा हुआ है कि मृतक दिल्ली का रहने वाला रवि प्रभात था.

एसपी
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Published : Jul 19, 2019, 4:25 PM IST

कैमूर: एक साल पहले 26 अप्रैल को जिले के कुढ़नी थाना क्षेत्र में पुलिस को एक लावारिस शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने शव की गलत पहचान कर ली थी. शव को बक्सर से गायब युवक मोहन कुमार राय समझकर पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया था. शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था. डीएनए टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद पता चला कि शव मोहन कुमार की नहीं थी. इसके बाद पुलिस ने मामले की शुरु से जांच की.

शव दिल्ली के रवि प्रसाद का था
डीएनए टेस्ट से जांच में यह खुलासा हुआ है कि मृतक दिल्ली के रवींद्र प्रसाद का इकलौता बेटा रवि प्रभात था. 21 अप्रैल 2018 को 10 लाख फिरौती के लिए रवि का अपहरण किया गया था. जिसके बाद दिल्ली के द्वारिका थाना में मिसिंग का मामला दर्ज किया गया था.

मामले की जानकारी देते एसपी दिलनवाज अहमद

क्या है पूरा मामला?
कुढ़नी थाना को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला, जिसमें रवि प्रभात के लापता होने की बात कही गई थी. कुढ़नी थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार ने जब दिल्ली पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि रवि शव मिलने के 5 दिन पहले से गायब है. कॉल डिटेल्स के आधार पर दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर के रौशन पांडेय और चंदन तिवारी को गिरफ्तार किया. कैमूर पुलिस की पहल पर दोनों युवकों को कैमूर लाया गया. पूछताछ में पता चला कि किडनैप करने के बाद रवि को मारकर उन्होंने कुढ़नी थाना क्षेत्र में फेंक दिया था. जगह की पहचान होने के बाद रवि के परिजनों से डीएनए मैच किया गया, जिसके बाद शव की पुष्टि हुई.

अपराधी को सजा मिलनी तय
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि पुलिस के सही जांच से और डीएनए रिपोर्ट से मामले का खुलासा किया गया है. न सिर्फ मृतक के असली माता-पिता की पहचान की गई, बल्कि हत्या का कारण भी पता किया गया. जांच में मिले सबूतों के दम पर अपराधी पर आरोप भी सिद्ध हो गया है. अपराधी को सजा मिलनी तय है. चूंकि मामला दिल्ली का है, इसलिए केस को दिल्ली भेजा जा रहा है.

कैमूर: एक साल पहले 26 अप्रैल को जिले के कुढ़नी थाना क्षेत्र में पुलिस को एक लावारिस शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने शव की गलत पहचान कर ली थी. शव को बक्सर से गायब युवक मोहन कुमार राय समझकर पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया था. शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था. डीएनए टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद पता चला कि शव मोहन कुमार की नहीं थी. इसके बाद पुलिस ने मामले की शुरु से जांच की.

शव दिल्ली के रवि प्रसाद का था
डीएनए टेस्ट से जांच में यह खुलासा हुआ है कि मृतक दिल्ली के रवींद्र प्रसाद का इकलौता बेटा रवि प्रभात था. 21 अप्रैल 2018 को 10 लाख फिरौती के लिए रवि का अपहरण किया गया था. जिसके बाद दिल्ली के द्वारिका थाना में मिसिंग का मामला दर्ज किया गया था.

मामले की जानकारी देते एसपी दिलनवाज अहमद

क्या है पूरा मामला?
कुढ़नी थाना को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला, जिसमें रवि प्रभात के लापता होने की बात कही गई थी. कुढ़नी थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार ने जब दिल्ली पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि रवि शव मिलने के 5 दिन पहले से गायब है. कॉल डिटेल्स के आधार पर दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर के रौशन पांडेय और चंदन तिवारी को गिरफ्तार किया. कैमूर पुलिस की पहल पर दोनों युवकों को कैमूर लाया गया. पूछताछ में पता चला कि किडनैप करने के बाद रवि को मारकर उन्होंने कुढ़नी थाना क्षेत्र में फेंक दिया था. जगह की पहचान होने के बाद रवि के परिजनों से डीएनए मैच किया गया, जिसके बाद शव की पुष्टि हुई.

