जहानाबादः स्वास्थ्य विभाग के जरिए हमेशा यह दावा किया जाता कि हमारे हॉस्पिटल का रखरखाव बहुत अच्छा है. लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिलता. जिले का सदर अस्पताल सरकार के दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है. अस्पताल का भवन काफी जर्जर हो चुका है, जहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है.
मरीजों को रहता है हमेशा डर
जिले के सदर अस्पताल भवन काफी जर्जर हालत में है. इस भवन में मरीजों की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, जांच घर तमाम चीजें मौजूद हैं. यहां काफी संख्या में मरीज दूरदराज से अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं. लेकिन मरीजों को हमेशा यह डर रहता है कि कहीं भवन का कोई हिस्सा इनके ऊपर गिर ना जाए.
लोगों पर गिर चुका है भवन का टूकड़ा
इस भवन का कुछ हिस्सा मरीज और उनके परिजनों पर गिर चुका है, जिसमें तीन मरीज जख्मी हो गए थे. जिसमें से एक का सर फट गया था और एक बच्चे को काफी चोट आई थी. जुलाई 2017 में सदर अस्पताल भवन को जर्जर घोषित कर दिया गया था. उसके बावजूद अब तक इसे दूसरे भवन शिफ्ट नहीं किया गया, ना दूसरा भवन बनाया गया.
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भवन की छत से टपकता है पानी
अस्पताल भवन के मेन गेट पर बैनर पर लिख दिया गया है कि भवन से दूर रहें. तो फिर कैसे इस भवन में मरीजों का इलाज चल रहा है. भवन की छत से टंकी का पानी टपकता है. इस अस्पताल को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कई बार कोशिश की जा चुकी है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण अब तक मरीज इसी भवन में इलाज कराने को मजबूर हैं.
'जल्द होगा अस्पताल दूसरी जगह शिफ्ट'
अस्पताल के अधिकारी डीके झा ने बताया कि इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दी गई है. जिलाधिकारी से लेकर अस्पताल के तमाम बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना है. जल्द से जल्द इस अस्पताल को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.