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कैमूर: एडॉप्शन सेंटर में बच्ची की मौत की नहीं सुलझी गुत्थी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार - kaimur news

डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भभुआ एसडीओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. लेकिन, जांच रिपोर्ट आने से पहले संस्थान के कई राज उजागर हो रहें हैं.

कैमूर
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Published : Nov 11, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 6:04 PM IST

कैमूर: शनिवार की शाम सरकार की ओर से संचालित विशेष एडॉप्शन सेंटर में 9 महीने की मासूम की मौत की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है. इस मामले में एडॉप्शन सेंटर के कर्मचारी भी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जिससे कहीं न कहीं संस्थान की लापरवाही सामने आ रही है. हालांकि, इस राज की गुत्थी तब तक नहीं सुलझेगी जब तक कि पोस्टमॉर्ट रिपोर्ट न आ जाए.

सहायक निदेशक का बयान
बाल ईकाई संरक्षण के सहायक निदेशक संजय कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें सीसीटीवी खराब होने की सूचना नहीं दी गई थी. उन्होंने बताया कि उन्हें शंका है कि बार-बार सीसीटीवी से जान कर छेड़छाड़ किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि जिस बेड पर बच्ची को सुलाया गया था, उसे बिना किसी अनुमति के साफ कर दिया गया. इसमें कहीं न कहीं कॉर्डिनेटर की गलती सामने आ रही है. संजय कुमार ने कहा कि इस पूरी वारदात की जांच हो रही है, जो भी दोषी होंगे कार्रवाई की जाएगी.

कैमूर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जांच में जुटे SDO
वहीं, जिला मुख्यालय भभुआ स्तिथ एडॉप्शन सेंटर में पल रही मासूम अनुप्रिया की संदेहास्पत मौत पर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भभुआ एसडीओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. लेकिन, जांच रिपोर्ट आने से पहले संस्थान के कई राज उजागर हो रहें हैं.

क्या है मामला?
बता दें कि शनिवार की शाम बिहार सरकार की ओर से संचालित विशेष एडॉप्शन सेंटर में एक 9 महीने की बच्ची की मौत हो जाती है. जिसके बाद जांच के लिए टीम को भेजा जाता है. जांच टीम के मुताबिक यह मालूम चलता है कि एडॉप्शन सेंटर में जो सीसीटीवी लगे हैं, वह पिछले 10 दिनों से खराब हैं. यहीं, नहीं जिस बेड पर बच्ची सो रही थी, उस बेड को बिनी किसी की अनुमति के साफ कर दिया जाता है और चादर को साफ दिया जाता है. जिससे शक की तलवार एडॉप्शन सेंटर के उपर लटक रही है. हालांकि, अब पूरा मामला पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर ही टिका है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद इस केस की गुत्थी सुलझने की उम्मीद है.

कैमूर: शनिवार की शाम सरकार की ओर से संचालित विशेष एडॉप्शन सेंटर में 9 महीने की मासूम की मौत की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है. इस मामले में एडॉप्शन सेंटर के कर्मचारी भी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जिससे कहीं न कहीं संस्थान की लापरवाही सामने आ रही है. हालांकि, इस राज की गुत्थी तब तक नहीं सुलझेगी जब तक कि पोस्टमॉर्ट रिपोर्ट न आ जाए.

सहायक निदेशक का बयान
बाल ईकाई संरक्षण के सहायक निदेशक संजय कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें सीसीटीवी खराब होने की सूचना नहीं दी गई थी. उन्होंने बताया कि उन्हें शंका है कि बार-बार सीसीटीवी से जान कर छेड़छाड़ किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि जिस बेड पर बच्ची को सुलाया गया था, उसे बिना किसी अनुमति के साफ कर दिया गया. इसमें कहीं न कहीं कॉर्डिनेटर की गलती सामने आ रही है. संजय कुमार ने कहा कि इस पूरी वारदात की जांच हो रही है, जो भी दोषी होंगे कार्रवाई की जाएगी.

कैमूर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जांच में जुटे SDO
वहीं, जिला मुख्यालय भभुआ स्तिथ एडॉप्शन सेंटर में पल रही मासूम अनुप्रिया की संदेहास्पत मौत पर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भभुआ एसडीओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. लेकिन, जांच रिपोर्ट आने से पहले संस्थान के कई राज उजागर हो रहें हैं.

