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मशरूम की खेती यहां की महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर, खूब हो रही है कमाई

यहां मशरूम की इतनी खेती हुई कि इस गांव का नाम बदलकर अब मशरूम ग्राम रख दिया गया है. इलाके के लोगों में स्वरोजगार की ललक बढ़ी रही है.

मशरूम
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Published : Mar 1, 2019, 6:03 PM IST

जमुईःबुलंद हौसले और सच्ची लगन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम आसान हो जाता है. जमुई जिला के खैरा प्रखंड के जीतझिन्गोइ पंचायत के हरदीमोह गांव में महिलाओं ने ऐसा कुछ कर दिखाया जिनकी मेहनत के बदौलत आज उनकी आय दोगुनी हो गई है. घर-घर मशरूम की खेती होने लगी.

यहां मशरूम की इतनी खेती हुई कि इस गांव का नाम बदलकर अब मशरूम ग्राम रख दिया गया है. दरअसल, जिला प्रशासन और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण यानी आत्मा के सहयोग से यहां की ग्रामीण महिलाएं मशरूम की खेती करके आत्मनिर्भर बन रहीहैं. इनकी आर्थिक स्थिती में इससे काफी सुधार हुआ है.

बयान देती मशरूम की खेती करने वाली महिला

महिलाओं का क्या है कहना
अपने गांव और घर में ही रहकर अच्छे पैसे कमाने की यह बड़ीपहल है. स्वरोजगार योजना के तहत यहां की महिलाएं अब स्वावलंबी होती जा रही हैं.मशरूम की खेती करने वाली महिलाओं का कहना है कि मशरूम की खेती करने से महीने में करीब 15 से 20000 की आमदनी हो जाती है. खाद और बीज प्रौद्योगिकी प्रबंधन की ओर से दिया जाता है. यही वजह है कि मशरूम उगाने वाली महिलाएं में काफी उत्साह है.

mushroom ki kheti
मशरूम की खेती करने वाली महिला

महिलाओं का कहना है कि इस खेती में कोई परेशानी नहीं है. मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में हरदीमोह गांव यानी मशरूम ग्राम की महिलाएं काफी उत्साहित हैं ,इससेइलाके के अन्य लोगों में भी स्वरोजगार की ललक बढ़ रही है.

जमुईःबुलंद हौसले और सच्ची लगन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम आसान हो जाता है. जमुई जिला के खैरा प्रखंड के जीतझिन्गोइ पंचायत के हरदीमोह गांव में महिलाओं ने ऐसा कुछ कर दिखाया जिनकी मेहनत के बदौलत आज उनकी आय दोगुनी हो गई है. घर-घर मशरूम की खेती होने लगी.

यहां मशरूम की इतनी खेती हुई कि इस गांव का नाम बदलकर अब मशरूम ग्राम रख दिया गया है. दरअसल, जिला प्रशासन और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण यानी आत्मा के सहयोग से यहां की ग्रामीण महिलाएं मशरूम की खेती करके आत्मनिर्भर बन रहीहैं. इनकी आर्थिक स्थिती में इससे काफी सुधार हुआ है.

बयान देती मशरूम की खेती करने वाली महिला

महिलाओं का क्या है कहना
अपने गांव और घर में ही रहकर अच्छे पैसे कमाने की यह बड़ीपहल है. स्वरोजगार योजना के तहत यहां की महिलाएं अब स्वावलंबी होती जा रही हैं.मशरूम की खेती करने वाली महिलाओं का कहना है कि मशरूम की खेती करने से महीने में करीब 15 से 20000 की आमदनी हो जाती है. खाद और बीज प्रौद्योगिकी प्रबंधन की ओर से दिया जाता है. यही वजह है कि मशरूम उगाने वाली महिलाएं में काफी उत्साह है.

mushroom ki kheti
मशरूम की खेती करने वाली महिला

महिलाओं का कहना है कि इस खेती में कोई परेशानी नहीं है. मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में हरदीमोह गांव यानी मशरूम ग्राम की महिलाएं काफी उत्साहित हैं ,इससेइलाके के अन्य लोगों में भी स्वरोजगार की ललक बढ़ रही है.

Intro:लाल गलियारे में आप निर्भर हो रहे हैं महिलाएं

ANC-जमुई जिले में जिला प्रशासन और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण यानी आत्मा के सहयोग से ग्रामीण आत्मनिर्भर बन रहे हैं ,और अपने गांव में रहकर ही ग्रामीण महिलाएं और बुजुर्ग अपने घर पर ही मशरूम की खेती कर अच्छे पैसे कमाने लगे हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो रही है देखिए पूरी रिपोर्ट एक गांव ऐसा जहां घर-घर होती है मशरूम की खेती


Body:घर घर मशरूम की खेती होने से गांव का नाम पड़ा मशरूम ग्राम

बुलंद हौसले और सच्ची लगन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम आसान हो जाता है ।जमुई जिला के खैरा प्रखंड के जीतझिन्गोइ पंचायत के हरदीमोह गांव में महिलाओं ने ऐसा कुछ कर दिखाया जिनकी मेहनत के बदौलत आज उनकी आय दोगुनी हो गई है। घर-घर मशरूम की खेती होने से गांव का नाम बदलकर अबमशरूम ग्राम रख दिया गया है ।ऐसा लगता है मानो सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं में स्वरोजगार की योजना काफी है । स्वरोजगार योजना के तहत यहां की महिलाओं की आय दोगुनी हो गई है, वहीं यहां की महिलाएं अब स्वाबलंबी भी होती जा रही है। दरअसल इस गांव का नाम हरदीमोह है, लेकिन यहां की महिलाएं स्वरोजगार के बदौलत यहां घर-घर मशरूम की खेती होने के चलते अब इस गांव का नाम बदलकर मशरूम ग्राम पर गया है ।मशरूम की खेती करने वाली महिलाओं का कहना है कि मशरूम की खेती करने से महीने में करीब 15 से 20000 की आमदनी हो जाती है ,और खाद और बीज प्रौद्योगिकी प्रबंधन की ओर से दिया जाता है।

byte रिंकी,मशरूम की खेती करने वाली महिला


Conclusion: मशरूम उगाने वाली महिलाएं है काफी उत्साहित

मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में हरदीमोह गांव यानी मशरूम ग्राम की महिलाएं जहां काफी उत्साहित हैं ,वहीं यहां घर- घर मशरूम की खेती होने से यहां की महिलाएं स्वरोजगार कर स्वाबलंबी भी होती जा रही है ।जिसे इलाके के अन्य लोगों में स्वरोजगार की ललक बढ़ी है ।
ई टीवी भारत के लिए जमुई से ब्रजेन्द्र नाथ झा
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