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जहानाबादः डर के साए में यहां इलाज कराते हैं मरीज, टूटकर गिर चुका है लोगों पर भवन का टुकड़ा

अस्पताल भवन के मेन गेट पर बैनर पर लिख दिया गया है कि भवन से दूर रहें. तो सवाल ये है कि फिर कैसे इस भवन में मरीजों का इलाज चल रहा है.

jehanabad
जर्जर अस्पताल
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Published : Nov 28, 2019, 9:41 AM IST

जहानाबादः स्वास्थ्य विभाग के जरिए हमेशा यह दावा किया जाता कि हमारे हॉस्पिटल का रखरखाव बहुत अच्छा है. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिलता. जिले का सदर अस्पताल सरकार के दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है. अस्पताल का भवन काफी जर्जर हो चुका है, जहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है.

मरीजों को रहता है हमेशा डर
जिले के सदर अस्पताल भवन काफी जर्जर हालत में है. इस भवन में मरीजों की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, जांच घर तमाम चीजें मौजूद हैं. यहां काफी संख्या में मरीज दूरदराज से अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. लेकिन मरीजों को हमेशा यह डर रहता है कि कहीं भवन का कोई हिस्सा इनके ऊपर गिर ना जाए.

jehanabad
जर्जर अस्पताल की दीवार

लोगों पर गिर चुका है भवन का टूकड़ा
इस भवन का कुछ हिस्सा मरीज और उनके परिजनों पर गिर चुका है, जिसमें तीन मरीज जख्मी हो गए थे. जिसमें से एक का सर फट गया था और एक बच्चे को काफी चोट आई थी. जुलाई 2017 में सदर अस्पताल भवन को जर्जर घोषित कर दिया गया था. उसके बावजूद अब तक इसे दूसरे भवन शिफ्ट नहीं किया गया, ना दूसरा भवन बनाया गया.

jehanabad
टूटी हुई दीवार

ये भी पढ़ेंः Etv भारत की खबर का असर: भूमिहीनों को मिली जमीन, DM ने की सराहना, तो लोग बोले- Thank You

भवन की छत से टपकता है पानी
अस्पताल भवन के मेन गेट पर बैनर पर लिख दिया गया है कि भवन से दूर रहें. तो फिर कैसे इस भवन में मरीजों का इलाज चल रहा है. भवन की छत से टंकी का पानी टपकता है. इस अस्पताल को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कई बार कोशिश की जा चुकी है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण अब तक मरीज इसी भवन में इलाज कराने को मजबूर हैं.

जर्जर हालत में सदर अस्पताल और बयान देते अधिकारी

'जल्द होगा अस्पताल दूसरी जगह शिफ्ट'
अस्पताल के अधिकारी डीके झा ने बताया कि इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दी गई है. जिलाधिकारी से लेकर अस्पताल के तमाम बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना है. जल्द से जल्द इस अस्पताल को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.

जहानाबादः स्वास्थ्य विभाग के जरिए हमेशा यह दावा किया जाता कि हमारे हॉस्पिटल का रखरखाव बहुत अच्छा है. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिलता. जिले का सदर अस्पताल सरकार के दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है. अस्पताल का भवन काफी जर्जर हो चुका है, जहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है.

मरीजों को रहता है हमेशा डर
जिले के सदर अस्पताल भवन काफी जर्जर हालत में है. इस भवन में मरीजों की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, जांच घर तमाम चीजें मौजूद हैं. यहां काफी संख्या में मरीज दूरदराज से अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. लेकिन मरीजों को हमेशा यह डर रहता है कि कहीं भवन का कोई हिस्सा इनके ऊपर गिर ना जाए.

