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नीतीश कुमार का सीना तोड़ने की बात कहने वाले पूर्व एमपी अरुण कुमार पर कोर्ट सख्त, पप्पू यादव भी तलब - ईटीवी न्यूज

जहानाबाद व्‍यवहार न्‍यायालय ने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव एवं पूर्व सांसद अरुण कुमार को 11 तारीख को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. 2015 में अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काे लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बयानबाजी की थी. पढ़ें पूरी खबर.

Jehanabad Civil Court
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Published : Mar 6, 2022, 8:10 AM IST

जहानाबाद: बिहार के दो पूर्व सांसदों पप्पू यादव (Jaap supremo Pappu Yadav ) और अरुण कुमार (MP Arun Kumar to appear in Jehanabad court) पर जहानाबाद न्‍यायालय ने शिकंजा कसा है. पटना हाई कोर्ट से दोनों सांसदों को राहत नहीं मिली थी. इसके ठीक बाद जहानाबाद व्‍यवहार न्‍यायालय (Jehanabad Civil Court) ने दोनों पूर्व सांसदों को 11 मार्च को हाजिर होने का आदेश दिया है. अरुण कुमार ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का सीना तोड़ देने की बात कही थी. वहीं, पप्‍पू यादव ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था.

जहानाबाद व्यवहार न्यायालय ने पूर्व सांसद पप्पू यादव एवं पूर्व सांसद अरुण कुमार से जुड़े एक मामले में संज्ञान लेते हुए 11 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. साल 2015 में पूर्व सांसद अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सीना तोड़ देने का बयान दिया था, दूसरी ओर पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की थी. शिक्षाविद् चंद्रिका राय ने इनके खिलाफ जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर किया था. लंबे समय बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दोनों को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

मुकदमा दायर करने वाले चंद्रिका यादव

ये भी पढ़ें: वैशाली में विशेष न्यायालय गठन के बाद सुनाई गई पहली सजा, दोषी को 5 वर्ष सश्रम कारावास और 1 लाख का जुर्माना

दोनों राजनेताओं ने इस मुकदमा के खिलाफ हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन राहत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया. इस मुकदमे में कोर्ट द्वारा चार लोगों की गवाही ली गई थी. सभी लोगों ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कोर्ट से अपील की थी कि इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाये. इसी के आधार पर कोर्ट ने दोनों को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें: गांधी मैदान के सर्कुलर रोड पर जब्त संपत्ति रखने पर पटना हाईकोर्ट सख्त, DGP को हलफनामा दायर करने का निर्देश

शिक्षाविद चंद्रिका यादव ने कहा कि जिस तरह राजनेता अनाप-शनाप बोलते हैं, अगर कोर्ट द्वारा नेताओं को दंडित किया जाए तो इस पर लगाम लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैंने परिवाद इसलिए दायर किया था कि राजनेता किसी के खिलाफ नहीं बोल सकें और राजनीतिक जीवन में इस घटना के बाद लोग सीख लेंगे.

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जहानाबाद: बिहार के दो पूर्व सांसदों पप्पू यादव (Jaap supremo Pappu Yadav ) और अरुण कुमार (MP Arun Kumar to appear in Jehanabad court) पर जहानाबाद न्‍यायालय ने शिकंजा कसा है. पटना हाई कोर्ट से दोनों सांसदों को राहत नहीं मिली थी. इसके ठीक बाद जहानाबाद व्‍यवहार न्‍यायालय (Jehanabad Civil Court) ने दोनों पूर्व सांसदों को 11 मार्च को हाजिर होने का आदेश दिया है. अरुण कुमार ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का सीना तोड़ देने की बात कही थी. वहीं, पप्‍पू यादव ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था.

जहानाबाद व्यवहार न्यायालय ने पूर्व सांसद पप्पू यादव एवं पूर्व सांसद अरुण कुमार से जुड़े एक मामले में संज्ञान लेते हुए 11 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. साल 2015 में पूर्व सांसद अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सीना तोड़ देने का बयान दिया था, दूसरी ओर पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की थी. शिक्षाविद् चंद्रिका राय ने इनके खिलाफ जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर किया था. लंबे समय बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दोनों को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

मुकदमा दायर करने वाले चंद्रिका यादव

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दोनों राजनेताओं ने इस मुकदमा के खिलाफ हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन राहत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया. इस मुकदमे में कोर्ट द्वारा चार लोगों की गवाही ली गई थी. सभी लोगों ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कोर्ट से अपील की थी कि इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाये. इसी के आधार पर कोर्ट ने दोनों को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

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शिक्षाविद चंद्रिका यादव ने कहा कि जिस तरह राजनेता अनाप-शनाप बोलते हैं, अगर कोर्ट द्वारा नेताओं को दंडित किया जाए तो इस पर लगाम लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैंने परिवाद इसलिए दायर किया था कि राजनेता किसी के खिलाफ नहीं बोल सकें और राजनीतिक जीवन में इस घटना के बाद लोग सीख लेंगे.

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