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कैमूर: ब्लैक फंगस संक्रामक रोग नहीं, अफवाहों पर ना दें ध्यान

कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स ने बताया कि ब्लैक फंगस संक्रामक रोग नहीं है. यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा ले रहे हैं.

covid 19 National Task Force
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Published : May 23, 2021, 4:38 PM IST

कैमूर: ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है. जिसमें गंभीर रोग से प्रभावित लोगों को इस बीमारी से बचने की विशेष सलाह दी गयी है. एक्सपर्ट ग्रुप ने इस रोग से बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए इस रोग से जुड़े अफवाहों और भ्रांतियों से भी बचने की अपील की है.

ये भी पढ़ें: CM का निर्देश: सभी योग्य लाभुकों को मिले आवास योजना का लाभ, जल-जीवन-हरियाली योजना पर हो तेजी से काम

फोन कर आवयश्क जानकारी
एक्सपर्ट ग्रुप ने बताया है कि म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगस संक्रमण है. जिसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है. बुखार और ठंड सहित कोविड-19 के अन्य लक्षण दिखने पर आपदा मित्र हेल्पलाइन नंबर 14410 या कोविड हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन कर आवयश्क जानकारी ली जा सकती है. साथ ही हेल्थ हेल्पलाइन सेवा 104 से भी जानकारी प्राप्त किया जा सकता है.

स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा
म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगल संक्रमण है जो मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा ले रहे हैं. विशेष रूप से स्टेरॉयड दवा लेने वालों को म्यूकोरमाइकोसिस अधिक प्रभावित करता है. ऐसे व्यक्तियों के साइनस या फेफड़े, हवा से फंगल बीजाणुओं के अंदर जाने के बाद प्रभावित होते हैं. म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों को अधिक होती है जो, अनियंत्रित मधुमेह से प्रभावित हैं. इसके अलावा लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती रहे मरीज, अंग प्रत्यारोपण आदि रोगियों को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करती है.

मानसिक स्थिति में बदलाव
म्यूकोरमाइकोसिस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. जिसके चेतावनी के संकेत ओर लक्षणों में आंख और नाक के आसपास दर्द और लाली रहना, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, खूनी उल्टी और मानसिक स्थिति में बदलाव आना शामिल है. विशेष सुरक्षात्मक उपाय अपना कर म्यूकोरमाइकोसिस की रोकथाम की जा सकती है. यदि धूल भरे निर्माण स्थल पर जा रहे हैं तो, मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें. मिट्टी, बागबानी, काई या खाद आदि से जुड़े कार्य करते समय जूते, लंबी पैंट, पूरी बाजू वाली कमीज और दस्ताने अवश्य पहनें.

चेहरे के एक तरफ दर्द
कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 रोगियों सहित मधुमेह रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे लोगों को यदि नाक में रूकावट या जमाव, नाक से खूनी स्राव, गाल की हड्डी पर दर्द, चेहरे के एक तरफ दर्द, सुन्न और सूजन होना, नाक और तालू के उपर कालापन आना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़ीला होना, जबड़े में दिक्कत आदि हो तो म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना बहुत अधिक होती है. इसके अलावा छाती में दर्द और सांस लेने में परेशानी भी म्यूकोरमाइकोसिस होने के लक्षण होते हैं.

कैमूर: ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है. जिसमें गंभीर रोग से प्रभावित लोगों को इस बीमारी से बचने की विशेष सलाह दी गयी है. एक्सपर्ट ग्रुप ने इस रोग से बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए इस रोग से जुड़े अफवाहों और भ्रांतियों से भी बचने की अपील की है.

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फोन कर आवयश्क जानकारी
एक्सपर्ट ग्रुप ने बताया है कि म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगस संक्रमण है. जिसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है. बुखार और ठंड सहित कोविड-19 के अन्य लक्षण दिखने पर आपदा मित्र हेल्पलाइन नंबर 14410 या कोविड हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन कर आवयश्क जानकारी ली जा सकती है. साथ ही हेल्थ हेल्पलाइन सेवा 104 से भी जानकारी प्राप्त किया जा सकता है.

स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा
म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगल संक्रमण है जो मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा ले रहे हैं. विशेष रूप से स्टेरॉयड दवा लेने वालों को म्यूकोरमाइकोसिस अधिक प्रभावित करता है. ऐसे व्यक्तियों के साइनस या फेफड़े, हवा से फंगल बीजाणुओं के अंदर जाने के बाद प्रभावित होते हैं. म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों को अधिक होती है जो, अनियंत्रित मधुमेह से प्रभावित हैं. इसके अलावा लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती रहे मरीज, अंग प्रत्यारोपण आदि रोगियों को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करती है.

मानसिक स्थिति में बदलाव
म्यूकोरमाइकोसिस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. जिसके चेतावनी के संकेत ओर लक्षणों में आंख और नाक के आसपास दर्द और लाली रहना, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, खूनी उल्टी और मानसिक स्थिति में बदलाव आना शामिल है. विशेष सुरक्षात्मक उपाय अपना कर म्यूकोरमाइकोसिस की रोकथाम की जा सकती है. यदि धूल भरे निर्माण स्थल पर जा रहे हैं तो, मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें. मिट्टी, बागबानी, काई या खाद आदि से जुड़े कार्य करते समय जूते, लंबी पैंट, पूरी बाजू वाली कमीज और दस्ताने अवश्य पहनें.

चेहरे के एक तरफ दर्द
कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 रोगियों सहित मधुमेह रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे लोगों को यदि नाक में रूकावट या जमाव, नाक से खूनी स्राव, गाल की हड्डी पर दर्द, चेहरे के एक तरफ दर्द, सुन्न और सूजन होना, नाक और तालू के उपर कालापन आना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़ीला होना, जबड़े में दिक्कत आदि हो तो म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना बहुत अधिक होती है. इसके अलावा छाती में दर्द और सांस लेने में परेशानी भी म्यूकोरमाइकोसिस होने के लक्षण होते हैं.

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