कैमूर: बिहार इस समय प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है. एक तरफ इंसान बाढ़ से त्रस्त हैं तो दूसरी तरफ बेजुबान जानवरों पर भी प्रकृति की मार पड़ी है. जिले में आकाशीय बिजली गिरने से 40 गायों की मौत हो गई.
घटना चैनपुर के मदुरना पंचायत के मदुर्नि गांव की है जहां गुरुवार की शाम आकाशीय बिजली गिरने से एक साथ 40 गायों की मौत हो गई. पंचायत के मुखिया प्रभु नारायण ने इस बात की जानकारी दी. बताया जाता है कि मवेशी कैमूर पहाड़ी पर चरने के लिए गए थे तभी ये घटना हुई.
त्राहिमाम करता बिहार
बता दें कि इस समय बिहार प्रकृति की दोहरी मार झेल रहा है. इंसानों के साथ-साथ अब बेजुबान जानवर भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. हर मौसम में एक नई आपदा झेलने वाला बिहार इस समय अपनी बदहाली और दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. पिछले दो महीने में बारिश और बाढ़ से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. उसी तरह से संपत्ति का काफी नुकसान भी हुआ है. चारों तरफ लोग त्राहीमाम करते नजर आ रहे हैं. वहीं सरकार और प्रशासन लोगों को राहत पहुंचाने के दावे कर रहे हैं लेकिन पीड़ितों की हालत तुरंत ही इन दावों की पोल तुरंत खोल दे रहे हैं.
वज्रपात से बचने के लिए सावधानियां
- वज्रपात होने के समय घर के बिजली से चलने वाले यंत्रों को बंद कर दें.
- वज्रपात के समय घर के बाहर किसी पेड़ के नीचे खड़े न हों.
- ठनका के दौरान खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूर तुरंत सूखे स्थान पर चले जाएं.
- इस दौरान मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल माना जाता है.
- वज्रपात के दौरान वाहन पर सवारी न करें. अपने घरों में तड़ित चालक निश्चित रूप से लगवाएं.