जहानाबाद: पक्षी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद इन्हें न रोके… जी हां यह गाना काफी प्रसिद्ध है. जिले में कुछ ऐसा ही देखने को मिल भी रहा है. जिले में साइबेरिया से आने वाले साइबेरियन पक्षी इन दिनों शहर और गांव के इलाकों में दिखाई देने लगे हैं. हर साल इन पक्षियों का आगमन जुलाई महीने में ही देखने को मिलता है.
साइबेरियन पक्षियों का हुआ आगमन
जिले में साइबेरियन पक्षियों का आगमन प्रत्येक साल होता है. 1960 से लेकर 1990 के बीच वृक्षों की कटाई और अंधाधुंध शिकार के कारण इन पक्षियों का आगमन थम गया था. वहीं पिछले साल 25 से 30 सालों से पुनः इन पक्षियों का आगमन प्रारंभ हो गया है. जिले में पिछले चार-पांच सालों में कहीं ज्यादा इस वर्ष साइबेरियन पक्षी दिखाई दिए. इस साल भी इनका आगमन मानसून के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है.
जहानाबाद में साइबेरियन पक्षियों का शुरू हुआ आना, सरकारी कार्यालयों में भी गूंज रही आवाज
जहानाबाद जिले में प्रत्येक वर्ष साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है, जिससे सरकारी कर्यालय उनकी आवाजों से गूंज उठता है. वहीं इस वर्ष भी एक शुभ संकेत के साथ साइबेरियन पक्षी का आगमन हो चुका है.
जहानाबाद: पक्षी नदिया पवन के झोंके कोई सरहद इन्हें न रोके… जी हां यह गाना काफी प्रसिद्ध है. जिले में कुछ ऐसा ही देखने को मिल भी रहा है. जिले में साइबेरिया से आने वाले साइबेरियन पक्षी इन दिनों शहर और गांव के इलाकों में दिखाई देने लगे हैं. हर साल इन पक्षियों का आगमन जुलाई महीने में ही देखने को मिलता है.
साइबेरियन पक्षियों का हुआ आगमन
जिले में साइबेरियन पक्षियों का आगमन प्रत्येक साल होता है. 1960 से लेकर 1990 के बीच वृक्षों की कटाई और अंधाधुंध शिकार के कारण इन पक्षियों का आगमन थम गया था. वहीं पिछले साल 25 से 30 सालों से पुनः इन पक्षियों का आगमन प्रारंभ हो गया है. जिले में पिछले चार-पांच सालों में कहीं ज्यादा इस वर्ष साइबेरियन पक्षी दिखाई दिए. इस साल भी इनका आगमन मानसून के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है.