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CM नीतीश से सवाल पूछ रही हैं प्रदेश की बेटियां, आखिर कब सुरक्षित होंगे हम?

विरोध प्रदर्शन कर रही RLSP नेत्री ने कहा कि जो लोग सूबे में पूर्व सरकार के राज को जंगलराज कहा करते थे, वे लोग आज इस मामले पर अपना स्याह चेहरा छुपा रहे हैं. अपराधियों का चुनाव लड़ना और जीतना, यहां कोई नई बात नहीं है.

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Published : Nov 14, 2019, 3:06 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 6:32 PM IST

जनता का मुख्यमंत्री से सवाल

कैमूर: प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाएं किसी से छुपी नहीं है. अपराधी सरकार की नाक के नीचे बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय पूर्व मुख्यमंत्रियों के शासनकाल की याद दिलाकर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं. ताजा मामला जिले के कैमूर का है. जहां अपराध से त्रस्त लोगों ने प्रदेश की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

'अपराध को प्रश्रय देती हैं राजनीतिक पार्टियां'
इस मामले पर विरोध प्रदर्शन कर रही RLSP नेत्री संगीता कुमारी कहती हैं, जो लोग सूबे में पूर्व सरकार के राज को जंगलराज कहा करते थे, वे आज इस मामले पर अपना स्याह चेहरा छुपा रहे हैं.अपराधियों का चुनाव लड़ना और जीतना यहां कोई नई बात नहीं है. बिहार की धरती पर अपराध बढ़ता ही जा रहा है. आपराधिक छवी के लोगों को राजनीतिक पार्टियां ही प्रश्रय देती हैं. जिसके चलते प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है.

जिला मुख्यालय कैमूर
जिला मुख्यालय कैमूर

बिहार की जनता भयभीत- राजद नेता
कैमूर जिला प्रदेश सचिव अकलू राम बताते हैं कि सूबे में जो आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेवार है. प्रदेश का लॉ एंड आर्डर फेल है. गुंडे बदमाश बैखौफ होकर घूम रहे हैं. जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है.

पुलिस देती है चोर-बदमाशों का साथ- स्थानीय
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि हम लोगों को दिन में भी बाहर जाने में भय लगता है. यहां पर कौन किसकी सुनता है. लोगों ने जिला पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि 'किसके पास शिकायत करें, पुलिस भी जनता से ज्यादा चोर और बदमाशों की आवभगत करती है. ऐसे में जनता जाए तो कहां जाए?

विरोध प्रदर्शन करते हुए लोग
विरोध प्रदर्शन करते हुए लोग

'अपराधियों पर हो स्पीडी ट्रायल'
इस मामले पर स्नातक नगर कि शिक्षिका लालजी कुमारी और स्कूल के प्रधानाध्यापक पीयूष कुमार बताते हैं कि अपराधी को कानून का खौफ नही है. जिस वजह से हाल के दिनों में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि अपराधियों के मन में कानून का खौफ पैदा करने के लिए सख्त से सख्त कानून बनाकर सजा देनी होगी. शिक्षिका लालजी कुमारी बताती है कि केस करने के बाद भी न्याययिक प्रकिया में विलंब होने के कारण अपराधी खुलेआम घुमते है. इसलिए कानून-व्यवस्था में बदलाव कर हर छोटे-बड़े अपराध के लिए स्पीडी ट्रायल होनी चाहिए.

ईटीवी भारत की टीम से बात करती हुई शिक्षिका
ईटीवी भारत की टीम से बात करती हुई शिक्षिका

मामूली विवाद में हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग
बता दें कि जिले मे अपराधियो का तांडव कुछ इस कदर से बढ़ा हुआ है कि विगत 12 नवंबर की शाम को मामूली विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. मामला जिले का नुआंव थाना क्षेत्र का है. जहां ताबड़तोड़ फायरिंग में एक साथ कुल 18 लोग घायल हो गए थे. ऐसे में पुलिस की तत्परता और सरकार की पुलिस पर पकड़ कितनी ढीली हुई है. यह एक विचारणीय बिन्दु है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिले में हाल के दिनों में हुई आपराधिक घटनाएं

  • एसपी, डीएम आवास के बीच देर रात घर मे घुसकर महिला की गोली मारकर हत्या
  • भभुआ मोहनिया पथ पर व्यवसायी को गोली मारने के बाद छिनतई
  • मोहनिया में भाजपा विधायक के रिश्तेदार की हत्या
  • कुदरा के खुरमाबाद के पास दिन दहाड़े 7.50 लाख की लूट
  • नुआंव में मामूली विवाद में फायरिंग, 18 घायल

