कैमूर: प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाएं किसी से छुपी नहीं है. अपराधी सरकार की नाक के नीचे बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय पूर्व मुख्यमंत्रियों के शासनकाल की याद दिलाकर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं. ताजा मामला जिले के कैमूर का है. जहां अपराध से त्रस्त लोगों ने प्रदेश की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
'अपराध को प्रश्रय देती हैं राजनीतिक पार्टियां'
इस मामले पर विरोध प्रदर्शन कर रही RLSP नेत्री संगीता कुमारी कहती हैं, जो लोग सूबे में पूर्व सरकार के राज को जंगलराज कहा करते थे, वे आज इस मामले पर अपना स्याह चेहरा छुपा रहे हैं.अपराधियों का चुनाव लड़ना और जीतना यहां कोई नई बात नहीं है. बिहार की धरती पर अपराध बढ़ता ही जा रहा है. आपराधिक छवी के लोगों को राजनीतिक पार्टियां ही प्रश्रय देती हैं. जिसके चलते प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है.
बिहार की जनता भयभीत- राजद नेता
कैमूर जिला प्रदेश सचिव अकलू राम बताते हैं कि सूबे में जो आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेवार है. प्रदेश का लॉ एंड आर्डर फेल है. गुंडे बदमाश बैखौफ होकर घूम रहे हैं. जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है.
पुलिस देती है चोर-बदमाशों का साथ- स्थानीय
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि हम लोगों को दिन में भी बाहर जाने में भय लगता है. यहां पर कौन किसकी सुनता है. लोगों ने जिला पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि 'किसके पास शिकायत करें, पुलिस भी जनता से ज्यादा चोर और बदमाशों की आवभगत करती है. ऐसे में जनता जाए तो कहां जाए?
'अपराधियों पर हो स्पीडी ट्रायल'
इस मामले पर स्नातक नगर कि शिक्षिका लालजी कुमारी और स्कूल के प्रधानाध्यापक पीयूष कुमार बताते हैं कि अपराधी को कानून का खौफ नही है. जिस वजह से हाल के दिनों में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि अपराधियों के मन में कानून का खौफ पैदा करने के लिए सख्त से सख्त कानून बनाकर सजा देनी होगी. शिक्षिका लालजी कुमारी बताती है कि केस करने के बाद भी न्याययिक प्रकिया में विलंब होने के कारण अपराधी खुलेआम घुमते है. इसलिए कानून-व्यवस्था में बदलाव कर हर छोटे-बड़े अपराध के लिए स्पीडी ट्रायल होनी चाहिए.
मामूली विवाद में हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग
बता दें कि जिले मे अपराधियो का तांडव कुछ इस कदर से बढ़ा हुआ है कि विगत 12 नवंबर की शाम को मामूली विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. मामला जिले का नुआंव थाना क्षेत्र का है. जहां ताबड़तोड़ फायरिंग में एक साथ कुल 18 लोग घायल हो गए थे. ऐसे में पुलिस की तत्परता और सरकार की पुलिस पर पकड़ कितनी ढीली हुई है. यह एक विचारणीय बिन्दु है.
जिले में हाल के दिनों में हुई आपराधिक घटनाएं
- एसपी, डीएम आवास के बीच देर रात घर मे घुसकर महिला की गोली मारकर हत्या
- भभुआ मोहनिया पथ पर व्यवसायी को गोली मारने के बाद छिनतई
- मोहनिया में भाजपा विधायक के रिश्तेदार की हत्या
- कुदरा के खुरमाबाद के पास दिन दहाड़े 7.50 लाख की लूट
- नुआंव में मामूली विवाद में फायरिंग, 18 घायल