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ऑपरेशन के 5 साल बाद महिला हुई प्रेग्नेंट, स्वास्थ्य विभाग पर उठ रहे सवाल - समाजसेविका महिला

इस संबंध में गांव के ही समाज सेविका महिला बताती हैं कि पीड़ित महिला के साथ काफी गलत हुआ है. उसका पति मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरता है. ऐसे में इतने बड़े परिवार का बोझ उठाना उसके लिए काफी मुश्किल होगा.

बंध्याकरण के 5 साल बाद महिला हुई गर्भवती
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Published : Nov 15, 2019, 3:25 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 3:54 PM IST

जमुई: प्रदेश में बढ़ती आबादी को थामने के लिए सरकार एक ओर जहां तरह-तरह के नारे देकर नागरिकों को जागरूक करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर सूबे का स्वास्थ्य महकमा सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेरने का हर संभव प्रयास कर रही है. ताजा मामला जिले के गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के सेवा गांव का है. जहां, बंध्याकरण ऑपरेशन के 5 साल बाद एक महिला फिर से गर्भवती हो गई.

गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

8 माह की गर्भवती है महिला
बताया जाता है कि प्रखंड क्षेत्र के सेवा गांव निवासी सतीश रावत की पत्नी ललिता देवी ने परिवार नियोजन के लिए विगत 5 साल पहले बंध्याकरण का ऑपरेशन कराया था.लेकिन ऑपरेशन के बाद भी ललिता गर्भवती हो गई. अब उनके गर्भ में 8 माह का बच्चा है. ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए पीड़ित महिला ने बताया कि मेरा पति मजदूरी करता है.हमें पहले से 4 बच्चे है. लेकिन विभाग के लापरवाही के कारण मुझे यह अनचाहा बोझ उठाना पड़ेगा.ऐसे में इस बच्चे का भरण-पोषण कैसे होगा.

ईटीवी भारत से बात करती पीड़ित महिला
ईटीवी भारत से बात करती पीड़ित महिला

विभाग दे मुआवजा- समाजसेविका
इस संबंध में गांव के ही समाजसेवी महिला अनिता बताती है कि पीड़ित महिला के साथ काफी गलत हुआ है. उसका पति दूसरे प्रदेशों में रहकर मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरता है. वह पहले से ही 4 बच्चों की मां है.ऐसे में 5 वें बच्चे का जन्म का मतलब भोजन की 5 वीं थाली का व्यवस्था करना है.यह विभाग की बड़ी लापरवाही का नतीजा है.इसलिए विभाग संबंधित डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई करे और पीड़ित महिला को मुआवजा उपलब्ध कराए.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

विभाग ने झाड़ा अपना पल्ला
इस मामले की तह तक जाने के लिए जब ईटीवी की टीम ने गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.रामस्वरूप से मामले की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस मामले में विभाग की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई. इस मामले में 2 से 3 प्रतिशत फेल्योर की संभावना रहती है.इसको 'फेल्योर' ऑपरेशन कह सकते है. जहां तक मुआवजे की बात है, तो कागजी कार्रवाई पूरा करने के बाद पीड़ित महिला को सरकार के तरफ से तय मुआवजा राशी मिलेगी.

समाजसेवी महिला अनिता
अनिता,समाजसेवी महिला

पीड़ित महिला को दिया जाएगा मुआवजा- सीएस
वहीं , मामले पर बोलते हुए जिले के सीएस डॉ. श्याम मोहन दास बताते है कि इसमें मेडिकल विभाग का कोई दोष नहीं है.पीड़ित महिला का आवेदन मिला है. सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा का राशी पीड़ित महिला को दी जाएगी. वहीं जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सुधांशू बताते है कि बंध्याकरण ऑपरेशन फेल्योर के बाद फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन स्कीम के तहत वर्तमान में 30 हजार की मुआवजा राशी दी जाती है. सरकारी कागजी कार्रवाई पूरा होने के बाद महिला को मुआवजे की राशी उसके बैंक खाते में भेज दिया जाएगा.

पीड़ित महिला का घर
पीड़ित महिला का घर

आर्थिक बोझ की भरपाई कैसे ?
गौरतलब है कि आबादी को थामने के लिए सरकार तरह- तरह के उपाय कर रही है. मुफ्त बंध्याकरण ऑपरेशन के साथ मरीज को आर्थिक सहयोग देना भी ऐसा ही एक उपाय है. लेकिन, इसे लेकर अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही से स्थानीय लोग अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं.इस लापरवाही की जिम्मेदारी किसकी होगी और पीड़ित पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ की भरपाई कैसे होगी यह एक बड़ा सवाल है?

गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.रामस्वरूप
गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.रामस्वरूप

जमुई: प्रदेश में बढ़ती आबादी को थामने के लिए सरकार एक ओर जहां तरह-तरह के नारे देकर नागरिकों को जागरूक करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर सूबे का स्वास्थ्य महकमा सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेरने का हर संभव प्रयास कर रही है. ताजा मामला जिले के गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के सेवा गांव का है. जहां, बंध्याकरण ऑपरेशन के 5 साल बाद एक महिला फिर से गर्भवती हो गई.

गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

8 माह की गर्भवती है महिला
बताया जाता है कि प्रखंड क्षेत्र के सेवा गांव निवासी सतीश रावत की पत्नी ललिता देवी ने परिवार नियोजन के लिए विगत 5 साल पहले बंध्याकरण का ऑपरेशन कराया था.लेकिन ऑपरेशन के बाद भी ललिता गर्भवती हो गई. अब उनके गर्भ में 8 माह का बच्चा है. ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए पीड़ित महिला ने बताया कि मेरा पति मजदूरी करता है.हमें पहले से 4 बच्चे है. लेकिन विभाग के लापरवाही के कारण मुझे यह अनचाहा बोझ उठाना पड़ेगा.ऐसे में इस बच्चे का भरण-पोषण कैसे होगा.

ईटीवी भारत से बात करती पीड़ित महिला
ईटीवी भारत से बात करती पीड़ित महिला

विभाग दे मुआवजा- समाजसेविका
इस संबंध में गांव के ही समाजसेवी महिला अनिता बताती है कि पीड़ित महिला के साथ काफी गलत हुआ है. उसका पति दूसरे प्रदेशों में रहकर मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरता है. वह पहले से ही 4 बच्चों की मां है.ऐसे में 5 वें बच्चे का जन्म का मतलब भोजन की 5 वीं थाली का व्यवस्था करना है.यह विभाग की बड़ी लापरवाही का नतीजा है.इसलिए विभाग संबंधित डॉक्टरों पर कठोर कार्रवाई करे और पीड़ित महिला को मुआवजा उपलब्ध कराए.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

विभाग ने झाड़ा अपना पल्ला
इस मामले की तह तक जाने के लिए जब ईटीवी की टीम ने गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.रामस्वरूप से मामले की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस मामले में विभाग की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई. इस मामले में 2 से 3 प्रतिशत फेल्योर की संभावना रहती है.इसको 'फेल्योर' ऑपरेशन कह सकते है. जहां तक मुआवजे की बात है, तो कागजी कार्रवाई पूरा करने के बाद पीड़ित महिला को सरकार के तरफ से तय मुआवजा राशी मिलेगी.

समाजसेवी महिला अनिता
अनिता,समाजसेवी महिला

पीड़ित महिला को दिया जाएगा मुआवजा- सीएस
वहीं , मामले पर बोलते हुए जिले के सीएस डॉ. श्याम मोहन दास बताते है कि इसमें मेडिकल विभाग का कोई दोष नहीं है.पीड़ित महिला का आवेदन मिला है. सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा का राशी पीड़ित महिला को दी जाएगी. वहीं जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सुधांशू बताते है कि बंध्याकरण ऑपरेशन फेल्योर के बाद फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन स्कीम के तहत वर्तमान में 30 हजार की मुआवजा राशी दी जाती है. सरकारी कागजी कार्रवाई पूरा होने के बाद महिला को मुआवजे की राशी उसके बैंक खाते में भेज दिया जाएगा.

पीड़ित महिला का घर
पीड़ित महिला का घर

आर्थिक बोझ की भरपाई कैसे ?
गौरतलब है कि आबादी को थामने के लिए सरकार तरह- तरह के उपाय कर रही है. मुफ्त बंध्याकरण ऑपरेशन के साथ मरीज को आर्थिक सहयोग देना भी ऐसा ही एक उपाय है. लेकिन, इसे लेकर अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही से स्थानीय लोग अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं.इस लापरवाही की जिम्मेदारी किसकी होगी और पीड़ित पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ की भरपाई कैसे होगी यह एक बड़ा सवाल है?

गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.रामस्वरूप
गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.रामस्वरूप
Intro:जमुई " वैसे तो सरकार नारा देती है बच्चे दो ही अच्छे और सरकार के मंत्री जन संख्या नियंत्रण की बात करती है कभी दो बच्चा और कभी एक बच्चा ही ठीक की सीख देने में लगे है लेकिन सरकार का स्वास्थ्य विभाग इन सब की धज्जियां उड़ाते हुए एक कारनामा कर दिखाया है "

जमुई के गिद्धौर प्रखंड के सेवा गांव के ' ललिता देवी ' के साथ ये कारनामा कर दिखाया है 6 जुलाई 2013 को महिला ललिता देवी ने गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन करवाया था ये तय कर की अब बच्चा नहीं चाहिए लेकिन ये क्या ऑपरेशन कराने के लगभग छ: साल बाद 3 अगस्त 2019 को पेट में दर्द हुआ डॉक्टर से चेकअप और अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला उसके पेट में 8 माह का गर्भ है अगले माह बच्चा होने वाला है पूरा परिवार सदमे में है पति मजदूरी कर परिवार का पेट पालता है


