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दिल्ली में प्रवासी मजदूर का दर्द, लॉकडाउन में सार्वजनिक शौचालय बना रसोई और बेडरुम - लॉक डाउन

सार्वजनिक शौचालय को घर में तब्दील कर जहानाबाद का गौतम रह रहा है. दिन में सीआरपीएफ के जवान खाने को देते हैं तो रात में शौचालय में ही खाना बनाकर खाना पड़ता है.

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Published : May 2, 2020, 4:30 PM IST

जहानाबादः लॉक डाउन के कारण बिहार के प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. इस हालात में चाह कर भी घर नहीं आ पा रहे हैं. जिले के गौतम कुमार दिल्ली से वापस जहानाबाद आना चाहता है लेकिन लॉक डाउन के कारण संभव नहीं हो पा रहा है. हालात ऐसे हैं कि मजबूरन सार्वजनिक शौचालय में दिन-रात गुजारने को विवश है. किसी तरह पेट की भूख मिटाकर घर आने की बाट जोह रहा है.

जहानाबाद निवासी गौतम कुमार 20 फरवरी को दिल्ली गया था. वह हजरत निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन के पास पब्लिक टॉयलेट में केयरटेकर का काम करता है. यह शौचालय हजरत निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन के बगल में एवं मरकज सेंटर से कुछ दूरी पर स्थित है. गौतम के मुताबिक दोपहर का खाना ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के जवान की तरफ से मिल जाता है. वहीं, ठेकेदार ने भी राशन उपलब्ध कराया है जिसे रात में बनाकर खाता है.

घर जाने का बेसब्री से है इंतजार

गौतम ने बताया कि उसका चचेरा भाई नेहरू पैलेस मैं रहता है. लेकिन महामारी के कारण भाई के पास जाने से अच्छा यहीं अकेले रह गया. खास बात है कि जहां, गौतम रह रहा है वह सार्वजनिक शौचालय है. यहीं, पर स्टोव और बिस्तर है. जहां, खाना बनाकर खाने से लेकर रात में सोता है. गौतम ने बताया कि उसे लॉक डॉउन खत्म होने का इंतजार है ताकि वह अपने घर जहानाबाद जा सके.

जहानाबादः लॉक डाउन के कारण बिहार के प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. इस हालात में चाह कर भी घर नहीं आ पा रहे हैं. जिले के गौतम कुमार दिल्ली से वापस जहानाबाद आना चाहता है लेकिन लॉक डाउन के कारण संभव नहीं हो पा रहा है. हालात ऐसे हैं कि मजबूरन सार्वजनिक शौचालय में दिन-रात गुजारने को विवश है. किसी तरह पेट की भूख मिटाकर घर आने की बाट जोह रहा है.

जहानाबाद निवासी गौतम कुमार 20 फरवरी को दिल्ली गया था. वह हजरत निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन के पास पब्लिक टॉयलेट में केयरटेकर का काम करता है. यह शौचालय हजरत निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन के बगल में एवं मरकज सेंटर से कुछ दूरी पर स्थित है. गौतम के मुताबिक दोपहर का खाना ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के जवान की तरफ से मिल जाता है. वहीं, ठेकेदार ने भी राशन उपलब्ध कराया है जिसे रात में बनाकर खाता है.

घर जाने का बेसब्री से है इंतजार

गौतम ने बताया कि उसका चचेरा भाई नेहरू पैलेस मैं रहता है. लेकिन महामारी के कारण भाई के पास जाने से अच्छा यहीं अकेले रह गया. खास बात है कि जहां, गौतम रह रहा है वह सार्वजनिक शौचालय है. यहीं, पर स्टोव और बिस्तर है. जहां, खाना बनाकर खाने से लेकर रात में सोता है. गौतम ने बताया कि उसे लॉक डॉउन खत्म होने का इंतजार है ताकि वह अपने घर जहानाबाद जा सके.

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