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कैमूर: अपने हिसाब से चलता है यह विद्यालय, कभी भी हो जाती है छुट्टी - Education reforms

कैमूर के एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक सरकारी नियमावली का पालन नहीं कर अपने अनुसार विद्यालय का संचालन करते नजर आए. मुखिया ने विद्यालय की ऐसी स्थिति देखकर बीडीओ से इस बात की शिकायत की.

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विद्यालय
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Published : Dec 14, 2019, 10:19 AM IST

कैमूर: सरकार शिक्षा सुधार के लिए कई योजना चलाती है. स्कूल तक योजनाएं पहुंचती भी हैं. लेकिन, शिक्षा के प्रति स्कूल के उदासीन रवैये के कारण बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. जिले के भभुआ प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मोकरी की हालत ऐसी है कि यह स्कूल सरकारी नियमावली के अनुसार न चलकर शिक्षकों के मन के अनुसार चलता है.

शिक्षकों ने मानी गलती
शुक्रवार को इस विद्यालय के बच्चों को 3 बजे के बजाय 2:30 बजे ही छुट्टी दे दी गई. स्कूल के बच्चों को जब पंचायत के मुखिया ने घर जाते देखा, तो वे विद्यालय पहुंचे. मुखिया को देख शिक्षक तो वापस लौट आए, लेकिन बच्चे घर जा चुके थे. इस मामले पर शिक्षकों ने अपनी गलती मानी. प्रिंसिपल ददन कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि विद्यालय को समय से पहले बन्द कर दिया गया.

पेश है रिपोर्ट

शिक्षक नहीं करते सरकारी नियमावली का पालन
बता दें कि सरकारी नियमानुसार विद्यालय का संचालन सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक का है. 3 बजे से 4 बजे तक कमजोर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है. 4 बजे शिक्षकों और कमजोर बच्चों को छुट्टी देने की नियमावली है. लेकिन, कमजोर बच्चों की पढ़ाई तो दूर की बात है, यहां नियमित क्लास के बच्चों की पढ़ाई भी पूरी नहीं की जाती है. लंच के आधे घंटे बाद ही विद्यालय बंद हो जाती है.

kaimur
मामले की जानकारी देते मुखिया

मुखिया ने दी मामले की जानकारी
मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि वे पंचायत का दौरा कर रहे थे. इसी दौरान 2:30 बजे उन्होंने बच्चों को घर जाते देखा. बच्चों से पूछने पर पता चला कि स्कूल बंद हो गया. स्कूल की ओर जाने के क्रम में उन्होंने शिक्षकों को भी घर जाते हुए देखा. इस बारे में पूछने पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद मुखिया ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से फोन पर शिकायत की और उन्होंने लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की बात भी कही.

यह भी पढ़ें- पटना एयरपोर्ट पर नए ट्रैफिक सिस्टम से बढ़ी पैदल चलने वाले यात्रियों की परेशानी

कैमूर: सरकार शिक्षा सुधार के लिए कई योजना चलाती है. स्कूल तक योजनाएं पहुंचती भी हैं. लेकिन, शिक्षा के प्रति स्कूल के उदासीन रवैये के कारण बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. जिले के भभुआ प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मोकरी की हालत ऐसी है कि यह स्कूल सरकारी नियमावली के अनुसार न चलकर शिक्षकों के मन के अनुसार चलता है.

शिक्षकों ने मानी गलती
शुक्रवार को इस विद्यालय के बच्चों को 3 बजे के बजाय 2:30 बजे ही छुट्टी दे दी गई. स्कूल के बच्चों को जब पंचायत के मुखिया ने घर जाते देखा, तो वे विद्यालय पहुंचे. मुखिया को देख शिक्षक तो वापस लौट आए, लेकिन बच्चे घर जा चुके थे. इस मामले पर शिक्षकों ने अपनी गलती मानी. प्रिंसिपल ददन कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि विद्यालय को समय से पहले बन्द कर दिया गया.

