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जहानाबाद: किसानों ने समाहरणालय के सामने दिया धरना, बिल वापस लेने की मांग - जहानाबाद किसान प्रदर्शन

जहानाबाद में किसानों ने समाहरणालय के सामने धरना दिया. उनका कहना है कि सरकार पूंजीपतियों के गोद में बैठकर देश के हित की अनदेखी करते हुए पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून बना रही है.

farmers protest in jehanabad
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Published : Dec 30, 2020, 5:03 PM IST

जहानाबाद: किसान उत्थान बेरोजगार संगठन ने समाहरणालय के समक्ष किसानों के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन किया. इस धरना में उपस्थित लोगों ने कहा कि जिस तरह से लगभग एक महीने से दिल्ली में किसान तीन बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, उन्हीं के समर्थन में हम लोगों ने भी अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन किया है. जब तक किसानों का धरना समाप्त नहीं होगा, तब तक हम लोग धरना जारी रखेंगे.

"केंद्र सरकार जिस तरह से किसानों के खिलाफ यह बिल लाकर उनकी जमीन हड़पना चाहती है, यह किसान कदापि नहीं होने देंगे. केंद्र सरकार पूंजीपतियों के गोद में बैठ कर देश के हित की अनदेखी करते हुए पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून बना रही है. जबकि भारत एक कृषि प्रधान देश है. 80% लोग इस देश के कृषि पर निर्भर करते हैं और उन्हीं के खिलाफ कानून लाना केंद्र सरकार को भारी महंगा पड़ेगा. इसलिए मोदी सरकार को आगाह करना चाहते हैं.अभी भी समय रहते इस कानून को वापस लिया जाए"- तपेश्वर यादव, संगठन जिला अध्यक्ष

बिल वापस लेने की मांग
किसानों ने कहा कि धरना के माध्यम से केंद्र सरकार को आगाह करना चाहते हैं कि किसानों के खिलाफ तीन बिल लाया गया है, उसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए. जब तक यह बिल वापस नहीं होगा, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.

जहानाबाद: किसान उत्थान बेरोजगार संगठन ने समाहरणालय के समक्ष किसानों के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन किया. इस धरना में उपस्थित लोगों ने कहा कि जिस तरह से लगभग एक महीने से दिल्ली में किसान तीन बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, उन्हीं के समर्थन में हम लोगों ने भी अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन किया है. जब तक किसानों का धरना समाप्त नहीं होगा, तब तक हम लोग धरना जारी रखेंगे.

"केंद्र सरकार जिस तरह से किसानों के खिलाफ यह बिल लाकर उनकी जमीन हड़पना चाहती है, यह किसान कदापि नहीं होने देंगे. केंद्र सरकार पूंजीपतियों के गोद में बैठ कर देश के हित की अनदेखी करते हुए पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून बना रही है. जबकि भारत एक कृषि प्रधान देश है. 80% लोग इस देश के कृषि पर निर्भर करते हैं और उन्हीं के खिलाफ कानून लाना केंद्र सरकार को भारी महंगा पड़ेगा. इसलिए मोदी सरकार को आगाह करना चाहते हैं.अभी भी समय रहते इस कानून को वापस लिया जाए"- तपेश्वर यादव, संगठन जिला अध्यक्ष

बिल वापस लेने की मांग
किसानों ने कहा कि धरना के माध्यम से केंद्र सरकार को आगाह करना चाहते हैं कि किसानों के खिलाफ तीन बिल लाया गया है, उसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए. जब तक यह बिल वापस नहीं होगा, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.

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