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बिहार में विकास की अजब दास्तान! पुल का पिलर बना लेकिन ढलाई नहीं.. जानलेवा जुगाड़ से हो रहा आवागमन

जहानाबाद के काको प्रखंड में चार गांव ऐसे हैं. जहां पर पुल नहीं होने की वजह से लोगों को काफी तबाही का सामना करना पड़ता है. लोगों को बांस के चचरी और बिजली पोल पर चढ़कर रास्ता पार करना पड़ता है. पढ़ें पूरी खबर..

जहानाबाद
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Published : Oct 6, 2022, 12:30 PM IST

जहानाबाद: जहानाबाद में काको प्रखंड में जन बीघा पीअरली चक कोठियां गजराज बीघा गांव में बिजली के पोल के सहारे लोग चलने को मजबूर (Bridge in Kako Jehanabad) है. काको प्रखंड के लोगों का कहना है कि बीते 21 साल पहले ही सरकार ने यहां पुल निर्माण करने की स्वीकृति दी थी. इसके बावजूद भी पुल का पिलर बनने के बाद पुल की ढलाई नहीं हो पाई है. बताया कि अपराधियों ने पुल बनाने वाले ठेकेदारों से रंगदारी की मांग की. जिसके बाद ठेकेदार काम छोड़कर वहां से भाग गये. उसी वक्त से अभी तक पुल का ढलाई नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें - गजबे है बिहार! पहले रेलवे इंजन फिर पुल.. और अब पूरा सरकारी अस्पताल ही बेच डाला

पुल नहीं होने से लोगों को परेशानी: यह मामला काको प्रखंड का है. जहां इस क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा भी दिया गया है. बताया जाता है कि अगर इस इलाके के लोग रात में किसी अनहोनी के शिकार हो जाते हैं, या किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उन लोगों को दिखाने जाने के लिए कोई रास्ता मौजूद नहीं है. जिसके कारण उन ग्रामीणों के लिए मौत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. जिसके कारण कभी लोग वहां बांस के चचरी बनाकर तो कभी बिजली के पोल रखकर आवागमन करते हैं.

आसपास के ग्रामीणों ने वहां पर जाने वाले हर जनप्रतिनिधियों से पुल बनवाने की मांग करते हैं. लेकिन कोई भी नेता इस बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है. ज्ञात हो कि राज्य सरकार पूरे राज्य में विकास की बड़ी-बड़ी बातें करती है. लेकिन माजरा यह कि आज भी जहानाबाद जिले के काको प्रखंड में लोग इस तरह से अपने जीवन को काटने पर मजबूर हैं.

"जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन भी पुल निर्माण कराने का आश्वासन देते रहे हैं. लेकिन किसी ने पुल का निर्माण नहीं कराया है. जिसे आम लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर छात्र और छात्राओं को काको प्रखंड मुख्यालय में पढ़ाई करने जाते समय काफी कठिनाई होता है"- ग्रामीण

ये भी पढ़ें: बच्चियों से छेड़खानी के आरोप में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक पर केस, पुलिस कर रही है जांच

जहानाबाद: जहानाबाद में काको प्रखंड में जन बीघा पीअरली चक कोठियां गजराज बीघा गांव में बिजली के पोल के सहारे लोग चलने को मजबूर (Bridge in Kako Jehanabad) है. काको प्रखंड के लोगों का कहना है कि बीते 21 साल पहले ही सरकार ने यहां पुल निर्माण करने की स्वीकृति दी थी. इसके बावजूद भी पुल का पिलर बनने के बाद पुल की ढलाई नहीं हो पाई है. बताया कि अपराधियों ने पुल बनाने वाले ठेकेदारों से रंगदारी की मांग की. जिसके बाद ठेकेदार काम छोड़कर वहां से भाग गये. उसी वक्त से अभी तक पुल का ढलाई नहीं हुआ है.

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पुल नहीं होने से लोगों को परेशानी: यह मामला काको प्रखंड का है. जहां इस क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा भी दिया गया है. बताया जाता है कि अगर इस इलाके के लोग रात में किसी अनहोनी के शिकार हो जाते हैं, या किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उन लोगों को दिखाने जाने के लिए कोई रास्ता मौजूद नहीं है. जिसके कारण उन ग्रामीणों के लिए मौत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. जिसके कारण कभी लोग वहां बांस के चचरी बनाकर तो कभी बिजली के पोल रखकर आवागमन करते हैं.

आसपास के ग्रामीणों ने वहां पर जाने वाले हर जनप्रतिनिधियों से पुल बनवाने की मांग करते हैं. लेकिन कोई भी नेता इस बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है. ज्ञात हो कि राज्य सरकार पूरे राज्य में विकास की बड़ी-बड़ी बातें करती है. लेकिन माजरा यह कि आज भी जहानाबाद जिले के काको प्रखंड में लोग इस तरह से अपने जीवन को काटने पर मजबूर हैं.

"जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन भी पुल निर्माण कराने का आश्वासन देते रहे हैं. लेकिन किसी ने पुल का निर्माण नहीं कराया है. जिसे आम लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर छात्र और छात्राओं को काको प्रखंड मुख्यालय में पढ़ाई करने जाते समय काफी कठिनाई होता है"- ग्रामीण

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