कैमूर: प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाएं किसी से छुपी नहीं है. अपराधी सरकार की नाक के नीचे बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय पूर्व मुख्यमंत्रियों के शासनकाल की याद दिलाकर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं. ताजा मामला जिले के कैमूर का है. जहां अपराध से त्रस्त लोगों ने प्रदेश की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

'अपराध को प्रश्रय देती हैं राजनीतिक पार्टियां'
इस मामले पर विरोध प्रदर्शन कर रही RLSP नेत्री संगीता कुमारी कहती हैं, जो लोग सूबे में पूर्व सरकार के राज को जंगलराज कहा करते थे, वे आज इस मामले पर अपना स्याह चेहरा छुपा रहे हैं.अपराधियों का चुनाव लड़ना और जीतना यहां कोई नई बात नहीं है. बिहार की धरती पर अपराध बढ़ता ही जा रहा है. आपराधिक छवी के लोगों को राजनीतिक पार्टियां ही प्रश्रय देती हैं. जिसके चलते प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है.

जिला मुख्यालय कैमूर
जिला मुख्यालय कैमूर

बिहार की जनता भयभीत- राजद नेता
कैमूर जिला प्रदेश सचिव अकलू राम बताते हैं कि सूबे में जो आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेवार है. प्रदेश का लॉ एंड आर्डर फेल है. गुंडे बदमाश बैखौफ होकर घूम रहे हैं. जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है.

पुलिस देती है चोर-बदमाशों का साथ- स्थानीय
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि हम लोगों को दिन में भी बाहर जाने में भय लगता है. यहां पर कौन किसकी सुनता है. लोगों ने जिला पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि 'किसके पास शिकायत करें, पुलिस भी जनता से ज्यादा चोर और बदमाशों की आवभगत करती है. ऐसे में जनता जाए तो कहां जाए?

विरोध प्रदर्शन करते हुए लोग
विरोध प्रदर्शन करते हुए लोग

'अपराधियों पर हो स्पीडी ट्रायल'
इस मामले पर स्नातक नगर कि शिक्षिका लालजी कुमारी और स्कूल के प्रधानाध्यापक पीयूष कुमार बताते हैं कि अपराधी को कानून का खौफ नही है. जिस वजह से हाल के दिनों में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि अपराधियों के मन में कानून का खौफ पैदा करने के लिए सख्त से सख्त कानून बनाकर सजा देनी होगी. शिक्षिका लालजी कुमारी बताती है कि केस करने के बाद भी न्याययिक प्रकिया में विलंब होने के कारण अपराधी खुलेआम घुमते है. इसलिए कानून-व्यवस्था में बदलाव कर हर छोटे-बड़े अपराध के लिए स्पीडी ट्रायल होनी चाहिए.

ईटीवी भारत की टीम से बात करती हुई शिक्षिका
ईटीवी भारत की टीम से बात करती हुई शिक्षिका

मामूली विवाद में हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग
बता दें कि जिले मे अपराधियो का तांडव कुछ इस कदर से बढ़ा हुआ है कि विगत 12 नवंबर की शाम को मामूली विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. मामला जिले का नुआंव थाना क्षेत्र का है. जहां ताबड़तोड़ फायरिंग में एक साथ कुल 18 लोग घायल हो गए थे. ऐसे में पुलिस की तत्परता और सरकार की पुलिस पर पकड़ कितनी ढीली हुई है. यह एक विचारणीय बिन्दु है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जिले में हाल के दिनों में हुई आपराधिक घटनाएं

  • एसपी, डीएम आवास के बीच देर रात घर मे घुसकर महिला की गोली मारकर हत्या
  • भभुआ मोहनिया पथ पर व्यवसायी को गोली मारने के बाद छिनतई
  • मोहनिया में भाजपा विधायक के रिश्तेदार की हत्या
  • कुदरा के खुरमाबाद के पास दिन दहाड़े 7.50 लाख की लूट
  • नुआंव में मामूली विवाद में फायरिंग, 18 घायल
Intro:कैमूर।

जिले में बढ़ते अपराध को देखते हुए लोगों नें कहां की बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्हें शासन प्रशासन का कोई खौफ नहीं हैं। अब तो लोगों को डर लगने लगा हैं। महिलाएं सरकार से सुरक्षा मांग रहीं हैं तो लोग बोल रहें हैं जंगलराज की तरफ बढ़ रहा हैं बिहार। लोगों ने ईटीवी भारत के माध्यम से नितीश कुमार से पूछा पहली बार में अपराध में अंकुश अब क्यों हैं विफल।



