जहानाबाद: जिले के सदर अस्पताल ने चिकित्सा में बेहतर सुविधा को लेकर सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है. 2009 में नीतीश कुमार ने यहां आईसीयू का उद्घाटन किया था, जो 11 साल बीत जाने के बाद भी अब तक सुचारू रूप से चालू नहीं हो पाया है.
आईसीयू में डॉक्टरों की कमी
आईसीयू में मुख्य डॉक्टर की कमी की वजह से मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी होती है. मजबूरन मरीजों को यहां से प्राइवेट क्लिनिक के लिए पटना रवाना होना पड़ता है. इलाज के लिए आईसीयू में रखे उपकरण भी खराब पड़े हुए हैं.
जल्द होगी कार्रवाई
वहीं, समाजसेवी पप्पू जी ने बताया कि सदर अस्पताल डॉक्टरों की कमी के लिए अक्सर सुर्खियों में रहता है. डॉक्टरों की कमी की वजह से यहां इलाज करवाने आए मरीजों को आगे रेफर कर दिया जाता है. अस्पताल के उपाधीक्षक बीके झा ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रबंधक से बात की है. जल्द ही डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े.
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