कैमूर: शनिवार की शाम सरकार की ओर से संचालित विशेष एडॉप्शन सेंटर में 9 महीने की मासूम की मौत की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है. इस मामले में एडॉप्शन सेंटर के कर्मचारी भी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जिससे कहीं न कहीं संस्थान की लापरवाही सामने आ रही है. हालांकि, इस राज की गुत्थी तब तक नहीं सुलझेगी जब तक कि पोस्टमॉर्ट रिपोर्ट न आ जाए.
सहायक निदेशक का बयान
बाल ईकाई संरक्षण के सहायक निदेशक संजय कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें सीसीटीवी खराब होने की सूचना नहीं दी गई थी. उन्होंने बताया कि उन्हें शंका है कि बार-बार सीसीटीवी से जान कर छेड़छाड़ किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि जिस बेड पर बच्ची को सुलाया गया था, उसे बिना किसी अनुमति के साफ कर दिया गया. इसमें कहीं न कहीं कॉर्डिनेटर की गलती सामने आ रही है. संजय कुमार ने कहा कि इस पूरी वारदात की जांच हो रही है, जो भी दोषी होंगे कार्रवाई की जाएगी.
जांच में जुटे SDO
वहीं, जिला मुख्यालय भभुआ स्तिथ एडॉप्शन सेंटर में पल रही मासूम अनुप्रिया की संदेहास्पत मौत पर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भभुआ एसडीओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. लेकिन, जांच रिपोर्ट आने से पहले संस्थान के कई राज उजागर हो रहें हैं.
क्या है मामला?
बता दें कि शनिवार की शाम बिहार सरकार की ओर से संचालित विशेष एडॉप्शन सेंटर में एक 9 महीने की बच्ची की मौत हो जाती है. जिसके बाद जांच के लिए टीम को भेजा जाता है. जांच टीम के मुताबिक यह मालूम चलता है कि एडॉप्शन सेंटर में जो सीसीटीवी लगे हैं, वह पिछले 10 दिनों से खराब हैं. यहीं, नहीं जिस बेड पर बच्ची सो रही थी, उस बेड को बिनी किसी की अनुमति के साफ कर दिया जाता है और चादर को साफ दिया जाता है. जिससे शक की तलवार एडॉप्शन सेंटर के उपर लटक रही है. हालांकि, अब पूरा मामला पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर ही टिका है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद इस केस की गुत्थी सुलझने की उम्मीद है.