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कैमूर: 7 सालों से बंद पड़ा है ये आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चे और प्रेग्नेंट महिलाओं को नहीं मिल रही सुविधा

ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का संचालन नहीं होने से सबसे पहले तो बच्चों को परेशानी होती है. छोटे बच्चों को शुरुआती शिक्षा नहीं मिल पाती है. तो दूसरी तरफ सबसे अधिक परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं को है.

कैमूर में 7 सालों से बन्द पड़ा है आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : Sep 20, 2019, 5:21 PM IST

कैमूर: जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के ईदगहिया के वार्ड-1 के आंगनबाड़ी केंन्द्र का संचालन पिछले 7 सालों से नहीं किया जा रहा है. साल 2003 में खुले इस आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन 2012 तक बिल्कुल सही तरीके से हुआ. लेकिन 2012 में इस केंद्र की सहायिका ने रिजाइन कर दिया. जिसके 7 साल बाद भी जिला प्रशासन ने यहां सहायिका की बहाली नहीं की है. इस वजह से बच्चों की पढाई भी अच्छे से नहीं हो पाती है.

chainpur anganwadi center closed from 7 year
बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाती सेविका

प्रेग्नेंट महिलाओं को 7 सालों से नहीं मिली कोई सुविधा
यही नहीं केंन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को भी पिछले 7 सालों से कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है. नौकरी गंवाने के डर से केंद्र की सहायिका मोनगा देवी ने खुद से बच्चों को बिस्कुट खिलाकर कुछ वर्षों तक केंद्र का संचालन किया. लेकिन सहायिका के जाने के बाद कोई सुविधा नहीं मिलने की वजह से बच्चों ने यहां आना छोड़ दिया. इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं को सुविधा नहीं मिलने की वजह से ये पूरी तरह से बंद हो गया, हालांकि इस केंद्र पर सेविका आज भी बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाती है.

chainpur anganwadi center closed from 7 year
मोनिका देवी, सहायिका

केंद्र को अस्थाई रूप से किया गया बंद
सेविका ने बताया कि केंन्द्र 2012 से बंद है. जिसके बाद एओ अपने स्तर से यहां बच्चों को शिक्षा देती थी. लेकिन विभाग की तरफ से कुछ उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां पर खाना बंद हो गया. जिसकी वजह से इस केंद्र पर बच्चों का आना भी बंद हो गया. उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को भी सरकारी लाभ दिया जाता था. लेकिन पिछले 7 वर्षों से इस केंद्र पर कोई सरकारी लाभ न तो बच्चों को मिलता है, न ही किसी प्रेग्नेंट महिला को. जिसकी वजह से इसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया. अब जब सहायिका की बहाली होगी, तब केंद्र का संचालन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा.

chainpur anganwadi center closed from 7 year
सरिता देवी, स्थानीय निवासी

क्या कहते हैं ग्रामीण
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का संचालन नहीं होने से सबसे पहले तो बच्चों को परेशानी है. छोटे बच्चों को शुरुआती शिक्षा नहीं मिल पाती है. तो दूसरी तरफ सबसे अधिक परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं को है. केंन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सरकार की तरफ से बहुत सुविधा उपलब्ध है. लेकिन सहायिका के न होने के कारण 7 वर्षों से यहां की प्रेग्नेंट महिला और छोटे बच्चे सरकारी लाभ से वंचित हैं.

कैमूर में 7 सालों से बन्द पड़े आंगनबाड़ी केंद्र पर रिर्पोट

क्या कहते हैं अधिकारी
आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया केंद्र पर सहायिका के लिए दो बार आमसभा का आयोजन किया गया था. लेकिन विवाद की वजह से कुछ नहीं हो सका. आगामी 25 सितंबर को एसडीओ भभुआ के नेतृत्व में फिर आमसभा बुलाई गई है. जिसमें सहायिका का चयन किया जाना है. उन्होंने फिलहाल तत्काल कार्रवाई करते हुए केंन्द्र को दूसरे नजदीकी केंद्र से टैग करने की बात कही है. ताकि बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके और प्रेग्नेंट महिला और बच्चों को सरकारी लाभ मिल सके.

कैमूर: जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के ईदगहिया के वार्ड-1 के आंगनबाड़ी केंन्द्र का संचालन पिछले 7 सालों से नहीं किया जा रहा है. साल 2003 में खुले इस आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन 2012 तक बिल्कुल सही तरीके से हुआ. लेकिन 2012 में इस केंद्र की सहायिका ने रिजाइन कर दिया. जिसके 7 साल बाद भी जिला प्रशासन ने यहां सहायिका की बहाली नहीं की है. इस वजह से बच्चों की पढाई भी अच्छे से नहीं हो पाती है.

chainpur anganwadi center closed from 7 year
बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाती सेविका

प्रेग्नेंट महिलाओं को 7 सालों से नहीं मिली कोई सुविधा
यही नहीं केंन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को भी पिछले 7 सालों से कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है. नौकरी गंवाने के डर से केंद्र की सहायिका मोनगा देवी ने खुद से बच्चों को बिस्कुट खिलाकर कुछ वर्षों तक केंद्र का संचालन किया. लेकिन सहायिका के जाने के बाद कोई सुविधा नहीं मिलने की वजह से बच्चों ने यहां आना छोड़ दिया. इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं को सुविधा नहीं मिलने की वजह से ये पूरी तरह से बंद हो गया, हालांकि इस केंद्र पर सेविका आज भी बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाती है.

