कैमूर: कोरोना कहर के बीच एनएचएम संविदा कर्मियों ने विभिन्न मांगों लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी किया. इनका आंदोलन 8 मई तक चलेगा. इस दौरान सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो सभी लोग 12 मई से होम क्वरंटाइन कर लेंगे की चेतावनी दी है.
स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ बिहार ने सरकार के समक्ष विभिन्न मांगों को रखा गया है.
ये तीन प्रमुख मांग है-
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य स्तर, जिला स्तर, अनुमंडल स्तर, प्रखंड स्तर, स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर कार्यरत विभिन्न कोटि के संविदा कर्मियों और पदाधिकारियों के मानदेय का पुनरीक्षण कर सौ फीसदी बढ़ोतरी करना.
- कोविड-19 के भयावहता के बीच कार्य कर रहे सभी स्वास्थ्य संविदा कर्मियों के लिए लागू 50 लाख रुपये बीमा की राशि अभिलंब मृत कर्मियों के आश्रितों को उपलब्ध कराना.
- कोरोना काल में मृत्यु हो जाने के बाद पारिवारिक पेंशन, आश्रितों को नौकरी और अन्य सुविधा को अक्षरशः स्वास्थ्य संविदा कर्मियों के लिए भी तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना शामिल है.
वरीय अधिकारी और मंत्री सौंपा है ज्ञापन
वहीं, संविदा कर्मियों ने बताया कि सरकार ने आयुष चिकित्सकों के मानदेय का पुनर्निधारण करते हुए टॉपअप किया गया है. उसे अन्य संविदा कर्मियों पर लागू करते हुए वेतन में तत्काल सम्मान जनक बढ़ोतरी करना आवश्यक है. सरकार संविदा कर्मियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है. मांगों से संबंधित पत्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और संबंधित पदाधिकारियों को सौंपा गया है.
मांग पूरी नहीं होने पर खुद को करेंगे होम क्वारंटाइन
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ के निर्णय के अनुसार, छह मई से आठ मई तक सरकार की नीतियों का विरोध जारी रहेगी. कर्मी काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे. इस दौरान सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो सभी स्वास्थ्य संविदा कर्मी 12 मई से खुद को होम आइसोलेट कर लेंगे.