Body:जमुई " वैसे तो सरकार नारा देती है बच्चे दो ही अच्छे और सरकार के मंत्री जन संख्या नियंत्रण की बात करती है कभी दो बच्चा और कभी एक बच्चा ही ठीक की सीख देने में लगे है लेकिन सरकार का स्वास्थ्य विभाग इन सब की धज्जियां उड़ाते हुए एक कारनामा कर दिखाया है "

जमुई के गिद्धौर प्रखंड के सेवा गांव के ' ललिता देवी ' के साथ ये कारनामा कर दिखाया है 6 जुलाई 2013 को महिला ललिता देवी ने गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन करवाया था ये तय कर की अब बच्चा नहीं चाहिए लेकिन ये क्या ऑपरेशन कराने के लगभग छ: साल बाद 3 अगस्त 2019 को पेट में दर्द हुआ डॉक्टर से चेकअप और अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला उसके पेट में 8 माह का गर्भ है अगले माह बच्चा होने वाला है पूरा परिवार सदमे में है पति मजदूरी कर परिवार का पेट पालता है

महिला ललिता देवी ने etv bharat को बताया पहले से ही तीन पुत्र है परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है पति मजदूरी कर पूरे परिवार का पेट पालता है बच्चो को पढ़ा लिखाकर शिक्षित भी करना चाहता है तीन बच्चे के बाद अब और बच्चे नहीं चाहिए ऐसा अच्छा सोचकर गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन करा तो लिया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है न चाहते हुए भी आनेवाले नन्हे मेहमान सहित पूरे परिवार के भरण पोषण की चिंता सताने लगी है

इस संबंध में पीड़ित महिला ने सिविल सर्जन व प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी से शिकायत करते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की है

समाजसेवी अनिता मैडम के अनुसार
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पीड़ित ललिता देवी के साथ बहुत गलत हुआ है पहले ही पूरा परिवार आर्थिक तंगी झेल रहा है न चाहते हुए भी अगले महीने महिला एक और बच्चे को जन्म देने वाली है गरीबी लाचारी और अब स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है शिकायत और क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन दिया है इसपर जल्द से जल्द कारवाई होनी चाहिए

गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ0 रामस्वरूप
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दो तीन प्रतिशत फेल हो जाता है बंध्याकरण ऑपरेशन इसको ' फेल्योर ' कह सकते है इसमें डॉ0 या सर्जन की लापरवाही नहीं कह सकते है त्रुटि नहीं है ये जहां तक मुआवजा की बात है आवेदन मिला है पीड़ित के तरफ से कागजी कारवाई के बाद जिला स्वास्थ्य समिति जमुई को भेज दिया जाएगा सरकार के तरफ से जो राशि तय है मिलेगी

जमुई सिविल सर्जन
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कुछ ऑपरेशन फेल्योर हो जाता है पीड़ित का कहना भी ठीक है लेकिन इसमें किसी को दोष नहीं दे सकते आवेदन मिला है पीड़ित के द्वारा जो सरकार का प्रावधान है पीडि़त को मुआवजा दिया जाएगा

जमुई जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सुधांशू
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इस सर्जरी में दो तीन परसेंट फेल्योर हो ही जाता है फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन में सरकार का कुछ स्किम है जिसके तहत कोई भी सरकारी अस्पताल में बंध्याकरण ऑपरेशन फेल्योर हो जाता महिला गर्भवती हो जाती है तो कुछ कागजी कारवाई के बाद 30,000 रूपया मुआवजा देने का प्रावधान है

पीटीसी पीड़ित महिला ललिता के साथ

वाइट ----- समाजसेवी महिला अनिता

वाइट ----- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी

वाइट ------ सिविल सर्जन

वाइट ------ जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम

राजेश जमुई ( एक्सक्लुसिव खबर )


Conclusion:जमुई " वैसे तो सरकार नारा देती है बच्चे दो ही अच्छे और सरकार के मंत्री जन संख्या नियंत्रण की बात करती है कभी दो बच्चा और कभी एक बच्चा ही ठीक की सीख देने में लगे है लेकिन सरकार का स्वास्थ्य विभाग इन सब की धज्जियां उड़ाते हुए एक कारनामा कर दिखाया है "

जमुई के गिद्धौर प्रखंड के सेवा गांव के ' ललिता देवी ' के साथ ये कारनामा कर दिखाया है 6 जुलाई 2013 को महिला ललिता देवी ने गिद्धौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन करवाया था ये तय कर की अब बच्चा नहीं चाहिए लेकिन ये क्या ऑपरेशन कराने के लगभग छ: साल बाद 3 अगस्त 2019 को पेट में दर्द हुआ डॉक्टर से चेकअप और अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला उसके पेट में 8 माह का गर्भ है अगले माह बच्चा होने वाला है पूरा परिवार सदमे में है पति मजदूरी कर परिवार का पेट पालता है
Last Updated : Nov 15, 2019, 3:54 PM IST
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