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जहानाबाद: सदर अस्पताल में दवाईयों की किल्लत, मरीज बाहरी दुकानों से खरीदने को मजबूर

जहानाबाद के शहीद जगदेव प्रसाद अस्पताल में दवा नहीं मिलने से मरीज काफी परेशान हैं. मरीजों को मजबूरन प्राइवेट दुकानों से दवा खरीदनी पड़ती है.

दवा लेते मरीज
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Published : Apr 15, 2019, 8:31 PM IST

जहानाबाद: सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही देखने को मिलती है. जिले के सरकारी अस्पताल में दवा नहीं मिलने से मरीज काफी परेशान हैं. मरीजों को मजबूरन प्राइवेट दुकानों से दवा खरीदनी पड़ती है.

मामला जिले में स्थित सबसे बड़े शहीद जगदेव प्रसाद अस्पताल का है. बताया जा रहा है कि इन दिनों इस अस्पताल में दवाईयों की घोर कमी है. अस्पताल के ओपीडी में 71 दवा में से मात्र 43 दवा ही उपलब्ध है. इसके साथ ही आईपीडी में भी 96 दवाओं में से महज 48 दवा ही हैं. वहीं, 35 मेडिकल किट में सिर्फ 24 मेडिकल किट मौजूद हैं. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मरीज और अस्पताल अधीक्षक का बयान

इससे मरीज हैं परेशान

इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ विजय प्रताप का कहना है कि जहानाबाद में दो मेडिकल स्टोर हैं. इनमे से एक सदर अस्पताल और दूसरा सर्जेंसी के लिए है. अस्पताल में दवा की कमी होने पर सर्जेंसी स्टोर से दवा उपलब्ध करवाई जाती है. सर्जेंसी में दवा नहीं रहने पर स्वास्थ्य विभाग से मंगवाया जाता है. वहीं, मरीजों का कहना है कि यहां दवा उपलब्ध नहीं होती है, हमें प्राइवेट दुकानों से दवा लेनी पड़ती है.

जहानाबाद: सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही देखने को मिलती है. जिले के सरकारी अस्पताल में दवा नहीं मिलने से मरीज काफी परेशान हैं. मरीजों को मजबूरन प्राइवेट दुकानों से दवा खरीदनी पड़ती है.

मामला जिले में स्थित सबसे बड़े शहीद जगदेव प्रसाद अस्पताल का है. बताया जा रहा है कि इन दिनों इस अस्पताल में दवाईयों की घोर कमी है. अस्पताल के ओपीडी में 71 दवा में से मात्र 43 दवा ही उपलब्ध है. इसके साथ ही आईपीडी में भी 96 दवाओं में से महज 48 दवा ही हैं. वहीं, 35 मेडिकल किट में सिर्फ 24 मेडिकल किट मौजूद हैं. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मरीज और अस्पताल अधीक्षक का बयान

इससे मरीज हैं परेशान

इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ विजय प्रताप का कहना है कि जहानाबाद में दो मेडिकल स्टोर हैं. इनमे से एक सदर अस्पताल और दूसरा सर्जेंसी के लिए है. अस्पताल में दवा की कमी होने पर सर्जेंसी स्टोर से दवा उपलब्ध करवाई जाती है. सर्जेंसी में दवा नहीं रहने पर स्वास्थ्य विभाग से मंगवाया जाता है. वहीं, मरीजों का कहना है कि यहां दवा उपलब्ध नहीं होती है, हमें प्राइवेट दुकानों से दवा लेनी पड़ती है.

Intro:जहानाबाद के सबसे बड़े अस्पताल अमर शहीद जगदेव प्रसाद अस्पताल दवाइयों की काफी कमी है जिसके कारण इलाज करवाने के लिए आ रहे मरीजो को काफी परेशानी हो रही है । सरकारी अस्पतालों में दवाईयो की कमी राज्य की चरमराई स्वास्थ व्यस्था को दर्शाता है, और ऐसे में सरकार द्वारा किये गए सारे दावे खोखले नजर आते है ।


Body:जहानाबाद सदर अस्पताल में आये दिन दवाइयों की कमी से मरीजो को काफी तकलीफ हो रही है । मौजूद वक्त में सरकार अस्पताल के ओपीडी में 71 दवा में से केवल 43 दवा ही मौजूद है, वगिन ipd में 96 में से केवल 48 दवाइयां ही मरीजों को उपलब्ध हो पा रही है । और यदि हम मेडिकल किट की बात करे तो 35 में से केवल 24 मेडिकल किट ही सदर अस्पताल में मौजूद है । जहानाबाद सदर अस्पताल में लोग जिले के अलग-अलग हिस्सों से इलाज करवाने इस उम्मीद ने आते ही यहाँ उन्हें अच्छी सुविधा के साथ-साथ अच्छी और सस्ती दवाइयां मिलेंगी, लेकिन फिलहाल सदर अस्पताल की हालत को देख कर ऐसा नहीं लगता । अस्पताल में दवाई की कमी के कारण लोगो को बहाए के किसी प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेनी पड़ रही है जो कि उन्हें काफी महंगा पड़ रहा है ।


Conclusion:हालांकि अस्पताल अधीक्षक डॉ विजय प्रताप का कहना है की जहानाबाद में दो मेडिकल स्टोर है जिसमे से एक सदर अस्पताल के लिए है और एक पूरे सर्जेंसी के लिए है । यदि सदर अस्पताल में दवाई जी कमी होती है तो सर्जेंसी स्टोर दावा उपलब्ध करवाई जाती है और यदि दवा वहां भी उपलब्ध नही है तो फिर उससे स्वास्थ विभाग से मंगवाया जाता है । वहीं इलाज करवाने आये लोग बताते है कि उन्हें अस्पताल से बहुत सी दवाइयां उपलब्ध नही होती है और मजबूरन उन्हें प्राइवेट दुकान से दवाई लेनी पड़ती है जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है ।
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