क्या है मामला?
बता दें कि शनिवार की शाम बिहार सरकार की ओर से संचालित विशेष एडॉप्शन सेंटर में एक 9 महीने की बच्ची की मौत हो जाती है. जिसके बाद जांच के लिए टीम को भेजा जाता है. जांच टीम के मुताबिक यह मालूम चलता है कि एडॉप्शन सेंटर में जो सीसीटीवी लगे हैं, वह पिछले 10 दिनों से खराब हैं. यहीं, नहीं जिस बेड पर बच्ची सो रही थी, उस बेड को बिनी किसी की अनुमति के साफ कर दिया जाता है और चादर को साफ दिया जाता है. जिससे शक की तलवार एडॉप्शन सेंटर के उपर लटक रही है. हालांकि, अब पूरा मामला पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर ही टिका है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद इस केस की गुत्थी सुलझने की उम्मीद है.

Intro:कैमूर।

शनिवार की शाम बिहार सरकार द्वारा संचालित विशेष दत्तक गृह में एक मासूम की मौत हो जाती हैं। जिसके बाद जांच के लिए जांच में गई टीम को यह पता चलता हैं कि संस्थान में लगा सीसीटीवी 10 दिनों से खराब हैं। यहीं नहीं जांच करने गई पुलिस से देखा कि बिना किसी अधिकारी के परमिशन के जिस बेड पर बच्ची सोई हुई थी उस बेड को साफ कर दिया जाता हैं और चादर को धो दिया जाता हैं। ऐसे में संस्थान द्वारा जांच प्रभावित करने की कोशिश की जा रहीं हैं अब मासूम की मौत का राज सिर्फ पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिका हुआ हैं।


Body:आपकों बतादें कि जिला मुख्यालय भभुआ स्तिथ दत्तक गृह में पल रही मासूम अनुप्रिया की संदहस्पत मौत शनिवार को हो गई थी। डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने एसडीओ भभुआ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी हैं। लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले संस्थान के कई राज उजागर हो रहें हैं।




आपकों बतादें कि बच्ची की मौत किस कारण हुई हैं इस विषय पर कोई कुछ नही बोल रहा हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो बच्ची संस्थान के बेड पर सोई हुई थी। इसी दौरान वह किसी तरह बेड से नीचे गिर गई जिसके चलते उसकी मौत हो गई हैं।


बक्सर से आई थी मासूम

बताया जा रहा हैं कि मासूम बच्ची अनुप्रिया 9 महीने बक्सर जिले से भभुआ के दत्तक गृह में आई हुई थीं। जिसका परवरिश भभुआ के विशिष्ट दत्तक गृह में होती थी। बच्ची की उम्र एक साल से कम थी रिकॉर्ड के अनुसार बच्ची की उम्र 9 माह कि थी।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

बच्ची के शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल भभुआ में किया गया हैं। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर ने कहा था कि बच्ची सदर अस्पताल मृत अवस्था में लाई गई थी। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार हैं।


बाल संरक्षण ईकाई के सहायक निर्देशक संजय कुमार चौधरी नें बताया कि उन्हें किसी के द्वारा यह सूचना नहीं दी गई थी कि सीसीटीवी खराब हैं। संस्थान में नई सीसीटीवी लगवाया गया था लेकिन सीसीटीवी पिछले 10 दिनों से खराब होने की बात कहीं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक उनका अंदाजा हैं कोऑर्डिनेटर और संस्थान के कर्मियों के द्वारा सीसीटीवी से पर्व को देखते हुए खिलवाड़ किया जा सकता हैं। उन्होंने बताया कि बिना उनके अनुमति या किसी पदाधिकारी के अनुमति के बिना जिस बेड पर बच्ची सोई हुई थी उसकी सफाई की गई हैं। उन्हें इस बारें में कोई जानकारी नही हैं। लेकिन इस मामले को उन्होंने गंभीरता से लेते हुए संस्थान के कर्मियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई हैं ताकि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो उन्होंने बताया कि वरीय पदाधिकारी की जांच में जुटे हुए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के कारणों का पता चल पाएगा।


Conclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 6:04 PM IST
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