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नए साल के मौके पर सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जहानाबाद में नए साल के मौके पर काफी संख्या में लोग प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे. यहां लोगों ने पूजा-पाठ कर अपने परिवार के लिए सुख शांति की कामना की. यहां पूजा करने आई एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि वह हमेशा इस मंदिर में आती रहती है. यहां आने के बाद उन्हें काफी संतुष्टी मिलती है.

New year celebration
मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं का भीड़
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Published : Jan 2, 2020, 6:19 AM IST

Updated : Jan 2, 2020, 7:10 AM IST

जहानाबाद/बांकाः देश में नए साल का आगाज हो चुका है. हर तरफ लोग अलग-अलग तरीके से नए साल का जश्न मना रहे हैं. ऐसे में लोगों ने नए साल के पहले दिन कड़ाके की ठंढ़ के बीच मंदिर और पर्यटक स्थलों पर घूमकर भरपूर आनंद लिया.

banka
नौका विहार करते लोग

प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे श्रद्धालु
जहानाबाद में नए साल के मौके पर काफी संख्या में लोग प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे. यहां लोगों ने पूजा-पाठ कर अपने परिवार के लिए सुख शांति की कामना की. यहां पूजा करने आई महिला श्रद्धालु पूजा कुमारी ने कहा कि वह हमेशा इस मंदिर में आती रहती है. यहां आने के बाद उन्हें काफी संतुष्टी मिलती है. मंदिर के पुजारी राम प्रसाद ने बताया कि यहां हर साल लोगों की काफी भीड़ रहती है. इस मंदिर में श्रद्धालु सावन, शिवरात्रि, सहित कई त्योहारों पर बाबा का दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सावन के दिनों में यहां पर श्रद्धालु कांवर लेकर जल अभिषेक करने आते हैं.

नए साल के मौके पर प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे श्रद्धालु
मंदार पर्वत पर नए साल का जश्न
बांका में साल 2020 का पहला दिन पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया. लोगों ने अपने-अपने तरीके से नए साल को सेलिब्रेट किया. जिले में सुबह से हो रही बूंदाबांदी के बावजूद नए वर्ष के जश्न में लोग डूबे रहे. पूर्वी बिहार का ऐतिहासिक और पौराणिक मंदार पर्वत पर दिनभर जश्न मनाने का दौर चलता रहा. आस्था का बड़ा केंद्र होने की वजह से मंदार पर्वत की तलहटी में स्थित पवित्र पापहरणी सरोवर में नव वर्ष की शुरुआत लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर और पूजा पाठ कर किया. इसके साथ ही लोगों ने पापहरणी सरोवर में नौका विहार का भी आनंद लिया. नए साल के जश्न पर किसी को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया था. बड़ी संख्या में पापहरणी सरोवर के साथ-साथ पर्वत की चोटी पर पुलिस जवान तैनात थे.
बांका में मंदार पर्वत पर नए साल का जश्न

जहानाबाद/बांकाः देश में नए साल का आगाज हो चुका है. हर तरफ लोग अलग-अलग तरीके से नए साल का जश्न मना रहे हैं. ऐसे में लोगों ने नए साल के पहले दिन कड़ाके की ठंढ़ के बीच मंदिर और पर्यटक स्थलों पर घूमकर भरपूर आनंद लिया.

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नौका विहार करते लोग

प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे श्रद्धालु
जहानाबाद में नए साल के मौके पर काफी संख्या में लोग प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे. यहां लोगों ने पूजा-पाठ कर अपने परिवार के लिए सुख शांति की कामना की. यहां पूजा करने आई महिला श्रद्धालु पूजा कुमारी ने कहा कि वह हमेशा इस मंदिर में आती रहती है. यहां आने के बाद उन्हें काफी संतुष्टी मिलती है. मंदिर के पुजारी राम प्रसाद ने बताया कि यहां हर साल लोगों की काफी भीड़ रहती है. इस मंदिर में श्रद्धालु सावन, शिवरात्रि, सहित कई त्योहारों पर बाबा का दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सावन के दिनों में यहां पर श्रद्धालु कांवर लेकर जल अभिषेक करने आते हैं.