Body:आपकों बतादें कि बिहार के साथ साथ कैमूर में भी आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई हैं। मंगलवार की देर शाम ( 12 नवंबर ) को मामूली विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग यह बताता हैं कि जिले में अपराधियों को प्रशासन का खौफ नहीं हैं।

नुआंव थाना क्षेत्र में हुए ताबड़तोड़ फायरिंग झड़प में एक साथ कुल 18 लोग घायल होते हैं। अपराधी अपने मंसूबों को जब अंजाम दे देते हैं तब पुलिस मौके- ए- वारदात पर पहुँचती हैं। ऐसे में पुलिस की तत्परता और सरकार की पुलिस पर पकड़ कितनी ढ़ीली हुई हैं इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।


कैमूर जिले की अगर बात करें तो पिछले कई दिनों में यहां दिल दहलाने वाला घटना सामने आया हैं। लेकिन इन घटनाओं में प्रशासन के हाथ खाली हैं ऐसे में सुशासन की सरकार की पुलिसिया व्यवस्था पर ढीली पकड़ यह बताने की लिए काफी हैं जंगलराज दूर करने की बात करने वाले सुशासन की सरकार कही खुद तो जंगल में नहीं हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि कैमूर की महिलाएं सरकार से सवाल पूछ रहीं हैं कि आखिरकार कहां हैं सुशासन की सरकार कहां हैं वो पोलिसिया व्यवस्था तो जनता को सुरक्षा प्रदान करती हैं।


स्पीडी ट्रायल और त्वरित कार्रवाई की मांग

लोगों से जब बढ़ते अपराध को कम करने के लिए जब सलाह ली गई तो स्नातक शिक्षिका लीलावती देवी ने बताया कि किसी भी अपराध खासकर महिलाओं के संबंधित जो अपराध हो तो उस पर स्पीडी ट्रायल और तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अपराधियों के हौसले पस्त हो वही दूसरी तरफ शिक्षक पीयूष ने कहां कि सरकार को अपराधियों को जल्द से जल्द सज़ा देने के लिए विकल्प ढूंढना होगा।

पुलिस के व्यवहार पर महिलाओं ने गुड़िया देवी ने कहां की पुलिस कभी किसी का साथ नहीं देती हैं बल्कि सच को झूठ और झूठ को सच बना देती हैं। गरीबों की बात नहीं सुनती हैं प्रशासन।


जनता का नीतीश से सवाल पहले अपराध पर अंकुश अब क्यों नहीं

बढ़ते अपराध से तंग आकर कैमूर की जनता नीतीश कुमार से यह सवाल कर रहीं हैं की पहले के कार्यकाल में अपराध पर अंकुश लगाने वाली सरकार आखिर क्यों अपने वर्तमान कार्याकाल में विवश हैं। क्या सरकार की प्रशासन पर पकड़ ढीली हो गई हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि लोग सीएम से सावल पूछ रहें हैं। अभिषेक कुमार सिंह और सुजीत कुमार श्रीवास्तव का मानना हैं कि 2015 से अब तक के कार्यकाल में सरकार अपराधियों पर कमर कसने में पूरी तरह से विफल हैं।


कहां गुम हो गया सुशासन

बढ़ते अपराध को देखते हुए तो अब महिलाएं भी नीतीश कुमार से यह सवाल पूछ रहीं हैं की कहां गया सुशासन। महिला संगीता देवी ने बताया कि जंगलराज समाप्त करने की बात करने वाली सरकार का सुशासन कहाँ गया हैं। महिलाओं को डर लगता हैं कि कही कोई अप्रिय घटना हो जाये। ऐसे में सरकार महिलाओं को आखिरकार क्या और कब सुरक्षा देगी अब तो उन्हें सड़क पर डर लगता हैं।


राजद के प्रदेश सचिव कैमूर जिला निवासी अकलू राम ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहां की बिहार की लॉ एंड आर्डर व्यवस्था फेल हैं। सरकार लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल हैं। इसलिए आज लोग डरे हुए हैं। सारी जिम्मेदारी सरकार की हैं।


हाल में हुए बड़े आपराधिक घटनाएं जिसमें पुलिस के हाथ खाली

- एसपी डीएम आवास के बीच देर रात घर मे घुसकर महिल की गोली मार हत्या

- भभुआ मोहनिया पथ पर व्यवसायी को गोली मारने के बाद छिनतई

- मोहनिया में भाजपा विधायक के रिश्तेदार की हत्या

- कुदरा के खुरमाबाद के पास दिन दहाड़े 7.50 लाख की लूट

- नुआंव में मामूली विवाद में फायरिंग, 18 घायल




Conclusion:
Last Updated : Nov 14, 2019, 6:32 PM IST
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