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जर्जर अस्पताल की दीवार

लोगों पर गिर चुका है भवन का टूकड़ा
इस भवन का कुछ हिस्सा मरीज और उनके परिजनों पर गिर चुका है, जिसमें तीन मरीज जख्मी हो गए थे. जिसमें से एक का सर फट गया था और एक बच्चे को काफी चोट आई थी. जुलाई 2017 में सदर अस्पताल भवन को जर्जर घोषित कर दिया गया था. उसके बावजूद अब तक इसे दूसरे भवन शिफ्ट नहीं किया गया, ना दूसरा भवन बनाया गया.

jehanabad
टूटी हुई दीवार

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भवन की छत से टपकता है पानी
अस्पताल भवन के मेन गेट पर बैनर पर लिख दिया गया है कि भवन से दूर रहें. तो फिर कैसे इस भवन में मरीजों का इलाज चल रहा है. भवन की छत से टंकी का पानी टपकता है. इस अस्पताल को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कई बार कोशिश की जा चुकी है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण अब तक मरीज इसी भवन में इलाज कराने को मजबूर हैं.

जर्जर हालत में सदर अस्पताल और बयान देते अधिकारी

'जल्द होगा अस्पताल दूसरी जगह शिफ्ट'
अस्पताल के अधिकारी डीके झा ने बताया कि इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दी गई है. जिलाधिकारी से लेकर अस्पताल के तमाम बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना है. जल्द से जल्द इस अस्पताल को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.

Intro:स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाख दावा किया जाता है कि हमारे हॉस्पिटलों का रखरखाव बहुत बढ़िया है पर ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है जहानाबाद जिले के सदर अस्पताल का भवन का एक हिस्सा काफी जर्जर हो चुका है इसमें अल्ट्रासाउंड मलेरिया विभाग सहित कोई विभाग इस भवन में मौजूद है कभी भी बड़ी घटना का अंजाम घटित हो सकता है जिला प्रशासन का बहुत बड़ा लापरवाही सामने आ सकता है


Body:जिले के सदर अस्पताल भवन का एक हिस्सा काफी जर्जर हो चुका है इस भवन में मरीजों के देखने के लिए अल्ट्रासाउंड एक्सरे जांच घर तमाम चीजें मौजूद है यहां पर काफी संख्या में मरीज दूरदराज से अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं मरीजों में डर भी लगा रहता है कहीं भवन का कोई हिस्सा इनके ऊपर गिर ना जाए क्योंकि पहले भी इस भवन का कुछ हिस्सा मरीज पर और उनके परिजनों को यह चुका है जिसमें तीन मरीज जख्मी हो गए थे जिसमें से एक का सर फट गया था एक बच्चे को काफी चोट आया था भवन का कई हिसा टुट के गिर चुका है छत का ढलाई ओवन भाग टूट के गिर चुके हैं जुलाई 2017 में सदर अस्पताल भवन का आयोग घोषित कर दिया है उसके बावजूद भी अब तक दूसरे भवन में इन विभागों को शिफ्ट नहीं किया गया ना दूसरा भवन बनाया गया है भवन की मेन गेट पर बैनर में लगा दिया गया है भवन से दूर रहे मरीज और उनके परिजन तो फिर किस बात पर उसी फोन में इलाज चल रहा है मरीजों का।छत पर टंकी का पानी रिश्ता है और नीचे जमीन पर आ गिरता है जिससे भवन और कमजोर होते जा रहा है


Conclusion:बता दे कि इस अस्पताल के कहीं दूसरा जगह शिफ्ट करने के लिए कई बार कोशिश की जा चुकी है अस्पताल को जिले के आला अधिकारियों से लेकर स्वस्थ विभाग के राज्य स्तर के अधिकारियों ने भी की है और उसके बाद सभी अधिकारियों ने जांच के बाद अस्पताल को शिफ्ट करने की बात कही है पर अब तक ऐसा नहीं हो पाया है और उसी भवन में मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं समय से दूसरे जगह व्यवस्था नहीं किया गया तो कहीं एक बड़ी घटना का अंजाम ना हो जाए जिला प्रशासन का एक बहुत बड़ा चूक हो पाएगा अगर इस तरह की घटना सदर अस्पताल में हो जाएगा तो वही डीएसके चार्ज में प्रभार में है डीके झा ने बताया कि इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को सूचित कर दिया गया है जल्द से जल्द दूसरी भवन या इस दूसरे भवन में शिफ्ट किया जाएगा
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