कैमूर: बिहार के कैमूर जिला के मोहनिया थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की के साथ 15 नवंबर 2019 को चलती कार में 4 लड़कों ने गैंग रेप (Gangrape with minor in Kaimur) किया था. आज इस केस में एडीजे छह पॉक्सो विशेष न्यायाधिश आशुतोष कुमार उपाध्याय की अदालत में दो आरोपी शाहनवाज उर्फ सोनू तथा सिकंदर अंसारी को 35 वर्ष की सजा सुनाई गई है. वहीं तीसरा आरोपी कलामू उर्फ सोनू का केस किशोर न्यायलय में चल रहा है जो अभी बेल पर है. वहीं चौथा आरोपी अरबाज आलम उर्फ कल्लू का केस एडल्ट चाइल्ड में चल रहा है जो अभी जेल में है.
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2019 में हुआ था काफी बवालः कांड के आरोपियों ने 24 नवम्बर 2019 को गैंगरेप का वीडियो बनाकर भी वायरल कर दिया गया था. गैंगरेप का वीडियो वायरल होने के बाद मोहनिया में इस मामले को लेकर काफी तनाव की स्थिती बन गई थी. इस तनाव के कारण काफी हंगामा और गोलीबारी हुई थी और दो लोगों को गोली भी लगी थी.इस मामले में करणी सेना और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. इस कांड में करणी सेना ने प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए उस समय के कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया.
उच्च न्यायालय में जाने की चेतावनीः उस समय करणी सेना ने चेतावनी दी थी कि अगर सभी आरोपियों को नहीं पकड़ा गया, तो आगे करणी सेना हाथों में हथियार उठा लेगी और खुद आरोपियों को सजा देगी. करणी सेना के अल्टीमेटम के बाद बिहार भर की पुलिस महकमे में हलचल मच गई थी. इस घटना के बाद पटना से पुलिस बल की कई बटालियन कैमूर में मंगानी पड़ी थी. लगभग 3 बार इंटरनेट सेवा पूरे कैमूर में बंद करनी पड़ी थी. पीड़िता पक्ष के वकील मंटू पांडेय ने बताया कि न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हैं, परंतु इस मामले पाक्सो एक्ट में सजा सही से नहीं सुनाई गई है, क्योंकि लड़की नाबालिग थी. इसके खिलाफ हमलोग उच्च न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे हैं.
"न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हैं, परंतु इस मामले पाक्सो एक्ट में सजा सही से नहीं सुनाई गई है, क्योंकि लड़की नाबालिग थी. इसके खिलाफ हमलोग उच्च न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे हैं" -मंटू पांडे,अधिवक्ता