पेश है रिपोर्ट

शिक्षक नहीं करते सरकारी नियमावली का पालन
बता दें कि सरकारी नियमानुसार विद्यालय का संचालन सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक का है. 3 बजे से 4 बजे तक कमजोर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है. 4 बजे शिक्षकों और कमजोर बच्चों को छुट्टी देने की नियमावली है. लेकिन, कमजोर बच्चों की पढ़ाई तो दूर की बात है, यहां नियमित क्लास के बच्चों की पढ़ाई भी पूरी नहीं की जाती है. लंच के आधे घंटे बाद ही विद्यालय बंद हो जाती है.

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मामले की जानकारी देते मुखिया

मुखिया ने दी मामले की जानकारी
मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि वे पंचायत का दौरा कर रहे थे. इसी दौरान 2:30 बजे उन्होंने बच्चों को घर जाते देखा. बच्चों से पूछने पर पता चला कि स्कूल बंद हो गया. स्कूल की ओर जाने के क्रम में उन्होंने शिक्षकों को भी घर जाते हुए देखा. इस बारे में पूछने पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद मुखिया ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से फोन पर शिकायत की और उन्होंने लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की बात भी कही.

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Intro:कैमूर।

सरकार शिक्षा सुधार के लिए कई योजना चलाती हैं। स्कूल तक योजनाएं पहुँचती भी हैं लेकिन स्कूल के शिक्षा के प्रति उदासीन रवैये के कारण इसका लाभ बच्चों को नहीं मिलता हैं। कैमूर जिलें के भभुआ प्रखंड स्तिथ मध्य विद्यालय मोकरी का आलम यह हैं कि यह स्कूल सरकारी नियमावली के तहत नहीं बल्कि शिक्षकों के मन मुताबिक चलता हैं।


Body:आपकों बतादें कि इस विद्यालय के शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय का अनुपालन नहीं करतें हैं। शुक्रवार को इस विद्यालय के बच्चों को दोपहर 2:30 छुट्टी दे दी जाती हैं। यही नहीं शिक्षक भी आधे रास्ते घर को रवाना हो जाते हैं। लेकिन पंचायत के मुखिया और कुछ मीडिया कर्मी जब इस विद्यालय पर पहुँचते हैं तब शिक्षक तो वापस लौट आतें हैं लेकिन तब तक बच्चें अपने घर जा चुके होते हैं।

ऐसे में जब समाज को सुधारने वाले गुरुजी ही अपनी जिम्दारियों से भागेंगे तो देश का भविष्य कैसा होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं।

विद्यालय वापस लौटे शिक्षकों ने अपनी गलती मानी और कहाँ की विद्यालय समय से पहले बन्द नहीं करना चाहिए था। प्रिंसिपल ददन कुमार सिंह ने स्वीकार किया हैं कि विद्यालय को समय से पहले बन्द कर दिया गया हैं।

आपकों बतादें कि सरकार नियम अनुसार विद्यालय का संचालन सुबह 9 बजे से 3 बजे तक का हैं। 3 बजे से 4 बजे तक कमजोर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी हैं। 4 बजे शिक्षकों और कमजोर बच्चों को छुट्टी देने की नियमावली हैं। लेकिन हकीकत यह हैं कि आज तक इस विद्यालय में कमजोर बच्चों के 4 बजे तक क्लास चलना तो दूर की बात हैं। रेगुलर क्लास जो 3 बजे तक संचालित किया जाता हैं उसे भी पूरा नहीं किया जाता हैं और विद्यालय लंच के आधा घंटे बाद ही बन्द हो जाती हैं। ऐसे में सरकार नियमों को अनुपालन न करने की आदत इस विद्यालय के शिक्षकों को पड़ चुकी हैं। अब देखना यह होगा कि आखिरकार कब गुरुजी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।

मुखिया जय शंकर बिहारी ने बताया कि पंचायत का दौरा कर रहे थे इसी दौरान 2:30 बजे को घर जाते देखा पूछा तो पता चला स्कूल बन्द। स्कूल के तरफ आने के क्रम में शिक्षकों को रास्ते मे घर जाते हुए देखा। पूछने पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से फ़ोन पर शिकायत किया गया हैं। लिखित आवेदक देकर कार्रवाई की मांग की जाएगी।



Conclusion:
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