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किंग महेंद्र के निधन से जहानाबाद में शोक की लहर

देश के अग्रणी उद्योगपति और जनता दल यूनाइटेड के राज्‍यसभा सदस्‍य महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र का निधन (JDU MP King Mahendra passed away) का निधन हो गया. वे लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से पूरे जहानाबाद में शोक की लहर है.

King Mahendra
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Published : Dec 27, 2021, 6:05 PM IST

जहानाबाद: देश के जाने माने उद्योगपति जहानाबाद निवासी एवं राजनीतिक क्षेत्र में भी बड़ी पकड़ रखने वाले महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र (Mahendra Prasad alias King Mahendra) का रविवार को निधन हो गया. दिल्ली के अपोलो अस्‍पताल में उन्होंने 80 साल की उम्र में अंतिम सांसें लीं. जैसे ही किंग महेंद्र के निधन की खबर उनके पैतृक गांव गोविंदपुर गांव पहुँची, वहां मातम छा गया. उनके घर पर ग्रामीणों की भीड़ लग गयी.

ये भी पढ़ें: JDU के सांसद किंग महेंद्र का निधन, सीएम नीतीश ने व्यक्त की शोक संवेदना

ग्रामीणों ने बताया कि उनकी मौत की खबर से पूरे गांव में मातम छा (Mourning in Jehanabad) गया है. उनके निधन से गांव के लोग सदमे में हैं. इस खबर के आने के बाद गांव में एक भी चूल्हा नहीं जला है. गौरतलब हो कि किंग महेंद्र का जन्म घोसी थाना क्षेत्र के ओकरी ओपी अंतर्गत गोविंदपुर गांव में 8 जनवरी 1940 को हुआ था.

देखें वीडियो

उनकी प्रथमिक शिक्षा-दीक्षा गांव की ही पाठशाला से ओकरी हाई स्कूल एवं पटना के कॉलेजों से पूर्ण हुई. उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक दवा कंपनी के एमआर के तौर पर किया. उसके बाद दवा के क्षेत्र में आगे बढ़ते गये. खुद की दवा कंपनी बनायी और उसमें उन्हें खूब सफलता भी मिली. किंग महेंद्र के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1963 कम्युनिस्ट पार्टी से हुई थी. उसके बाद 1980 के दशक में कांग्रेस के टिकट पर जहानाबाद लोकसभा से चुनाव जीते.

जब 1984 में चुनाव हार गए तो उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया गया. 1980 के समय से लेकर अब तक वे सांसद रहे. महेंद्र प्रसाद एक गरीब परिवार में पैदा हुए. इनके पिता किसान थे. एक किसान के बेटे से वे देश के अग्रणी उद्योगपति बने. देश दुनिया में अपनी पहचान बनायी. इनके साथ रहे लोगों ने बताया कि उन्होंने 224 देशों का दौरा किया था. 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इनका नाम दर्ज हो चुका है.

किंग महेंद्र के निधन से गांव ही नहीं पूरा इलाका काफी दुखी है. ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से महेंद्र प्रसाद ने शिक्षा की अलख जगाई है, उससे पूरा इलाका शिक्षित हो गया. इलाके के लोग कहते हैं कि महेंद्र प्रसाद ने इस इलाके के बहुत सारे युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया. ग्रामीणों ने यह भी बताया उनके जाने से गांव का विकास निश्चित ही अवरुद्ध हुआ है. आने वाले वक्त में उनके जैसे व्यक्तित्व की भरपाई कर पाना असंभव है. उन्होंने अपने गांव और जिले के विकास के लिए काफी कुछ सोच रखा था.

ये भी पढ़ें: जहानाबाद में JAP कार्यकर्ताओं ने किया सड़क जाम, जानिए कौन-कौन सी है मांग

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ग्रामीणों ने बताया कि उनकी मौत की खबर से पूरे गांव में मातम छा (Mourning in Jehanabad) गया है. उनके निधन से गांव के लोग सदमे में हैं. इस खबर के आने के बाद गांव में एक भी चूल्हा नहीं जला है. गौरतलब हो कि किंग महेंद्र का जन्म घोसी थाना क्षेत्र के ओकरी ओपी अंतर्गत गोविंदपुर गांव में 8 जनवरी 1940 को हुआ था.

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उनकी प्रथमिक शिक्षा-दीक्षा गांव की ही पाठशाला से ओकरी हाई स्कूल एवं पटना के कॉलेजों से पूर्ण हुई. उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक दवा कंपनी के एमआर के तौर पर किया. उसके बाद दवा के क्षेत्र में आगे बढ़ते गये. खुद की दवा कंपनी बनायी और उसमें उन्हें खूब सफलता भी मिली. किंग महेंद्र के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1963 कम्युनिस्ट पार्टी से हुई थी. उसके बाद 1980 के दशक में कांग्रेस के टिकट पर जहानाबाद लोकसभा से चुनाव जीते.

जब 1984 में चुनाव हार गए तो उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया गया. 1980 के समय से लेकर अब तक वे सांसद रहे. महेंद्र प्रसाद एक गरीब परिवार में पैदा हुए. इनके पिता किसान थे. एक किसान के बेटे से वे देश के अग्रणी उद्योगपति बने. देश दुनिया में अपनी पहचान बनायी. इनके साथ रहे लोगों ने बताया कि उन्होंने 224 देशों का दौरा किया था. 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इनका नाम दर्ज हो चुका है.

किंग महेंद्र के निधन से गांव ही नहीं पूरा इलाका काफी दुखी है. ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से महेंद्र प्रसाद ने शिक्षा की अलख जगाई है, उससे पूरा इलाका शिक्षित हो गया. इलाके के लोग कहते हैं कि महेंद्र प्रसाद ने इस इलाके के बहुत सारे युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया. ग्रामीणों ने यह भी बताया उनके जाने से गांव का विकास निश्चित ही अवरुद्ध हुआ है. आने वाले वक्त में उनके जैसे व्यक्तित्व की भरपाई कर पाना असंभव है. उन्होंने अपने गांव और जिले के विकास के लिए काफी कुछ सोच रखा था.

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