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खतरे में है जहानाबाद की जीवनदायिनी दरधा नदी का अस्तित्व, प्रशासन बना मूकदर्शक

शासन लाख दावे करे लेकिन नदी के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को झूठलाया नहीं जा सकता है. हालांकि, नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता बताते हैं कि प्रशासन निरंतर नदी को साफ रखने का प्रयास कर रहा है.

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Published : Jun 15, 2019, 4:22 PM IST

Updated : Jun 15, 2019, 5:51 PM IST

जहानाबाद: जिले के दरधा नदी का अस्तित्व इन दिनों खतरे में नजर आ रहा है. स्थाई या अस्थाई अतिक्रमण और शहर की बहती नालियों के गंदे पानी का नदी में मिलने से प्रदूषण बढ़ रहा है.

गंदे पानी की वजह से फैलती है बीमारियां
शहर की बहती नालियों के गंदे पानी के नदियों में मिलने से नदी प्रदूषित तो होती ही है, साथ हीं, कई संक्रामक बीमारियों को जन्म भी देती है. नगर प्रशासन के दावे के बावजूद भी नदी में कचरा फेंकने का काम बदस्तूर जारी है.

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कुछ यूं सिमट गई नदी

आंख मूंदकर बैठा है प्रशासन
भू-माफिया भी नदी के तट पर अस्थाई अतिक्रमण करके नदी की घेराबंदी कर चुके हैं. इसके बाद अब वहां उनका आलीशान मकान खड़ा है. इन सभी समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए जिला प्रशासन आंख मूंदकर बैठा हुआ है. यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में नदी का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और नदी का स्वरूप गंदे नाले में तब्दील हो जाएगा.

खतरे में नदी का अस्तित्व

प्रशासन कर रही कार्रवाई के दावे
भले ही प्रशासन लाख दावे करे लेकिन नदी के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को झूठलाया नहीं जा सकता है. हालांकि, नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार बताते हैं कि प्रशासन निरंतर नदी को साफ रखने का प्रयास कर रहा है. अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन कार्रवाई कर रहा है.

जहानाबाद: जिले के दरधा नदी का अस्तित्व इन दिनों खतरे में नजर आ रहा है. स्थाई या अस्थाई अतिक्रमण और शहर की बहती नालियों के गंदे पानी का नदी में मिलने से प्रदूषण बढ़ रहा है.

गंदे पानी की वजह से फैलती है बीमारियां
शहर की बहती नालियों के गंदे पानी के नदियों में मिलने से नदी प्रदूषित तो होती ही है, साथ हीं, कई संक्रामक बीमारियों को जन्म भी देती है. नगर प्रशासन के दावे के बावजूद भी नदी में कचरा फेंकने का काम बदस्तूर जारी है.

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कुछ यूं सिमट गई नदी

आंख मूंदकर बैठा है प्रशासन
भू-माफिया भी नदी के तट पर अस्थाई अतिक्रमण करके नदी की घेराबंदी कर चुके हैं. इसके बाद अब वहां उनका आलीशान मकान खड़ा है. इन सभी समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए जिला प्रशासन आंख मूंदकर बैठा हुआ है. यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में नदी का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और नदी का स्वरूप गंदे नाले में तब्दील हो जाएगा.

खतरे में नदी का अस्तित्व

प्रशासन कर रही कार्रवाई के दावे
भले ही प्रशासन लाख दावे करे लेकिन नदी के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को झूठलाया नहीं जा सकता है. हालांकि, नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार बताते हैं कि प्रशासन निरंतर नदी को साफ रखने का प्रयास कर रहा है. अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन कार्रवाई कर रहा है.

Intro:जहानाबाद में इन दिनों दरधा नदी का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है. जहानाबाद में दो नदियों दरधा और यमुना का संगम होता है. आपको बताते चले कि पुरातन काल से मानव सभ्यता का विकास नदियों से ही हुआ है. वर्तमान में जितने भी शहर दिखते हैं वह किसी न किसी नदी के तट पर हैं. लेकिन यदि वर्तमान स्थिति की बात करें तो नदियों का अस्तित्व ही खतरे में दिखाई पड़ता है.


Body:चाहे बात स्थाई या अस्थाई अतिक्रमण का हो या फिर पूरे शहर की बहती नालिया जिसका पूरा गंदा पानी नदियों में ही है मिल जाता है. इससे नदी प्रदूषित तो होती ही है और कई संक्रामक बीमारियों को जन्म भी देती है. नगर प्रशासन के दावे के बावजूद भी नदी में कचरा फेंकने का काम बदस्तूर जारी है. वहीं भू माफियाओं के द्वारा भी नदी पर पहले अस्थाई अतिक्रमण करके नदी के तट की घेराबंदी की जाती है और बाद में वही आलीशान मकान खड़ा कर दिया जाता है. इन सभी समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए जिला प्रशासन आंख मूंदकर बैठी हुई है.


Conclusion:भले ही प्रशासन लाख दावे करे लेकिन नदी के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को झूठलाया नहीं जा सकता है. यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आने वाले दिन में नदी का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और नदी का स्वरूप गंदे नाले में तब्दील हो जाएगा. ऐसी स्थिति में नगर प्रशासन को इस पूरे मामले में कि संज्ञान लेने की जरूरत है ताकि शहर की जीवनदायिनी दरघा नदी का अस्तित्व बचा रहे. हालांकि नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार बताते हैं कि प्रशासन के द्वारा निरंतर नदी को साफ रखने का प्रयास किया जा रहा है और अतिक्रमण हटाने के और भी प्रशासन कार्रवाई कर रही है.
Last Updated : Jun 15, 2019, 5:51 PM IST
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