कैमूर: सरकार शिक्षा सुधार के लिए कई योजना चलाती है. स्कूल तक योजनाएं पहुंचती भी हैं. लेकिन, शिक्षा के प्रति स्कूल के उदासीन रवैये के कारण बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. जिले के भभुआ प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मोकरी की हालत ऐसी है कि यह स्कूल सरकारी नियमावली के अनुसार न चलकर शिक्षकों के मन के अनुसार चलता है.
शिक्षकों ने मानी गलती
शुक्रवार को इस विद्यालय के बच्चों को 3 बजे के बजाय 2:30 बजे ही छुट्टी दे दी गई. स्कूल के बच्चों को जब पंचायत के मुखिया ने घर जाते देखा, तो वे विद्यालय पहुंचे. मुखिया को देख शिक्षक तो वापस लौट आए, लेकिन बच्चे घर जा चुके थे. इस मामले पर शिक्षकों ने अपनी गलती मानी. प्रिंसिपल ददन कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि विद्यालय को समय से पहले बन्द कर दिया गया.
शिक्षक नहीं करते सरकारी नियमावली का पालन
बता दें कि सरकारी नियमानुसार विद्यालय का संचालन सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक का है. 3 बजे से 4 बजे तक कमजोर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है. 4 बजे शिक्षकों और कमजोर बच्चों को छुट्टी देने की नियमावली है. लेकिन, कमजोर बच्चों की पढ़ाई तो दूर की बात है, यहां नियमित क्लास के बच्चों की पढ़ाई भी पूरी नहीं की जाती है. लंच के आधे घंटे बाद ही विद्यालय बंद हो जाती है.
मुखिया ने दी मामले की जानकारी
मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि वे पंचायत का दौरा कर रहे थे. इसी दौरान 2:30 बजे उन्होंने बच्चों को घर जाते देखा. बच्चों से पूछने पर पता चला कि स्कूल बंद हो गया. स्कूल की ओर जाने के क्रम में उन्होंने शिक्षकों को भी घर जाते हुए देखा. इस बारे में पूछने पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद मुखिया ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से फोन पर शिकायत की और उन्होंने लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की बात भी कही.
यह भी पढ़ें- पटना एयरपोर्ट पर नए ट्रैफिक सिस्टम से बढ़ी पैदल चलने वाले यात्रियों की परेशानी