कैमूर: जिले के भगवापुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत राजपुर-ओर्रां पथ पर स्थित टेकरा, कटकरा, ढे़कहरी और पड़री गांवों के किसानों ने नहर की खुदाई में शिकायत को लेकर लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता(जेई) को टेकरा गांव में घंटों तक बंधक बनाए रखा.
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आक्रोशित किसानों ने कनीय अभियंता को बनाया बंधक
प्राप्त जानकारी के मुताबिक लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता को सिंचाई की समस्या को लेकर गांव के मुखिया के द्वारा बुलाया गया था. लेकिन, वहां स्थानीय किसानों के आक्रोश को देखकर कनीय अभियंता बाइक लेकर मौके से निकलने का प्रयास करने लगे. आक्रोशित किसान बाइक को कभी पीछे से खींच रहे थे, तो कभी बाइक के आगे खड़े होकर उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे.
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खेतों में पानी नहीं पहुंचने से किसान नाराज
बौखलाए कनीय अभियंता कल आएंगे, तो परसों आएंगे कहते हुए किसानों के चंगुल से निकलने के प्रयास करते रहे, आक्रोशित किसान अपने जिद के आगे कनीय अभियंता की एक भी सुनने को तैयार नहीं थे. बता दें कि दो वर्ष वर्ष पहले सावजकुंडी से कुसडिहरा गांव तक लाखों की लागत से नहर की खुदाई की गई थी. मगर कटकरा, ढे़कहरी, टेकरा और पड़री गांव समेत अन्य कुछ गांवों के खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिससे उपरोक्त गांवों के ग्रामीणों में काफी आक्रोश था.
कनीय अभियंता को जबरन बनाया बंधक
गुरुवार की शाम को किसानों की समस्या पर स्थानीय पंचायत की मुखिया प्रियंका देवी द्वारा फोन से संपर्क कर विभाग के जेई को मौके पर बुलाया गया था, जहां एक के बाद एक करके संबंधित गांवों के दर्जनों किसान वहां इकट्ठा होकर जेई का घेराव करते हुए खेतों में पानी नहीं पहुंचने से संबंधित सवाल दागने लगे. जिसके बाद स्थानीय किसानों की काफी संख्या में भीड़ जुटने लगी. जिनके द्वारा कनीय अभियंता को जबरन रोक लिया गया.
आश्वाशन देकर कनीय अभियंता को कराया गया मुक्त
हालांकि, काफी कशमकश के बाद मौके पर जुटे मुखिया प्रतिनिधि फिरोज कुमार सुमन और किसानों को नहर की खुदाई कार्य में सुधार करवाने की आश्वाशन देकर विभाग के कनीय अभियंता को किसानों से मुक्त करवाया. किसान रामा शंकर चौबे और संतोष कुमार चौबे के सहित सभी किसानों का आरोप है कि करीब 2 वर्ष पूर्व लघु सिंचाई विभाग द्वारा एक करोड़ 72 लाख रुपए की बड़ी लागत से नहर की खुदाई की गई थी. जिसमें बहुत सारी जमीन भी किसानों की गई, बावजूद इसके उनके खेतों में पानी नहीं पहुंचा.