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जहानाबाद: 2 महीने बाद खुले जिले के सभी धार्मिक स्थल, मास्क और सोशल डिस्टेंसिग अनिवार्य - ईटीवी भारत

धार्मिक स्थलों में प्रवेश से पहले श्रद्धलुओं को अच्छे से हाथ-पैर धोना होगा. सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. धार्मिक स्थल की किसी चीज को छूने की अनुमति नहीं है.

जहानाबाद
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Published : Jun 8, 2020, 11:09 PM IST

जहानाबाद: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद थे. सोमवार से धार्मिक स्थलों पर लगी पाबंदी खत्म हो गई है. अब भक्त केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार भगवान के दर्शन कर पाएंगे. जिले के गौरक्षणी स्थित देवी मंदिर में भी श्रद्धालु पूजा-पाठ करने के लिए आए. वहीं, मस्जिदों में भी नमाजियों ने इबादत करनी शुरू कर दी है. हालांकि, कोरोना भय की वजह से लोगों की भीड़ मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थल पर पहले की अपेक्षा कम देखने को मिली.

सोशल डिस्टेंसिंग का करवाया जा रहा अनुपालन
मखदुमपुर स्थित प्रसिद्ध वाणावर पहाड़ पर स्थित मंदिर में भी दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. गौरक्षणी देवी मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि माता के दरबार को सरकार के निर्देशानुसार खोल दिया गया है. भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है. सरकारी निर्देशों का पालन कराते हुए पूजा-पाठ करवाया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बिना मास्क के प्रवेश की अनुमति नहीं'
वहीं, शहर स्थित मस्जिद भी खुल चुकें हैं. मस्जिद के इमाम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बिना मास्क के मस्जिद के अंदर जाने के अनुमति नहीं दी जाएगी. यहां पर आने के बाद मुख्य गेट पर पहले नमाजियों के हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करवाया जाएगा. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा करने की अनुमति दी जा रही है.

मस्जिद के इमाम
मस्जिद के इमाम

धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए ये हैं शर्तें
धार्मिक स्थलों में प्रवेश से पहले श्रद्धलुओं को अच्छे से हाथ-पैर धोना होगा. सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. धार्मिक स्थल की किसी चीज को छूने की अनुमति नहीं है. गौरतलब है कि लॉकडाउन के लागू होने के बाद लगभग ढाई महीने के बाद पूरे बिहार के धर्मिक स्थलों को कुछ जरूरी शर्तों के साथ खोलने के निर्देश दिए गए हैं.

जहानाबाद: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद थे. सोमवार से धार्मिक स्थलों पर लगी पाबंदी खत्म हो गई है. अब भक्त केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार भगवान के दर्शन कर पाएंगे. जिले के गौरक्षणी स्थित देवी मंदिर में भी श्रद्धालु पूजा-पाठ करने के लिए आए. वहीं, मस्जिदों में भी नमाजियों ने इबादत करनी शुरू कर दी है. हालांकि, कोरोना भय की वजह से लोगों की भीड़ मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थल पर पहले की अपेक्षा कम देखने को मिली.

सोशल डिस्टेंसिंग का करवाया जा रहा अनुपालन
मखदुमपुर स्थित प्रसिद्ध वाणावर पहाड़ पर स्थित मंदिर में भी दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. गौरक्षणी देवी मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि माता के दरबार को सरकार के निर्देशानुसार खोल दिया गया है. भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है. सरकारी निर्देशों का पालन कराते हुए पूजा-पाठ करवाया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बिना मास्क के प्रवेश की अनुमति नहीं'
वहीं, शहर स्थित मस्जिद भी खुल चुकें हैं. मस्जिद के इमाम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बिना मास्क के मस्जिद के अंदर जाने के अनुमति नहीं दी जाएगी. यहां पर आने के बाद मुख्य गेट पर पहले नमाजियों के हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करवाया जाएगा. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा करने की अनुमति दी जा रही है.

मस्जिद के इमाम
मस्जिद के इमाम

धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए ये हैं शर्तें
धार्मिक स्थलों में प्रवेश से पहले श्रद्धलुओं को अच्छे से हाथ-पैर धोना होगा. सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. धार्मिक स्थल की किसी चीज को छूने की अनुमति नहीं है. गौरतलब है कि लॉकडाउन के लागू होने के बाद लगभग ढाई महीने के बाद पूरे बिहार के धर्मिक स्थलों को कुछ जरूरी शर्तों के साथ खोलने के निर्देश दिए गए हैं.

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