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15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा रोपनी कार्य, कृषि विभाग ने कहा 92 प्रतिशत तक हो चुका काम

सरकार ने 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर के रोपनी का लक्ष्य दिया गया था. इसे पूरा करते हुए विभाग ने करीब 1 लाख 2 हेक्टेयर के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है. वहीं, बाकी के रोपनी के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा.

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Published : Aug 11, 2019, 1:45 PM IST

कैमूर जिले में 1 लाख 02 हेक्टेयर तक की खेती

कैमूर: जिले में इस बार कम बारिश होने के कारण खरीफ और रबी की फसल रोपने का काम पूरा नहीं किया जा सका है. इस विषय पर कृषि विभाग ने कहा कि कम बारिश में ही 52 प्रतिशत रोपनी हो चुकी है. 15 तारीख तक 100 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा.

15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा रोपनी कार्य- कृषि विभाग

कम बारिश के कारण बढ़ी परेशानी
दरअसल, कम बारिश के कारण पूरा राज्य सूखे की मार झेल रहा है. वहीं कैमूर जिले में भी यही हालात बने हुए हैं. इस बारे में कृषि विभाग का कहना है कि सूखे की समस्या को इस वर्ष समाप्त कर लिया गया है. हमें सरकार ने 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर के रोपनी का लक्ष्य दिया गया था. इसे पूरा करते हुए विभाग ने करीब 1 लाख 2 हेक्टेयर के लक्ष्य को पूरा कर लिया है. वहीं बाकी रोपनी के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा. आपको बता दें कि पिछले सप्ताह में हुई बारिश के जरिये किसानों ने तेजी से रोपनी के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है.

kaimur
फसल रोपते हुए महिला किसान

'15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा रोपनी कार्य'
कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने कहा कि शुरू में वर्षा न होने के कारण सूखे जैसे हालात हो गए थे. लेकिन जिले में जिस तरह से वर्षा हुई है, उससे जिले के सभी 11प्रखंडों में रोपनी का कार्य तेजी से किया गया है. उन्होंने कहा कि अधौरा छोड़ कर जिले के सभी 10 प्रखंडों में औसत 90 प्रतिशत से अधिक रोपनी हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पता चलता है कि जिले में 93 प्रतिशत खेती हो चुकी है. बाकी बचे रोपने के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा. वहीं बारिश में कमी आने से सबसे अधिक नुकसान अधौरा प्रखंड में होता है. यहां के किसान पूरी तरह वर्षा पर निर्भर रहते हैं.

कैमूर: जिले में इस बार कम बारिश होने के कारण खरीफ और रबी की फसल रोपने का काम पूरा नहीं किया जा सका है. इस विषय पर कृषि विभाग ने कहा कि कम बारिश में ही 52 प्रतिशत रोपनी हो चुकी है. 15 तारीख तक 100 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा.

15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा रोपनी कार्य- कृषि विभाग

कम बारिश के कारण बढ़ी परेशानी
दरअसल, कम बारिश के कारण पूरा राज्य सूखे की मार झेल रहा है. वहीं कैमूर जिले में भी यही हालात बने हुए हैं. इस बारे में कृषि विभाग का कहना है कि सूखे की समस्या को इस वर्ष समाप्त कर लिया गया है. हमें सरकार ने 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर के रोपनी का लक्ष्य दिया गया था. इसे पूरा करते हुए विभाग ने करीब 1 लाख 2 हेक्टेयर के लक्ष्य को पूरा कर लिया है. वहीं बाकी रोपनी के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा. आपको बता दें कि पिछले सप्ताह में हुई बारिश के जरिये किसानों ने तेजी से रोपनी के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है.

kaimur
फसल रोपते हुए महिला किसान

'15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा रोपनी कार्य'
कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने कहा कि शुरू में वर्षा न होने के कारण सूखे जैसे हालात हो गए थे. लेकिन जिले में जिस तरह से वर्षा हुई है, उससे जिले के सभी 11प्रखंडों में रोपनी का कार्य तेजी से किया गया है. उन्होंने कहा कि अधौरा छोड़ कर जिले के सभी 10 प्रखंडों में औसत 90 प्रतिशत से अधिक रोपनी हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पता चलता है कि जिले में 93 प्रतिशत खेती हो चुकी है. बाकी बचे रोपने के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा. वहीं बारिश में कमी आने से सबसे अधिक नुकसान अधौरा प्रखंड में होता है. यहां के किसान पूरी तरह वर्षा पर निर्भर रहते हैं.

Intro:कैमूर।

कृषि विभाग की मानें तो कैमूर में सूखे की समस्या को इस वर्ष समाप्त कर लिया गया हैं। सरकार द्वारा कृषि विभाग को 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर रोपनी का लक्ष्य दिया गया था। जिसे तेजी से पूरा करते हुए विभाग ने 1 लाख 02 हेक्टेयर के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया हैं शेष रोपनी के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा करने का दावा कर रही हैं।


Body:आपकों बतादें कि जिले में औसत से कम बारिश होने के कारण सूखे का खतरा मंडरा रहा था लेकिन पिछले सप्ताह में हुईं बारिश के बदौलत किसानों ने तेजी से धान के बिछड़ा को डाला और रोपनी के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया हैं।

जिला कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने बताया कि शुरू मे वर्षा न होने के कारण सूखे जैसी स्तिथ उत्पन्न होने की संभावना थी लेकिन जिले में जिस तरह से वर्ष हुई है उससे जिले के सभी 11प्रखंडों में रोपनी का कार्य तेजी से किया गया हैं। कृषि पदाधिकारी ने बताया अधौरा छोड़ कर जिले के सभी 10 प्रखंडों में औसत 90 प्रतिशत से अधिक रोपनी हो चुकी हैं। सरकारी आंकड़ों अगर गौर फरमाएं तो पता चलता है कि जिले में 93 प्रतिशत खेती हो चुकी हैं। शेष बचे रोपने के कार्य को 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा। कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बारिश में कमी आने से सबसे अधिक नुकसान अधौरा प्रखंड में होता हैं। अधौरा के किसान वर्षा पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं।


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