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नियोजित शिक्षकों से मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए वसूले जा रहे 600 रुपए, टीचर्स में रोष

जहानाबाद सिविल सर्जन ऑफिस में मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर वसूली (Niyojit teachers medical certificate) की जा रही है. इस मामले में नियोजित शिक्षकों में रोष व्याप्त है. इधर पूरे मसले पर डीएम ने कहा है कि इसकी जांच करवाएंगे. अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो कार्रवाई होगी.

नियोजित शिक्षकों से मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए वसूले जा रहे 600 रुपए
नियोजित शिक्षकों से मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए वसूले जा रहे 600 रुपए
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Published : Feb 24, 2022, 11:11 PM IST

जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद में सिविल सर्जन कार्यालय अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहा है. ज्ञात हो कि 23 तारीख को जहानाबाद जिले में 623 शिक्षकों का नियोजन हुआ है. गाइडलाइन के अनुसार सभी शिक्षकों को मेडिकल प्रमाण पत्र बनाकर विद्यालय में योगदान करना है. इसके लिए सुबह से ही शिक्षक सिविल सर्जन कार्यालय में मेडिकल बनाने के लिए पहुंच गए. लेकिन, सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारियों ने शिक्षकों से मेडिकल बनाने के नाम पर पैसा अवैध वसूलना शुरू कर दिया.

ये भी पढ़ें- शिक्षक नियोजन समेत कई चुनौतियों से अब तक पार नहीं पाया शिक्षा विभाग, बढ़ रही शिकायतें

शिक्षक मुन्नू कुमार ने बताया कि जब मैं मेडिकल बनाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय मैं पदस्थापित कर्मचारी को कहा मेरा मेडिकल बनाया जाए तो उन्होंने कहा कि जब तक ₹600 नहीं देंगे तब तक आपका मेडिकल नहीं बनेगा. मेडिकल के नाम पर पैसे की उगाही की जा रही है. लगता है कि छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े पदाधिकारी की मिलीभगत से पैसे की उगाही का खेल किया जा रहा है.

शिक्षक निशी कुमारी ने बताया कि सिविल सर्जन ऑफिस के कर्मचारी ने मुझसे ₹600 की मांग की कहा कि जब तक पैसा नहीं दोगे मेडिकल नहीं बनेगा. मैंने मेडिकल बनाने के लिए पैसा दिया. पीड़ित शिक्षक ने कहा कि एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार से मुक्ति की बात करती है, तो वहीं दूसरी ओर खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है. एक साथ 623 लोगों से पैसा वसूला जा रहा है.

इस बाबत डीएम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, अगर पैसों का खेल सिविल सर्जन ऑफिस में खेला जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी. जो लोग भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई किया जाएगा. सिविल सर्जन कार्यालय में हो रहे इस कारनामे से शिक्षकों में काफी रोष है.

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जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद में सिविल सर्जन कार्यालय अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहा है. ज्ञात हो कि 23 तारीख को जहानाबाद जिले में 623 शिक्षकों का नियोजन हुआ है. गाइडलाइन के अनुसार सभी शिक्षकों को मेडिकल प्रमाण पत्र बनाकर विद्यालय में योगदान करना है. इसके लिए सुबह से ही शिक्षक सिविल सर्जन कार्यालय में मेडिकल बनाने के लिए पहुंच गए. लेकिन, सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारियों ने शिक्षकों से मेडिकल बनाने के नाम पर पैसा अवैध वसूलना शुरू कर दिया.

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शिक्षक मुन्नू कुमार ने बताया कि जब मैं मेडिकल बनाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय मैं पदस्थापित कर्मचारी को कहा मेरा मेडिकल बनाया जाए तो उन्होंने कहा कि जब तक ₹600 नहीं देंगे तब तक आपका मेडिकल नहीं बनेगा. मेडिकल के नाम पर पैसे की उगाही की जा रही है. लगता है कि छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े पदाधिकारी की मिलीभगत से पैसे की उगाही का खेल किया जा रहा है.

शिक्षक निशी कुमारी ने बताया कि सिविल सर्जन ऑफिस के कर्मचारी ने मुझसे ₹600 की मांग की कहा कि जब तक पैसा नहीं दोगे मेडिकल नहीं बनेगा. मैंने मेडिकल बनाने के लिए पैसा दिया. पीड़ित शिक्षक ने कहा कि एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार से मुक्ति की बात करती है, तो वहीं दूसरी ओर खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है. एक साथ 623 लोगों से पैसा वसूला जा रहा है.

इस बाबत डीएम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, अगर पैसों का खेल सिविल सर्जन ऑफिस में खेला जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी. जो लोग भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई किया जाएगा. सिविल सर्जन कार्यालय में हो रहे इस कारनामे से शिक्षकों में काफी रोष है.

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