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बाल मजदूरी कर रहे 2 बच्चों को कराया गया मुक्त, नियोक्ताओं के खिलाफ FIR

श्रम विभाग ने एक मजदूर को मिठाई दुकान से तो दूसरे को ऑटो पा‌र्ट्स की दुकान से बरामद किया गया है. विभाग ने दोनों दुकान के मालिकों पर कार्रवाई की बात कही है.

Kaimur
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Published : Dec 18, 2020, 9:54 PM IST

कैमूर(भभुआ): कैमूर श्रम विभाग ने भभुआ में दो बाल मजदूर को बरामद किया है. श्रम विभाग ने एक मजदूर को मिठाई दुकान से तो दूसरे को ऑटो पा‌र्ट्स की दुकान से बरामद किया गया है. विभाग ने दोनों दुकान के मालिकों पर कार्रवाई की बात कही है.

दोनों बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से चाइल्ड हेल्प लाइन भेजा गया है. बताया जाता है कि श्रम विभाग को सूचना मिली थी कि दो बच्चों को दुकान पर रख कर काम कराया जा रहा है. इसके बाद श्रम विभाग ने कार्रवाई कर दोनों बच्चों को बरामद किया. साथ बच्चों के परिजनों के पास भेजने की कार्रवाई की जा रही है.

क्या है बाल श्रम
बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारीरिक कार्य कराना है. बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है. भारतीय संविधान के अनुसार किसी उद्योग, कल-कारखाने या किसी कंपनी में मानसिक या शारीरिक श्रम करने वाले 5-14 वर्ष उम्र के बच्चों को बाल श्रमिक कहा जाता है.

हाइलाइट्स:-

  • दशकों से भारत बालश्रम के नासूर को ढो रहा है.
  • भारत बाल श्रम से बच्चों को मुक्त करने के मामले में अभी भी मीलों दूर है.
  • बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है.
  • बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारीरिक कार्य कराना है.

कैमूर(भभुआ): कैमूर श्रम विभाग ने भभुआ में दो बाल मजदूर को बरामद किया है. श्रम विभाग ने एक मजदूर को मिठाई दुकान से तो दूसरे को ऑटो पा‌र्ट्स की दुकान से बरामद किया गया है. विभाग ने दोनों दुकान के मालिकों पर कार्रवाई की बात कही है.

दोनों बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से चाइल्ड हेल्प लाइन भेजा गया है. बताया जाता है कि श्रम विभाग को सूचना मिली थी कि दो बच्चों को दुकान पर रख कर काम कराया जा रहा है. इसके बाद श्रम विभाग ने कार्रवाई कर दोनों बच्चों को बरामद किया. साथ बच्चों के परिजनों के पास भेजने की कार्रवाई की जा रही है.

क्या है बाल श्रम
बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारीरिक कार्य कराना है. बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है. भारतीय संविधान के अनुसार किसी उद्योग, कल-कारखाने या किसी कंपनी में मानसिक या शारीरिक श्रम करने वाले 5-14 वर्ष उम्र के बच्चों को बाल श्रमिक कहा जाता है.

हाइलाइट्स:-

  • दशकों से भारत बालश्रम के नासूर को ढो रहा है.
  • भारत बाल श्रम से बच्चों को मुक्त करने के मामले में अभी भी मीलों दूर है.
  • बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है.
  • बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारीरिक कार्य कराना है.
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