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15 दिन में ही ध्वस्त हुआ हॉस्टल का बाउंड्री वॉल, अफसरों ने साधी चुप्पी - छात्रावास अधीक्षक

कैमूर के जिला मुख्यालय भभुआ में छात्रावास के बाउंड्री वॉल गिरने से छात्रों के बीच भय का माहौल बना हुआ है. कई बार अधिकारियों को इस बात की सूचना भी दी गई. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

बाउंड्री वॉल
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Published : Nov 9, 2019, 11:04 PM IST

कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ स्थित कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा कल्याण छात्रावास के चारों ओर बनाया गया बाउंड्री वॉल 15 दिनों के अंदर ही टूटकर ध्वस्त हो गया. यह ब्राउंड्री वॉल छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए बनाई गई थी.

बरसात में ध्वस्त हुई बाउंड्री वॉल
निर्माण के कुछ ही दिनों के अंदर ब्राउंड्री वॉल का ध्वस्त होना वॉल की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े कर रहा है. हॉस्टल के छात्र संतु प्रसाद ने बताया कि निर्माण कार्य पूरा होने के कुछ दिनों बाद बरसात हुई, जिसमें यह दीवार पूरी तरह ध्वस्त हो गई. अधिकारियों को कई बार इस बात की सूचना दी गई, लेकिन किसी ने अबतक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की. छात्र ने बताया कि दीवार के टूटने के बाद से लगातार चोरी-डकैती का भय बना रहता है.

पेश है रिपोर्ट

कॉन्ट्रेक्टर की लापरवाही
छात्रावास अधीक्षक किशोर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि कॉन्ट्रेक्टर ने दीवार का निर्माण सही तरीके से नहीं करवाया. इसी वजह से निर्माण के 15 दिनों के अंदर ही दीवार टूट गई. कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. अधीक्षक का कहना है कि जब उच्च अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं, तो वह क्या कर सकता है.

kaimur
मामले की जानकारी देता होस्टल अधीक्षक

कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ स्थित कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा कल्याण छात्रावास के चारों ओर बनाया गया बाउंड्री वॉल 15 दिनों के अंदर ही टूटकर ध्वस्त हो गया. यह ब्राउंड्री वॉल छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए बनाई गई थी.

बरसात में ध्वस्त हुई बाउंड्री वॉल
निर्माण के कुछ ही दिनों के अंदर ब्राउंड्री वॉल का ध्वस्त होना वॉल की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े कर रहा है. हॉस्टल के छात्र संतु प्रसाद ने बताया कि निर्माण कार्य पूरा होने के कुछ दिनों बाद बरसात हुई, जिसमें यह दीवार पूरी तरह ध्वस्त हो गई. अधिकारियों को कई बार इस बात की सूचना दी गई, लेकिन किसी ने अबतक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की. छात्र ने बताया कि दीवार के टूटने के बाद से लगातार चोरी-डकैती का भय बना रहता है.

पेश है रिपोर्ट

कॉन्ट्रेक्टर की लापरवाही
छात्रावास अधीक्षक किशोर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि कॉन्ट्रेक्टर ने दीवार का निर्माण सही तरीके से नहीं करवाया. इसी वजह से निर्माण के 15 दिनों के अंदर ही दीवार टूट गई. कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. अधीक्षक का कहना है कि जब उच्च अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं, तो वह क्या कर सकता है.

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मामले की जानकारी देता होस्टल अधीक्षक
Intro:कैमूर।

जिला मुख्यालय भभुआ स्तिथ कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा कल्याण छात्रवास में बच्चों के सुरक्षा दृष्टि और अनाधिकार असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक के लिए छात्रवास के चारों तरफ बाउंड्री दिलवाई गई। लेकिन बाउंड्री बननें के 15 दिनों के अंदर की टूटकर ध्वस्त हो गई।


Body:आपकों बतादें कि सुरक्षा के दृष्टिकोण यह बाउंड्री बहुत जरूर बताई जा रही थी लेकिन निर्माण के कुछ दिनों के अंदर बाउंड्री का ध्वस्त होना अपने आप में बाउंड्री निर्माण के गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहें हैं। लेकिन प्रशासन मौन हैं।


होस्टल के छात्र सन्तु प्रसाद ने बताया कि निर्माण कार्य पूरा होने के कुछ दिनों बाद बरसात शुरू हुई और बरसात में दीवार ध्वस्त हो गई। जिसके बाद कई दफा अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन किसी को कोई फर्क नही पड़ता हैं। सूचना के बाद कई दफा कई लोग आ चुके हैं बस तस्वीर खींच कर चले जाते हैं कि जल्द ही निर्माण किया जाएगा लेकिन कई दिनों के ध्वस्त होने के बावजूद निर्माण नहीं हो रहा हैं। छात्र ने बताया कि उनकी सुरक्षा के लिए बाउंड्री दिया गया था लेकिन सुरक्षा कवच के टूटने के बाद प्रशासन मौन हैं। छात्र ने बताया कि दीवार टूटने से डर बना रहता हैं होस्टल में कोई भी कभी भी प्रवेश कर सकता हैं। चोरी का डर हर वक़्त रहता हैं। छात्र ने बताया कि दीवार टूटने के बाद उन्हें यह डर रहता हैं कि कही कोई बाहर से आकर अटैक न कर दें।


छात्रवास अधीक्षक किशोर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि दीवार टूटने की शिकायत कई दफा उच्च अधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई हैं। उन्होंने बताया की कॉन्ट्रेक्टर के द्वारा दीवार का सही से निर्माण नहीं करवाया गया जिस वजह से निर्माण के 15 दिनों के अंदर की दीवार टूट गई। अधिकारियों को भी कई बार सूचना दी गई हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं। अधीक्षक का अभी ऐसा मानना हैं कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से परेशानी तो हैं लेकिन जब उच्च अधिकारी की कुछ नही कर रहे हैं तो वो क्या कर सकते हैं।


Conclusion:
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