नए साल के मौके पर प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ पहुंचे श्रद्धालु
मंदार पर्वत पर नए साल का जश्न
बांका में साल 2020 का पहला दिन पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया. लोगों ने अपने-अपने तरीके से नए साल को सेलिब्रेट किया. जिले में सुबह से हो रही बूंदाबांदी के बावजूद नए वर्ष के जश्न में लोग डूबे रहे. पूर्वी बिहार का ऐतिहासिक और पौराणिक मंदार पर्वत पर दिनभर जश्न मनाने का दौर चलता रहा. आस्था का बड़ा केंद्र होने की वजह से मंदार पर्वत की तलहटी में स्थित पवित्र पापहरणी सरोवर में नव वर्ष की शुरुआत लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर और पूजा पाठ कर किया. इसके साथ ही लोगों ने पापहरणी सरोवर में नौका विहार का भी आनंद लिया. नए साल के जश्न पर किसी को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया था. बड़ी संख्या में पापहरणी सरोवर के साथ-साथ पर्वत की चोटी पर पुलिस जवान तैनात थे.
बांका में मंदार पर्वत पर नए साल का जश्न
Intro:नए साल पर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित बराबर के वाणावर के पहाड़ी के चोटियों पर श्री विश्वनाथ मंदिर स्थित है जहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु नए साल पर बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंचे यहां तक पूछने के लिए दो रास्ते हैं एक एक पहाड़ से होते हुए दुर्गम रास्ते में मिलते हैं मंदिर तक पहुंचने के लिए एक सीडी जो पहाड़ के काट के रास्ते बनाए गए हैं


Body:काफी प्राचीन मंदिर सिद्धेश्वर नाथ जो जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूरी मखदुमपुर प्रखंड के बराबर के वाणावर पहाड़ी पर स्थित है इस मंदिर के तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं एक एक पहाड़ी से होते हुए दुर्गम और एक सीढ़ी नुमा रास्ता है जो भक्तों को बाबा भोलेनाथ का दर्शन के लिए जाता है इस मंदिर में श्रद्धालु सावन शिवरात्रि नए साल पर कई त्योहारों में बाबा का दर्शन के लिए पहुंचते हैं ऐसी या मंदिर प्राचीन काल यानी कि महाभारत काल से ही यहां पर स्थित है कई इतिहास है इस मंदिर के लेकर लोगों में सावन के दिनों में यहां पर श्रद्धालु कांवर लेकर जल अभिषेक करने आते हैं बाबा के मंदिर में कल के महीने में जिला प्रशासन के द्वारा विशेष तैयारियां की जाती है कि किसी तरह से कोई परेशानी ना हो श्रद्धालुओं को मंदिर तक आने के लिए


Conclusion: हमारे भोले नाथ शिव के मंदिर हे वाणावर पहाड़ के ऊपर स्थित है और इनकी बहुत बड़ा मोहत्व है ये पहाड़ बाणासुर के नाम से प्रसिद्ध हैवाणावर एक राक्षस था जो भोलेनाथ का इसी पहाड़ी पर नृत्य करके तपस्या किया और उसके बाद भोलेनाथ ने इस पर प्रसन्न होकर खुद प्रकट हुए और इसके साथ नृत्य करने लगे और वरदान दे दिया इसके बाद वाणावर राक्षस ने भगवान भोलेनाथ पर ही वार करने लगा जिससे भोलेनाथ ने इस का वध कर दिया वही यहां पर एक श्रद्धालु जो हर साल नए साल पर बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ आते हैं वही मंदिर के पुजारी राम प्रसाद बताते हैं कि बाणासुर एक राक्षस था और भोलेनाथ का नियुक्त करके तपस्या किया जिस पर भोलेनाथ प्रसन्न होकर उसके साथ आकर नियुक्त करने लगे फिर उसने वरदान मांगा कि हमसे बड़ा कोई ताकतवर ना हो यहां पर इस पर भोलेनाथ वरदान दे दिया फिर उसने कृष्ण भगवान से के साथ भी युद्ध किया और भोलेनाथ से भी वह लड़ने के लिए चला गया जिसके बाद उसकी वध हो गया वही मंदिर में महिला श्रद्धालु पूजा कुमारी बताती है कि हम हमेशा इस मंदिर में आते हैं पूजा करने के लिए और आने के बाद काफी संतुष्टि होती है प्रीति कुमारी बताती है कि मैं अपने परिवार के लिए भोले बाबा से आशीर्वाद मांगने के लिए आती हूं बताते चलें कि इस मंदिर का महाभारत काल से ही इतिहास चला आ रहा है कुछ लोग कहना है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने भी किए थे
Last Updated : Jan 2, 2020, 7:10 AM IST
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