अपराधी को सजा मिलनी तय
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि पुलिस के सही जांच से और डीएनए रिपोर्ट से मामले का खुलासा किया गया है. न सिर्फ मृतक के असली माता-पिता की पहचान की गई, बल्कि हत्या का कारण भी पता किया गया. जांच में मिले सबूतों के दम पर अपराधी पर आरोप भी सिद्ध हो गया है. अपराधी को सजा मिलनी तय है. चूंकि मामला दिल्ली का है, इसलिए केस को दिल्ली भेजा जा रहा है.

Intro:कैमूर।

एक साल पहले 26 अप्रैल को जिले के कुढ़नी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस को एक लावारिस मिलती हैं। डीएनए टेस्ट से पता चलता हैं कि मृतक युवक दिल्ली के रवींद्र प्रसाद का एकलौता बेटा रवि प्रभात था। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर शव की गलत पहचान कर बक्सर से गायब युवक मोहन कुमार राय को समझकर पुलिस ने शव उसके परिजनों को सौप दिया था। जिसके बाद बक्सर के ललन राय और परिजनों द्वारा शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था। गड़बड़ी का खुलासा तब होता है जब डीएनए टेस्ट का रिजल्ट आता हैं। जिसके बाद पुलिस से मामले की शुरू से जांच की।


Body:आपकों बतादें कि 21 अप्रैल 2018 को 10 लाख फिरौती के लिए दिल्ली के रवि प्रभात का अपहरण किया जाता हैं। जिसके बाद दिल्ली के द्वारिका थाना में मिसिंग का मामला दर्ज किया जाता हैं। इधर कैमूर पुलिस को 26 अप्रैल को एक लावारिस लाश मिलता हैं। जिसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बक्सर से गायब युवक मोहन कुमार राय का समझा जाता हैं और उसके परिजनों को सौंप दिया जाता हैं। जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। मामले में गड़बड़ी का पता तब चलता है जब शव का डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आता हैं। पुलिस ने जब बक्सर के परिजनों से डीएनए मिलाया तो रिपोर्ट नही मिलता हैं। जिसके बाद पुलिस को यह पता चलता है कि मृतक बक्सर का मोहन कुमार राय नही हैं।


कैमूर पुलिस ने मामले की शुरू से जांच शुरू की

डीएनए नही मिलने के बाद कैमूर पुलिस मामले की जांच में जुट गई इसी क्रम में जिले के कुढ़नी थाना को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला जिसमें रवि प्रभात नाम के एक युवक की गुमशुदगी की बात कही गई थी। कुढ़नी थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि मृतक रवि प्रभात शव मिलने के 5 दिन पहले से गायब हैं और उसके परिजनों से किडनैपर 10 लाख की फिरौती की मांग कर रहे थे। मामले में कॉल डिटेल्स के आधार पर दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर के रौशन पांडेय और चंदन तिवारी नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। कैमूर पुलिस की पहल के बाद दिल्ली पुलिस की टीम गिरफ्तार दोनों युवकों को कैमूर लेकर आती हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि किडनेप करने के बाद रवि प्रभात को मारकर कुढ़नी थाना क्षेत्र अंतर्गत फेक दिए थे। दोनों ने जगह की पहचान की जिसके बाद दोबारा मृतक रवि प्रभात के परिजनों से पुलिस ने डीएनए मैच किया जिसके बाद यह पता चलता हैं, की मृतक दिल्ली का रवि प्रभात है न कि बक्सर का मोहन।

दिल्ली के मृतक रवि का अंतिम संसार किया बक्सर के लोगों ने

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आसार शव की गलत पहचान हुई थी। जिसके बाद उसे बक्सर का मोहन समझकर उसके परिजनों को सौप दिया गया था। परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया। डीएनए रिपोर्ट के बाद खुलासा हुआ कि शव बक्सर का नही दिल्ली का था।

एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि पुलिस के सही जांच से और डीएनए रिपोर्ट से मामले का खुलासा किया जाता हैं। न सिर्फ मृतक के असली माता पिता की पहचान की जाती है बल्कि हत्या का कारण भी पता किया जाता हैं। जांच में मिले सबूतों के दम पर अपराधी पर आरोप भी सिद्ध हो जाता हैं। ऐसे में अपराधी को सज़ा होना तय हैं। चूंकि मामला दिल्ली का है इसके केस को दिल्ली भेजा जा रहा हैं।


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