chainpur anganwadi center closed from 7 year
मोनिका देवी, सहायिका

केंद्र को अस्थाई रूप से किया गया बंद
सेविका ने बताया कि केंन्द्र 2012 से बंद है. जिसके बाद एओ अपने स्तर से यहां बच्चों को शिक्षा देती थी. लेकिन विभाग की तरफ से कुछ उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां पर खाना बंद हो गया. जिसकी वजह से इस केंद्र पर बच्चों का आना भी बंद हो गया. उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को भी सरकारी लाभ दिया जाता था. लेकिन पिछले 7 वर्षों से इस केंद्र पर कोई सरकारी लाभ न तो बच्चों को मिलता है, न ही किसी प्रेग्नेंट महिला को. जिसकी वजह से इसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया. अब जब सहायिका की बहाली होगी, तब केंद्र का संचालन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा.

chainpur anganwadi center closed from 7 year
सरिता देवी, स्थानीय निवासी

क्या कहते हैं ग्रामीण
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का संचालन नहीं होने से सबसे पहले तो बच्चों को परेशानी है. छोटे बच्चों को शुरुआती शिक्षा नहीं मिल पाती है. तो दूसरी तरफ सबसे अधिक परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं को है. केंन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सरकार की तरफ से बहुत सुविधा उपलब्ध है. लेकिन सहायिका के न होने के कारण 7 वर्षों से यहां की प्रेग्नेंट महिला और छोटे बच्चे सरकारी लाभ से वंचित हैं.

कैमूर में 7 सालों से बन्द पड़े आंगनबाड़ी केंद्र पर रिर्पोट

क्या कहते हैं अधिकारी
आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया केंद्र पर सहायिका के लिए दो बार आमसभा का आयोजन किया गया था. लेकिन विवाद की वजह से कुछ नहीं हो सका. आगामी 25 सितंबर को एसडीओ भभुआ के नेतृत्व में फिर आमसभा बुलाई गई है. जिसमें सहायिका का चयन किया जाना है. उन्होंने फिलहाल तत्काल कार्रवाई करते हुए केंन्द्र को दूसरे नजदीकी केंद्र से टैग करने की बात कही है. ताकि बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके और प्रेग्नेंट महिला और बच्चों को सरकारी लाभ मिल सके.

Intro:कैमूर।

चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के ईदगहिया के वार्ड 1 में स्तिथ आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन पिछले 7 सात सालों से नही किया जा रहा हैं।


Body:आपकों बतादें कि 2003 में खुले इस आंगनबाड़ी केंद्र संचालन 2012 तक बिल्कुल सही तरीके से हुआ। लेकिन 2012 में इस केंद्र की सहायिका ने रिजाइन कर दिया। जिसके 7 सात साल बाद भी जिला प्रशासन द्वारा इस केंद्र पर सहायिका की बहाली नही की गई। नतीजा यह हुआ हैं कि इस केंद्र पर पढ़ाई करने वाले नवनिहालो का निवाला छीन लिया गया। यही नही केन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को भी पिछले 7 सालों से कोई भी सुविधा नही मिल रहा हैं। नौकरी गवाने के डर से केंद्र की सहायिका मोनगा देवी ने खुद से बच्चों को बिस्कुट खिला खिला कर कुछ वर्षों तक केंद्र का संचालन किया लेकिन सहायिका के जाने के बाद केंद्र पर कोई सुविधा नही मिलने की वजह से बच्चों से केन्द्र आना छोड़ दिया और प्रेग्नेंट महिलाओं को सुविधा नही मिलने की वजह से केन्द्र पूरी तरह से बंद हो गया। लेकिन इस केंद्र पर सेविका द्वारा आज भी बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलवाया जाता हैं।

सेविका ने बताया कि केन्द्र 2012 से बंद हैं जिसके बाद एओ अपने स्तर से केंद्र पर बच्चों को शिक्षा देती थी लेकिन विभाग के तरफ से कुछ उपलब्ध न होने के कारण केंद्र पर खाना बन्द हो गया जिस कारण इस केंद्र पर बच्चों का आना नगण्य हो गया। यही नही सहायिका के वक़्त केंद्र पर सभी सुविधा मिलती थी। प्रेग्नेंट महिलाओं को भी सरकारी लाभ दिया जाता था लेकिन पिछले 7 वर्षों से इस केंद्र पर कोई सरकारी लाभ न तो बच्चों को मिलता हैं न ही किसी प्रेग्नेंट महिला को जिस कारण इस केंद्र को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया हैं। जब सहायिका की बहाली होगी केंद्र का संचालन शुचारु रूप से शुरू हो जाएगा। फिलहाल वो अपने स्तर से केंद्र पर आसपास के बच्चों को पोलियो का ड्राप पिलवाती हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का संचालन न होने से सबसे पहले तो बच्चों को परेशानी हैं। छोटे बच्चों को शुरुवाती शिक्षा नही मिल पाती हैं तो दूसरी तरफ सबसे अधिक परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं को भी हैं। केन्द्र पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सरकार की तरफ से बहुत सुविधा उपलब्ध हैं लेकिन सहायिका के न होने के कारण 7 वर्षो से यहाँ की प्रेग्नेंट महिला और छोटे नवनिहाल सरकारी लाभ से वंचित हैं।


आईसीडीएस की डीपीओ रेशमी कुमारी ने बताया केंद्र पर सहायिका के लिए दो बार आमसभा का आयोजन किया गया था लेकिन विवाद की वजह से कुछ नही हो सका। आगामी 25 सितंबर को एसडीओ भभुआ के नेतृत्व में फिर आमसभा बुलाई गई हैं। जिसमे सहायिका का चयन किया जाना हैं। उन्होंने फिलहाल तत्काल कार्रवाई करते हुए केन्द्र को दूसरे नजदीकी केंद्र से टैग करने की बात कही हैं ताकि बच्चों का पढ़ाई शुरू हो सके और प्रेग्नेंट महिला और नवनिहलो को सरकारी लाभ मिल सके।


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