कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ से महज 12 किमी दूर बसे सादेकवई गांव के बच्चे पानी में तैरकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. बारिश के दिनों में इस स्कूल के चारों तरफ जलजमाव हो जाता है. इसके कारण स्कूल के शिक्षक से लेकर बच्चे तक सभी उस पानी को तैरकर स्कूल जाने को विवश हैं.
180 छात्र करते हैं पढ़ाई
इस विद्यालय में लगभग 180 छात्र पढ़ाई करते हैं. लेकिन शिक्षा विभाग के उदासीन रवैये के कारण यहां पढ़ने वाले बरसात के दिनों में रोजाना पानी तैरने को मजबूर हैं. शिक्षा विभाग की तरफ से अभी तक इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
स्कूल जाने के लिए नहीं है रास्ता
छात्रों के अनुसार गांव से स्कूल जाने का कोई रास्ता ही नही हैं. गांव के मैदानों से सभी बच्चे स्कूल जाते हैं. मगर बारिश के दिनों में इन रास्तों में पानी भर जाता है. जिसके बाद उन्हें पानी तैरकर स्कूल जाना पड़ता है.
15 सालों से स्कूल की ऐसी ही दशा
स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि पिछले 15 सालों से स्कूल की ऐसी ही दशा है. हर बार बरसात के मौसम में स्कूल के चारों तरफ जलजमाव हो जाता है. छात्र से लेकर शिक्षक सभी तैरकर ही स्कूल आते हैं.
नहीं हो रही कोई सुनवाई
वहीं, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य ने बताया कि वो 2016 से यहां काम कर रहे हैं. लेकिन आज तक स्थिति वही है. बच्चे पानी तैरने को मजबूर हैं. इसके लिए कई बार शिक्षा विभाग को पत्र भी लिखा जा चुका है. लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.